गर्भधारण के बाद कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए

प्रेगनेंसी से जुड़े टिप्स

गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए उसकी जिंदगी का सबसे बेहतरीन अहसास होता है। और जितना खूबसूरत यह अहसास होता है उतना ही महिला को इस अहसास को बरकरार रखने के लिए प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी सावधानियां बरतनी चाहिए। जैसे की प्रेगनेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए, क्या नहीं खाना चाहिए, क्या करना चाहिए, क्या नहीं करना चाहिए, प्रेगनेंसी में कौन कौन सी समस्या आ सकती है, आदि। इस बारे में जानना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को जितनी अधिक जानकारी होती है उतना ही ज्यादा प्रेगनेंसी में आने वाली मुश्किलों को कम करने में मदद मिलती है। जिससे प्रेग्नेंट महिला को स्वस्थ रहने और गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में मदद मिलती है। और प्रेगनेंसी से जुडी जानकारी के लिए महिला इंटरनेट, किताबों, घर के बड़ो के एक्सपीरियंस का सहारा ले सकती है।

गर्भधारण के बाद क्या न करें

प्रेगनेंसी की खबर मिलने के बाद गर्भवती महिला को अपनी सेहत का दुगुना ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि अब महिला अकेली नहीं होती है बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु का विकास भी पूरी तरह से महिला पर ही निर्भर करता है। ऐसे में कुछ ऐसे काम है जो प्रेगनेंसी के बाद नहीं करने चाहिए क्योंकि उन कामों को करने से शिशु और महिला के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की गर्भधारण के बाद महिला को क्या नहीं करना चाहिए।

भारी वजन

प्रेग्नेंट महिला को पूरी प्रेगनेंसी के दौरान भारी सामान को उठाने से बचना चाहिए। क्योंकि इससे महिला के पेट पर जोर पड़ता है जिसके कारण महिला को ब्लीडिंग या गर्भपात जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। और प्रेग्नेंट महिला को केवल भारी सामान को उठाना ही नहीं बल्कि सरकाना भी नहीं चाहिए।

एक्सरसाइज

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को एक्सरसाइज करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि यदि महिला अधिक एक्सरसाइज करती है तो इससे गर्भ पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। खासकर पहली तिमाही में महिला को किसी भी तरह के व्यायाम से बचना चाहिए।

बैठकर या झुककर काम करना

गर्भवती महिला को ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए जिसमे महिला को पैरों के भार बैठना पड़े या झुककर काम करना पड़े। क्योंकि ऐसे कामो को करने से महिला के पेट पर दबाव पड़ सकता है, जिसके कारण महिला को पेट या कमर में दर्द की परेशानी हो सकती है। और पेट या कमर में दर्द की अधिक परेशानी होना गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

ट्रैवेलिंग

यात्रा करना प्रेगनेंसी के दौरान महिला के साथ शिशु के लिए भी समस्या खड़ी कर सकता है। क्योंकि यात्रा करते समय बहुत देर एक पोजीशन में बैठने के कारण, झटका आदि लगने के कारण महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

सीढ़ियां चढ़ना

सीढ़ियां चढ़ने के कारण न केवल बहुत जल्दी थकान का अनुभव होता है बल्कि इससे महिला के पेट पर भी असर पड़ता है। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को सीढ़ियां चढ़ने से बचना चाहिए, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान अधिक सीढ़ियां चढ़ना महिला के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

भागदौड़ करना

प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जहां महिला को पूरे आराम की जरुरत होती है, ऐसे में महिला को ऐसा कोई भी काम नहीं करना चाहिए। जिसमे महिला को अधिक भागदौड़ करनी पड़े, क्योंकि प्रेग्नेंट महिला यदि भागदौड़ अधिक करती है तो इसके कारण महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

तेजी से चलना

गर्भावस्था के दौरान सैर करना अच्छी बात होती है, इससे न केवल महिला को फ्रेश महसूस होता है बल्कि बॉडी में ब्लड फ्लो के बेहतर होने के साथ पाचन क्रिया को दुरुस्त रहने में भी मदद मिलती है। लेकिन सैर करने का मतलब यह बिल्कुल नहीं है की गर्भवती महिला तेजी से चले बल्कि महिला को आराम से और पूरी सावधानी के साथ चलना चाहिए।

पेट के बल सोना

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को पेट के बल नहीं सोना चाहिए, खासकर जब महिला का वजन बढ़ रहा होता है। क्योंकि पेट के बल सोने से पेट पर दबाव पड़ता है जिसके कारण गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है।

आहार

आहार का अच्छे तरीके से प्रेगनेंसी के दौरान ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है क्योंकि इससे गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के साथ शिशु के बेहतर विकास में मदद मिलती है। लेकिन प्रेगनेंसी के दौरान कच्चा पपीता, अनानास, कटहल, जंक फ़ूड, मर्क्युरी युक्त मछली, अधिक मसालेदार भोजन का सेवन करने से परहेज करना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान इन चीजों का सेवन गर्भवती महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के लिए भी नुकसानदायक हो सकता है।

तनाव

बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भवती महिला प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी शारीरिक व् मानसिक परेशानियों से जूझ सकती है। ऐसे में कुछ महिलाएं इन परेशानियों के अधिक होने के कारण प्रेगनेंसी के दौरान तनाव में आ जाती है। और गर्भवती महिला का तनाव लेना गर्भवती महिला की स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानियों को बढ़ाने के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में भी समस्या खड़ी कर सकता है, ऐसे में इन परेशानियों से बचे रहने के लिए गर्भवती महिला को तनाव लेने से बचना चाहिए।

घर के पालतू जानवर का काम

यदि आपके घर में कोई पालतू जानवर है तो गर्भवती महिला को उस जानवर का काम करने से भी परहेज करना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने के कारण महिला को इन्फेक्शन का खतरा रहता हैं और महिला को इन्फेक्शन होने के कारण शिशु पर भी उसका असर पड़ सकता है। और यदि महिला पालतू जानवर का काम करती है तो महिला को मास्क और ग्लव्स पहनकर काम करना चाहिए।

केमिकल का इस्तेमाल

पोछा लगाने के लिए, कपडे धोने के लिए महिला को किसी भी तरह के केमिकल का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि केमिकल का अधिक इस्तेमाल करने के कारण भी महिला को इन्फेक्शन की समस्या से परेशान होना पड़ सकता है।

डॉक्टर से मिलने में देरी

गर्भावस्था के दौरान महिला को समय पर डॉक्टर से जाँच करवानी चाहिए, क्योंकि गर्भवती महिला के लिए यह सबसे जरुरी काम होता है। ऐसे में महिला को इस काम को करने में बिल्कुल लापरवाही नहीं करनी चाहिए, और समय पर जांच करवाते रहने से प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली कॉम्प्लीकेशन्स को कम करने में मदद मिलती है।

दवाई का सेवन

गर्भवस्था के दौरान महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, ऐसे में इन परेशानियों से राहत के लिए महिला को बिना डॉक्टरी परामर्श के किसी भी दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि बिना पूछें दवाइयों का सेवन करने से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुँच सकता है।

तो यह हैं कुछ काम जो महिला को गर्भधारण के बाद नहीं करने चाहिए, क्योंकि इन कामों को करने में महिला के स्वास्थ्य के साथ शिशु की सेहत पर भी नकारात्मक असर पड़ सकता है।

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