यदि कोई महिला प्रेग्नेंट होती है और उस दौरान सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण लगने वाला होता है। तो ऐसे में उस दौरान महिला को बहुत ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। क्योंकि सूर्य या चंद्र ग्रहण को नंगी आँखों से देखना या उसकी छाया का गर्भ पर पड़ना महिला व् बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक माना जाता है। इसीलिए ग्रहण लगने के कुछ समय पहले से ही और कुछ समय बाद तक महिला को घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।
क्योंकि घर के अंदर रहने से ग्रहण की छाया प्रेग्नेंट महिला पर नहीं पड़ती है साथ ही घर में रहने पर महिला को कुछ नियमों का पालन करना पड़ता है, और महिला यदि उन नियमों का पालन करती है तो इससे माँ व् बच्चे को ग्रहण के कारण होने वाली परेशानी से बचाने में मदद मिलती है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको ग्रहण का बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है और इस दौरान महिला को किन नियमों का पालन करना चाहिए। इस बारे में बताने जा रहे हैं।
ग्रहण का प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे पर क्या प्रभाव पड़ता है?
भारतीय परम्पराओं के अनुसार ग्रहण की छाया का प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे पर पड़ना या ग्रहण के समय ऐसा कोई काम करना जो महिला को नहीं करना चाहिए क्योंकि उसे करने के कारण माँ व् बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे पर पर ग्रहण का क्या असर हो सकता है।
आँखों पर पड़ता है असर
ऐसा माना जाता है की ग्रहण को यदि नंगी आँखों से देखा जाये तो इसके कारण आँखों पर बहुत बुरा असर पड़ता है। ऐसे में यदि गर्भवती महिला भी ग्रहण को देखती है तो महिला की आँखों को नुकसान पहुँचता है।
स्किन पर पड़ता है असर
गर्भावस्था के दौरान यदि ग्रहण की छाया प्रेग्नेंट महिला पर पड़ती है तो इसके कारण महिला को स्किन सम्बन्धी परेशानी हो सकती है। साथ ही जन्म के समय शिशु की स्किन पर भी ग्रहण के कुछ दाग धब्बे नज़र आ सकते हैं।
शिशु के अंगो में हो सकती है दिक्कत
ऐसा भी माना जाता है की यदि गर्भवती महिला ग्रहण के दौरान ऐसा कोई काम करती है जो उसे नहीं करना चाहिए या फिर ग्रहण लगने पर भी बाहर चली जाती है। तो इसके कारण शिशु के अंगों के विकास में कमी आ सकती है या जन्म के समय शिशु का कोई अंग टेढ़ा मेढ़ा हो सकता है।
ग्रहण के कारण प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे को होने वाले नुकसान का वैज्ञानिक कारण
जब ग्रहण लगता है तो उस दौरान वायुमंडल में मौजूद ग्रहण के हानिकारक प्रभाव के संपर्क में यदि प्रेग्नेंट महिला आती है या ग्रहण के दौरान निकलने वाली हानिकारक किरणों के संपर्क में यदि प्रेग्नेंट महिला आती है। तो यह किरणे बॉडी पर, आँखों पर बुरा प्रभाव डालती है। इसीलिए किसी को भी ग्रहण के समय बाहर निकलने की मनाही होती है, खासकर गर्भवती महिला की सेहत को ध्यान में रखते हुए उसे ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। ताकि माँ व् बच्चे दोनों को ही सेहत सम्बन्धी या अन्य परेशानियों से बचाने में मदद मिल सके।
ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिला के लिए नियम
जब भी ग्रहण लगता है तो ऐसा नहीं है की ग्रहण लगने के बाद केवल घर से ही निकलने की मनाही होती है। बल्कि इस दौरान महिला को घर में भी कुछ नियमो का पालन करना पड़ता है। ताकि ग्रहण के कारण को प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे किसी को भी कोई दिक्कत न हो। तो आइये अब जानते हैं की ग्रहण के दौरान प्रेग्नेंट महिला को घर के अंदर रहते हुए किन नियमों का पालन करना चाहिए।
- ग्रहण लगने के दौरान कोई भी चीज न तो खानी चाहिए न पीनी चाहिए। और न ही ग्रहण के पहले बनाई हुई किसी भी चीज का ग्रहण के बाद प्रेग्नेंट महिला को सेवन करना चाहिए।
- नुकीली वस्तुएं जैसे कैंची, सुई, पिन या चाकू आदि का इस्तेमाल भी ग्रहण काल में प्रेग्नेंट महिला को नहीं करना चाहिए।
- ग्रहण के दौरान सोने की मनाही होती है इसीलिए गर्भवती महिला को इस दौरान न तो लेटना चाहिए और न ही सोना चाहिए।
- जब ग्रहण कल चल रहा है तो उस समय मंदिर की चीजों को छूने से बचें।
- ग्रहण के समय जितना हो सके महिला को भगवान के नाम का ध्यान करना चाहिए।
- नहाने की भी ग्रहण कल में मनाही होती है लेकिन ग्रहण के खत्म होते ही गर्भवती महिला को तुरंत नहाना चाहिए, और घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
- ग्रहण की कोई भी किरण घर में प्रवेश न कर सके, इसके लिए घर की खिड़कियों को अखबारों या मोटे पर्दों से ढक देना चाहिए।
तो यह हैं प्रेग्नेंट महिला के लिए कुछ नियम जिनका पालन महिला को ग्रहण के दौरान करना चाहिए और ग्रहण से जुडी जानकारी, यदि आप भी माँ बनने वाली है और कोई ग्रहण लगने वाला है तो ग्रहण के कारण आपको या आपके बच्चे को कोई दिक्कत न हो इससे बचने के लिए आपको इन नियमों का पालन करना चाहिए।