क्या खाये क्या न खाये गर्भवती महिलाएं:-आज के समाज में गर्भवती महिला के लिए किसी बच्चे को जन्म देना किसी चुनौती से काम नहीं हैं.आज के समय में बच्चे के जन्म से पहले महिलाओं और पुरुषों को कई सावधानिया बरतनी पड़ती हैं.उनमे से एक खाने की सावधानी हैं.यदि हम थोड़ी सी भी असावधानी बरतते हैं तो यह हमारे लिए बाद में हानिकारक सिद्ध होती हैं.इसलिए हमे गर्भावस्था में अपना अच्छी तरह धयान रखना चाहिए.हमे पोष्टिक आहार ही लेना चाहिए.गर्भावस्था के दो महीने के बाद हमारी भूख निरन्तर बढ़ती जाती हैं.अच्छा आहार गर्भावस्था में वरदान का काम करता हैं.और गर्भवती महिला और उनके बच्चे के लिए फायदेमंद सिद्ध होता हैं.
गर्भावस्था के तीन हिस्से पहले तीन महीने हमे खाने का सबसे ज्यादा धयान देना चाहिए. नियमित आहार के साथ-साथ अगले छह महीने तक हमे आहार के साथ व्ययाम पर भी धयान देना चाहिए.
हरी सब्जियों का सेवन:- हरी सब्जियों को हमे अपने दैनिक आहार में सम्मिलित करना चाहिए.हरी सब्जियों के सेवन से हमारा शारीर स्वस्थ व् तंदरुस्त रहता हैं.और इसको अपने दैनिक आहार में सम्मिलित करने के बाद हमे खून की कमी की वजह से होने वाली परेशानिओ का सामना नहीं करना पड़ता. व् ये गर्भवती महिला व् होने वाले बच्चे को बीमारियों से बचने में सहायता करता हैं.हरी सब्जियों जैसे पालक, करेला,भिंडी ,पुदीना,घीया तोरई आदि का लगातार सेवन करना चाहिए.बहार के खाने से बचना चाहिए.ज्यादा तीखा का सेवन नहीं करना चाहिए.नियमित रूप से सलाद का सेवन करना चाहिए.घीया का सूप बनकर पीना चाहिए.
दूध व् फलों का सेवन:- गर्भावस्था के दौरान हमे कभी भी ठन्डे दूध व् काफी समय तक पड़े हुए कटे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए. हमे सदैव ताजे फलों व् हल्का गरम दूध ही अपने आहार में सम्मिलित करना चाहिए.फलों को थोड़े-थोड़े समय के बाद कहते रहना चाहिए.इससे हमारे शरीर में प्रोटीन कैल्शियम की मात्रा बनी रहती हैं.दूध ताजा ही प्रयोग में लाना चाहिए.व् दूध व् फलों के बीच में थोड़ा अंतराल होना चाहिए.हमे काळा अंगूर ,अनार ,आंवला ,चुकंदर,सेब आदि का सेवन करना चाहिए ,इन सबका सेवन करते समय हमे नीबू का प्रयोग करना चाहिए क्योंकि यह पाचनक्रिया में मदद करता हैं.पपीता का प्रयोग अपने आहार में नहीं करना चाहिए.लीची ,अन्नानास जैसे फलों का सेवन नहीं करना चाहिए.हरे नारियल का पनि उत्तम होता हैं.
दालो का प्रयोग:-हमे दालो का प्रयोग भी अपने आहार में शामिल करना चाहिए.ऐसा माना जाता हैं के दालो में सबसे ज्यादा प्रोटीन होता हैं.गर्भवती महिला के लिए मूंग दाल सबसे अच्छी मानी जाती हैं.सुबह उठ कर दाल में हल्का घी का तड़का लगाकर उसमे निंबू का रास मिलाकार खाने से बहुत फायदा होता हैं.यह हमारे शरीर में होने वाली प्रोटीन की कमी को दूर करता हैं.कभी कभी अन्य दालों को भी खाना चाहिए परन्तु कम मात्रा में क्योंकि भारी होने के कारन ये पाचनक्रिया में समय लेती हैं.जद तीखा का सेवन नहीं करना चाहिए.न ही ज्यादा तली हुई चीजों का प्रयोग करना चाहिए.
गर्भवती महिला को हमेशा नियमित रूप से डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए. हमेशा उन्हें आराम ही नहीं करना चाहिए.व्ययाम भी उनकी दिनचर्या का हिस्सा होना चाहिए.महिलाओं को नियमित रूप से अपने यूरिन व् खून का टेस्ट करवाना चाहिए.दौड़ लगाना,भारी सामान उठाना जैसे काम नहीं करने चाहिए.
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