माँ बनना किसी भी महिला के लिए उसकी जिंदगी का सबसे खूबसूरत अहसास होता है, फिर चाहे वो लड़के की माँ बने या लड़की की। माँ बनने का अहसास ही महिला में मातृत्व की भावना को बढ़ा देता है। गर्भवती महिला की चाल ढाल, उसके लक्षणों को देखकर पुराने समय में लोग अंदाज़ा लगाते थे की गर्भ में लड़का है या लड़की। और कई लोग आज भी ऐसा करते है, लेकिन यह केवल अंदाजा ही होता है पूरी तरह से इसे सच नहीं कहा जा सकता है।
जैसे की बड़े बुर्जुग कहते थे की यदि महिला के पेट का आकार कम होने के साथ गोल है तो इसका मतलब गर्भ में लड़का है, और यदि पेट आगे की और अधिक निकला हुआ है तो गर्भ में लड़की हो सकती है। ऐसे और भी बहुत से लक्षण हैं जिन्हे देखकर केवल अनुमान ही बड़े बुर्जुग लगाते थे की गर्भ में पल रहे शिशु का जेंडर क्या है। ऐसे ही गर्भ में शिशु की हलचल जानकर भी अनुमान लगाया जा सकता है की गर्भ में पल रहा शिशु लड़का है या लड़की। गर्भ में शिशु पांचवे महीने में हलचल शुरू कर सकता है, शुरुआत में यह हलचल कम महसूस होती है लेकिन धीरे धीरे जैसे शिशु बढ़ता है वैसे ही यह हलचल ज्यादा भी महसूस हो सकती है।
गर्भ में शिशु की हलचल से कैसे पता चलता है की लड़का है या लड़की
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भ में शिशु की हलचल को पहली बार महसूस करना गर्भवती महिला के लिए सबसे यादगार लम्हो के साथ एक अनोखा अनुभव भी होता है। खासकर जब पहली बार प्रेगनेंसी होती है, ऐसे में माना जाता है की यदि गर्भ में शिशु बहुत ज्यादा सक्रिय होता है तो यह गर्भ में लड़का होने का संकेत होता है, जबकि यदि गर्भ में शिशु कम मूवमेंट करता है तो यह गर्भ में लड़की होने का संकेत होती है। यह पूरी तरह से सच नहीं है बल्कि लोग केवल ऐसा अनुमान ही लगाते है।
तो यह है गर्भ में शिशु की मूवमेंट से कैसे पता लगाया जाता है की गर्भ में लड़का है या लड़की से जुडी कुछ बातें, साथ ही शिशु चाहे लड़का हो या लड़की लेकिन उसके आने से घर में एक नन्हा मेहमान आने के साथ सबसे चेहरे पर मुस्कुराहट आ जाती है। ऐसे में घर में आए नन्हे मेहमान का स्वागत करना चाहिए।