जब किसी महिला को पता चलता है की वो माँ बनने वाली है तो उसकी खुशियों का ठिकाना नहीं रहता है। लेकिन यदि किसी कारण महिला का गर्भपात हो जाए तो इसके कारण महिला केवल शारीरिक रूप से ही नहीं बल्कि मानसिक रूप से भी टूट जाती है। ऐसे में गर्भपात जैसी समस्या से बचने के लिए महिला को प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही कुछ ऐसी बातों का खास ध्यान रखना चाहिए जिससे महिला को गर्भपात जैसी परेशानी से बचाव करने के साथ प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली कॉम्प्लीकेशन्स से बचे रहने में भी मदद मिल सके। साथ ही महिला को गर्भपात के सभी लक्षणों का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि यदि थोड़ी सी भी परेशानी हो तो उसी समय इलाज करके गर्भपात जैसी परेशानी से बचाव करने में मदद मिल सके।
गर्भ ठहरने के बाद ये करें गर्भपात नहीं होगा
जैसे ही महिला पीरियड्स के मिस होने के बाद घर में प्रेगनेंसी टेस्ट करती है, और उसका परिणाम पॉजिटिव आता है। उस समय से ही महिला को कुछ ऐसी बातों का ध्यान रखना चाहिए जिससे महिला को गर्भपात जैसी परेशानी से बचाव करने में मदद मिल सके। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की गर्भधारण के बाद वो कौन सी बातें हैं जिनका ध्यान रखने से गर्भपात के खतरे से बचे रहने में मदद मिलती है।
डॉक्टर से मिलें
प्रेगनेंसी कन्फर्म होने के बाद आपको सबसे पहले एक अच्छे से डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए और उससे जाकर मिलना चाहिए। साथ ही यदि आपको कोई शारीरिक परेशानी है, या आपकी कोई मेडिकल हिस्ट्री है तो उन सभी रिपोर्ट्स को अपने साथ लेकर जाना चाहिए। ताकि डॉक्टर को आपकी कंडीशन को समझने में आसानी हो और जल्दी से जल्दी आपका प्रेगनेंसी का शुरुआत से ही सही ट्रीटमेंट शुरू हो सके।
अपनी जाँच करवाएं
बहुत से ऐसे टेस्ट होते हैं जो प्रेगनेंसी की शुरुआत में करवाएं जाते हैं जिनसे आपकी गर्भावस्था को समझने में आसानी होती है। तो आपको वो सभी टेस्ट समय से करवाने चाहिए ताकि यदि कोई परेशानी हो तो उसका समय से इलाज हो जाए। जिससे आपको गर्भपात जैसी परेशानी से बचने में मदद मिल सके।
भरपूर आराम करें
प्रेगनेंसी का शुरुआत का समय बहुत की अहम होता है खासकर पहले तीन महीने में यदि महिला किसी भी तरह की लापरवाही करती है। तो इसका असर केवल महिला के स्वास्थ्य पर ही नहीं पड़ता है बल्कि इसके कारण गर्भ में शिशु को भी समस्या हो सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला को इस बात का ध्यान रखना और जितना हो सके आराम करना चाहिए, क्योंकि महिला जितना आराम करती है उतना ही प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स को कम करने और गर्भपात की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
खुश रहें
निषेचन की क्रिया के बाद से ही बॉडी में तेजी से हार्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं जिसके कारण महिला परेशान हो सकती है यहां तक की कुछ गर्भवती महिलाएं तो इसके कारण तनाव में भी आ जाती है। ऐसे में महिला का तनाव लेना न केवल महिला को मानसिक रूप से परेशान करता है बल्कि इसका नकारात्मक असर गर्भ में पल रहें शिशु पर पड़ सकता है। यहां तक की तनाव अधिक लेने के कारण मिसकैरिज का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में जितना हो सके गर्भपात की समस्या से बचने के लिए प्रेगनेंसी कन्फर्म होने के बाद महिला को बहुत खुश रहना चाहिए। और खुश रहने के लिए महिला को परिवार के साथ समय बिताना चाहिए, अपनी पसंद का काम करना चाहिए जो की प्रेगनेंसी में सेफ हो, मैडिटेशन करनी चाहिए, आदि।
लापरवाही से बचे
गर्भपात से सुरक्षित रहने के लिए प्रेगनेंसी के शुरुआत समय में महिला को किसी भी तरह की लापरवाही जैसे की पेट के बल काम करना, झुकना, भारी सामान उठाना, भारी सामान सरकाना, केमिकल वाली चीजों का इस्तेमाल करना, व्यायाम करना, डाइट करना, खाने में लापरवाही करना, तेजी से चलना, भागदौड़ करना, आदि से बचना चाहिए। क्योंकि इन सभी के कारण महिला के मिसकैरिज के चांस बढ़ सकते हैं ऐसे में यदि महिला इन चीजों का ध्यान रखती है तो इससे महिला को गर्भपात की समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
आहार का ध्यान रखें
पोषक तत्वों की शरीर में कमी होने के कारण महिला काफी कमजोर महसूस कर सकती है, और गर्भवती महिला के शरीर का कमजोर होना भी गर्भपात का कारण बन सकता है। साथ ही महिला को कच्चा पपीता, अनानास जैसी कुछ खाने की चीजें हैं जिनसे प्रेगनेंसी के दौरान परहेज करना चाहिए क्योंकि इनसे भी गर्भपात होने का खतरा रहता है। ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करने से गर्भवती महिला को करना चाहिए इससे महिला स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। और जितना गर्भवती महिला स्वस्थ रहती है उतना ही गर्भपात जैसी परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है। इसके अलावा उन चीजों के सेवन से भी महिला को परहेज करना चाहिए जिसके कारण महिला को गर्भपात का खतरा रहता है।
दवाइयां समय से लें
गर्भपात से बचने के लिए महिला को अपनी सभी दवाइयों का सेवन समय से करना चाहिए, और केवल डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का ही सेवन करना चाहिए। अपनी मर्ज़ी से किसी भी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि प्रेग्नेंट महिला डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का सेवन समय पर करती है तो इससे भी गर्भपात से बचने में मदद मिलती है।
लक्षणों को समझें
कुछ ऐसे लक्षण हैं जो गर्भवती महिला को यदि अपनी बॉडी में महसूस हो तो यह गर्भपात का कारण बन सकते हैं। ऐसे में महिला को इन लक्षणों को समझना चाहिए ताकि किसी समस्या के होने पर जल्द से जल्द ट्रीटमेंट करके उस परेशानी से बचने में मदद मिल सके। जैसे की पेट के निचले हिस्से में दर्द, ब्लीडिंग अधिक होना, मासिक धर्म की तरह पेट या पीठ में दर्द का अनुभव होना, आदि के होने पर जल्दी से जल्दी डॉक्टर से मिलना चाहिए।
तो यह हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान गर्भवती महिला को गर्भधारण के बाद रखना चाहिए, यदि महिला इन टिप्स का अच्छे से ध्यान रखती है। तो ऐसा करने से न केवल महिला को गर्भपात के खतरे से बचे रहने में मदद मिलती है बल्कि इससे महिला को प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने और गर्भ में शिशु के बेहतर विकास में मदद मिलती है।