नयी माँ के स्तन में दूध नहीं बन रहा है, तो करे ये घरेलू उपाय:-

जैसे ही बच्चा माँ के गर्भ में आता हैं| वैसे ही बच्चे के आने के कई नए अहसास माँ के शरीर में दिखने लग जाते हैं| उनमे से एक होता हैं कई बार महिलाओ के स्तनों में से दूध का रिसाव होना, और जैसे ही बच्चा जन्म लेता हैं, तो वो अपनी भोजन के लिए पूरी तरह से अपनी माँ के दूध पर निर्भर करता हैं| और उसी दूध से उस बच्चे का विकास भी होता हैं| परंतु कई बार ऐसा होता हैं, की कई महिलाओ के स्तनों में दूध नहीं आता हैं, और बच्चे को ऊपर का दूध देने पड़ता हैं|

स्टडीज़ के अनुसार माना जाता हैं, की यदि नवजात शिशु को पैदा होने के दो से तीन घंटे के भीतर स्तनपान करवा दिया जाये तो बच्चे को हर बीमारी से लड़ने की शक्ति मिलती हैं| और माँ के दूध से बच्चे का विकास भी अच्छी तरह से होता हैं, और उसकी बुद्धि में भी विकास होता हैं| परंतु स्तनों में दूध न आने के कारण कई बार महिलाये बहुत कोशिश करती हैं, की उनके स्तनों में दूध आ जाये, जिससे की उनके बच्चे को रोगों से लड़ने की शक्ति मिले|

बच्चा होने के बाद माँ का सबसे अहम दायित्व होता हैं| कि वो अपने बच्चे को स्तनपान कराएं, क्योकि माँ का दूध ही बच्चे की खुराक और शक्ति होता है| शुरुआत में करीब 10-15 दिनों तक तो माँ को पीला दूध होता है जो बच्चे के दिमाग के लिए, उसके स्वास्थ्य के लिए और उसके विकास के लिए बहुत जरूरी होता है| तो आइये जानते हैं यदि नयी माँ के स्तनों में दूध न आएं तो इसके लिए क्या करना चाहिए| और आप किस प्रकार घरेलू नुस्खों का इस्तेमाल करके आसानी से इस समस्या का समाधान कर सकते हैं|

स्तनों में दूध लाने के घरेलू नुस्खे:-

स्तन में दूध लाने के लिए करे करेले का प्रयोग:-

करेले में विटामिन और मिनरल अच्‍छी मात्रा में पाया जाता है, जिससे स्तन में दूध बढाने की क्षमता बढ जाती है| यह स्‍त्री में लैक्‍टेशन सही करता है| जो महिला के स्तनों में दूध की मात्रा बढ़ाते हैं, और यदि दूध न आने की समस्या हैं तो उसका भी समाधान करते हैं|करेला बनाते वक्‍त हल्‍के मसालों का प्रयोग करें जिससे यह आसानी से हजम हो सके|

लहसुन का इस्तेमाल करे:-

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लहसुन को खाने से भी दूध बढने की क्षमता बढती है| आप इसे गर्भावस्था में भी खा सकते हैं, परंतु कच्‍चा लहसुन खाने से अच्‍छा होगा कि आप उसे मीट, करी, सब्‍जी या दाल में डाल कर पका कर खाएं| अगर आप लहसुन को रोजाना खाना शुरु करेंगी तो यह आपको जरुर फायदा पहुंचाएगा| और आपको दूध न आने की समस्या से भी समाधान मिलता हैं|

जई का दलिया सेवन करे:-

जैसे ही बच्चा हो जाता हैं तो यदि उसके बाद कई महिलाओ को दूध न आने की समस्या हो जाती हैं, ऐसे में उन्हें जई के दलिया का सेवन करना चाहिए| इससे दूध का उत्पादन बढ़ता है| कई महिलाओं ने यह माना है कि जई का दलिया खाने से उनके दूध की मात्रा में वृद्धि हुई है|

तुलसी का प्रयोग करे:-

विटामिन के की मदद से स्तन में दूध की मात्रा को बढ़ाया जा सकता हैं| और इसका सेवन आप शहद के साथ कर सकते हैं| या फिर कोई भी सूप बनाते समय उसमे तुलसी मिला ले, तो भी ये फायदा करती हैं|

