सर्दियों के मौसम की शुरुआत के साथ ही मार्किट में हर एक हरी सब्ज़ी मिलने लगती है इसीलिए पालक, सरसों, आदि का सेवन सर्दियों में बहुत अधिक किया जाता है। और ऐसी ही एक हरी सब्ज़ी है बथुआ जो पालक, सरसों की तरह साग के रूप में खाई जाती है। हो सकता है की हरी सब्जियों के नाम पर आपका मुँह बन जाये और आपका इसे खाने का मन नहीं करें।
लेकिन जब बात हरी सब्जियों के फायदे की आती है तो यह खाने में स्वादिष्ट होने के साथ पोषक तत्वों से भी भरपूर होती है। आज इस आर्टिकल में हम बथुआ का सेवन के बारे में बात करने जा रहे हैं। बथुआ का सेवन हर कोई कर सकता है और इसका सेवन प्रेगनेंसी के दौरान करना बहुत फायदेमंद होता है।
बथुए में मौजूद पोषक तत्व
यदि आप बथुए का सेवन करते हैं तो इसका सेवन करने से आपको बहुत से फायदे मिलते हैं। क्योंकि बथुआ में आयरन, कैल्शियम, विटामिन ए, फाइबर, विटामिन सी, पोटैशियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। और यह सभी पोषक तत्व प्रेग्नेंट महिला के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में बथुआ का साग खाने से माँ व् बच्चे को कौन से फायदे मिलते हैं।
खून की कमी होती है दूर
बथुआ आयरन का बेहतरीन स्त्रोत होता है ऐसे में बथुआ खाने से गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है। जिससे खून की कमी के कारण होने वाली परेशानियों से प्रेग्नेंट महिला को बचे रहने में मदद मिलती है।
कब्ज़ से बचाव
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज़ की समस्या से अधिकतर महिलाएं परेशान होती है। और इस परेशानी के होने के कारण गर्भवती महिला के शरीर में हो रहे हार्मोनल बदलाव और गर्भाशय के बढ़ते आकार के कारण पाचन तंत्र का धीमा होना होता है। लेकिन बथुए का साग खाने से प्रेग्नेंट महिला को कब्ज़ की परेशानी से निजात पाने में मदद मिलती है। क्योंकि बथुए के साग में फाइबर होता है जो महिला के पाचन तंत्र को सुचारु रूप से काम करने में मदद करता है। कब्ज़ के साथ पेट फूलना, पेट में गैस, सीने में जलन, खट्टी डकार जैसी परेशानियों से बचे रहने में भी बथुआ का सेवन करने से मदद मिलती है
वजन रहता है नियंत्रित
बथुआ में कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है जिसकी वजह से यह प्रेगनेंसी के दौरान महिला का वजन जरुरत से ज्यादा नहीं बढ़ने देता है। और वजन का संतुलित रहना और सही तरीके से बढ़ना प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे के लिए सही रहता है।
इम्युनिटी बढ़ती है
विटामिन सी की मात्रा बथुए में मौजूद होती है जो की एक बेहतरीन एंटी ऑक्सीडेंट होता है। ऐसे में यदि प्रेग्नेंट महिला बथुआ का सेवन करती है तो इससे महिला की इम्युनिटी को बढ़ाने में मदद मिलती है।
शरीर को देता है ऊर्जा
बथुआ कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे पोषक तत्वों का बेहतरीन स्त्रोत होता है। जो प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला के शरीर के अंगो को मजबूत बनाएं रखने में मदद करते हैं। जिससे प्रेगनेंसी के दौरान महिला को ऊर्जा से भरपूर रहने में मदद मिलती है।
प्रेग्नेंट महिला को बथुए का सेवन कितना करना चाहिए?
सबसे पहले तो गर्भवती महिला को बथुए का सेवन पालक, सरसों आदि के साथ या दही में रायता बनाकर या रोटी में मिलाकर करना चाहिए। सिर्फ बथुए का सेवन करने से बचना चाहिए। उसके बाद यदि आप बथुआ खाती है तो एक दिन में महिला एक कटोरी बथुए का रायता, एक कटोरी साग या दो बथुए की रोटी का सेवन कर सकती है ध्यान रखें की तीनों चीजें नहीं एक दिन में इनमे से किसी एक ही चीज का सेवन करें। स्वाद के चक्कर में आकर भी महिला को इससे ज्यादा बथुए का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि जरुरत से ज्यादा कोई भी चीज प्रेग्नेंट महिला व् बच्चे के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
तो यह हैं प्रेगनेंसी के दौरान बथुआ खाने के कुछ बेहतरीन फायदे जो गर्भवती महिला को मिलते हैं तो यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं और बथुआ मार्किट में मिल रहा है तो आपको भी इसका सेवन जरूर करना चाहिए।
Health benefits of eating bathua in Pregnancy