मेवे खाने से भी आता हैं स्तनों में दूध:-

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बादाम, किशमिश, छवारे और काजू जैसे मेवे स्तन में दूध बढाने में सहायक होते हैं| इसके अलावा यह विटामिन, मिनरल और प्रोटीन में काफी मदद करते हैं| अच्‍छा होगा कि आप इन्‍हें कच्‍चा ही खाएं, परंतु इनका सेवन आप नौवे महीने के बाद ही करे|

मानसिक तनाव या किसी भी तरह का तनाव न ले:-

तनाव होने के कारण भी कई बार स्तनों में दूध नहीं बन पाता हैं| तनाव ऑक्सीटोसिन के उत्पादन में रुकावट पैदा करता है। ऑक्सीटोसिन ही वह हार्मोन है, जो दूध का उत्पादन बढ़ाने में सहायक होता है| इसीलिए कोशिश करे की तनाव से दूर रहे|

मिल्क प्रोडक्ट ज्यादा से ज्यादा मात्रा में ले:-

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आपको गर्भावस्था के समय से दूध आदि का सेवन करते रहना चाहिए| क्योंकि इससे हमारे शरीर को बहुत फायदा होता हैं| इससे आपके स्तनों में बच्चे के लिए दूध भी बनता हैं| और नियमित रूप से इसे पीने से आपको दूध न आने की समस्या भी उत्तपन नहीं होती हैं|

आहार का ध्यान रखे:-

आहार में कभी भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए| आपके लिए जरुरी हैं की आप गर्भावस्था के समय से ही अपने खाने-पीने का पूरा ध्यान रखे, और यदि आप र आप पहली बार मां बनी हैं तो आपको चाहिए कि आप अपनी पसंद का भोजन पूरी तरह से खाएं| और ज्यादा से ज्यादा स्वस्थ भोजन खाएं| दूध उत्पादन के लिए शरीर को अच्छे खानपान की आवश्यकता होती है|

मेथी और सोंफ का सेवन करे:-

स्तनों में दूध की मात्रा को बढ़ाने के लिए आप मैथी के सूखे दानो को सब्जियों आदि में दाल कर उसका सेवन करे| और आप चाहे तो सोंफ का काढ़ा या फिर चाय बनाकर इसका सेवन कर सकते हैं|

जीरा का सेवन करे:-

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जीरा का सेवन करने से भी आपको दूध न आने या फिर दूध की मात्रा को स्तनों में बढ़ाने की समस्या से आराम मिलता हैं| आप चाहे तो जीरा पाउडर का इस्तेमाल भी कर सकती हैं|

तो ये सब कुछ बाते हैं जिनका प्रयोग करके आप आसानी से इस समस्या का समाधान कर सकते हैं| और अपने बच्चे को स्तनपान करवा कर उसे हर रोग से लड़ने के लिए सक्षम बना सकते हैं| साथ ही आप किस प्रकार उनके विकास में उनकी मदद कर सकते हैं| डॉक्टर्स के अनुसार भी कम से कम छह महीने तक बच्चे के लिए माँ का दूध ही सर्वोत्तम आहार कहा गया हैं| क्योंकि इससे ही बच्चे को सारे पोषक तत्व मिल जाते हैं| जो उसके लिए आवश्यक होते हैं|

स्तनपान करवाने से माँ को भी बहुत फायदा होता हैं, क्योकि ये महिलाओ को स्तन कैंसर जैसी बीमारियों से बचाता हैं| और स्तनपान करवाने से बच्चे को भी बहुत फायदा होता हैं| और छह महीने के बाद भी कई महिलाएं अपने बच्चे को स्तनपान करवाती हैं| और ये बहुत अच्छी बात भी हैं, साथ ही छह महीने के बाद नवजात शिशु के खान-पान में बदलाव आता हैं| क्योंकि जैसे-जैसे शरीर का आकार बढ़ता हैं वैसे ही शरीर की जरुरत भी बढ़ जाती हैं|

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