आज के इस दौर में जहाँ सीरत से ज़्यादा सूरत को तवज्जो दी जाती है, हर आदमी चाहता है कि उसकी लम्बाई अच्छी हो। स्त्री हो या पुरुष, अच्छी हाइट दोनोंकी सुंदरता और व्यक्तित्व में निखार लाती है। क्योंकि लम्बाई जीन्स पर निर्भर करती है, इसलिए कुछ लोग सोचते हैं कि लम्बाई बढ़ा पाना मुमकिन नहीं होता।लेकिन आपको यह जानकर खुशी होगी कि कुछ ऐसे  तरीके हैं, जिनको अपनाकर आप अपनी लम्बाई बढ़ा सकते हैं। जिन लोगों की हाइट कम होती है, वेलोग अपने व्यक्तित्व (personality) में कुछ कमी-सी महसूस करते हैं।

यूँ तो किसी भी तरह के व्यक्ति की क्षमताओं को महज़ उनके बाहरी व्यक्तिव कोदेखकर कम नहीं समझा जा सकता, परंतु ये सत्य भी हम सभी जानते हैं कि अच्छी हाइट वाले इंसान अक्सर ध्यान का केंद्र बन जाते हैं और उसी स्थान पर कईबार कम हाइट के लोग मजाक का पात्र बन जाते हैं। अक्सर देखा गया है कि कम हाइट वाले लोगों को अपने जीवन में अन्य लोगों के मुकाबले कुछ पहलुओं मेंअधिक कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

इन्ही हँसी मजाक और कठिनाईयों का सामना करते हुए, कई बार कम कद वालों के मन में विश्वास की कमीआ जाती है और वह हीन भावना से भर जाते हैं। कुछ लड़के-लड़कियाँ अपनी इस हीन भावना को दूसरों से छिपाने के लिए लम्बी हील्स वाली सैंडल और जूतेका इस्तेमाल करते हैं, जिसका उनके स्वास्थ्य पर काफी बुरा असर पड़ता है। इस तरह से हाइट बढ़ाने से अच्छा है कि आप कुछ ऐसे नुस्ख़े आज़माएँ, जिनसेआपकी हाइट सचमुच में बढ़ जाए।

इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि किन वजहों से हाइट नहीं बढ़ती है और क्या तरीक़े हैं जिनसे आप हाइट बाधा सकते हैं।

हाइट ना बढ़ने की वजहें –

आनुवंशिक –

हाइट ना बढ़ने का पहला मुख्य कारण आनुवंशिकता होता है, यानि कि माता पिता की लम्बाई पर ही मुख्यतः बच्चे की लम्बाई निर्भर करतीहै। एक शोध में पाया गया है कि व्यक्ति की लम्बाई के पीछे सबसे बड़ा कारण उसके शरीर के जीन्स ( Genes ) होते हैं और ये जीन्स बच्चा अपने मातापिता से प्राप्त करता है। इसीलिए बच्चे की लम्बाई का पहला कारण उनके माता पिता की लम्बाई को माना जाता है।

पौष्टिक तत्वों की कमी –aise badhayen height

अगर बच्चे के माता पिता की लम्बाई अच्छी होने के बाद भी बच्चे की लम्बाई कम है तो इसका कारण उसके आहार में पोषकतत्वों की कमी हो सकता है।

Pituitary gland –

anterior pituitary gland हमारे ख़ून में कुछ हॉर्मोन को छोड़ती है, जैसे Adrenocorticotropic हॉर्मोन, जो की adrenal gland कोsteroid hormones छोड़ने के लिए प्रेरित करता है, ख़ास करके  cortisol हॉर्मोन। ये एक ग्रोथ हॉर्मोन है, जो की हमारे शरीर की ग्रोथ, मेटाबोलिजम औरहमारे शरीर के गठन को प्रभावित करता है। लेकिन अगर हमारी pituitary gland सही तरीक़े से काम ना करे तो ग्रोथ हॉर्मोन के उत्पादन पर इसका प्रभावपड़ता है।

विकास में देरी –

कुछ बच्चे जन्म के समय लम्बाई और वज़न में सामान्य होते हैं परंतु पहले साल में ही उनका विकास होना धीरे धीरे कम हो जाता है,शायद किन्हीं ज़रूरी तत्वों की कमी से ऐसा हो जाता है। ऐसे बच्चों में तीन साल से लेकर यौवन अवस्था आने तक लम्बाई सामान्य रूप से कम ही बढ़तीहै।

Malnutrition यानि कुपोषण –

विकास में रुकावट का सबसे बड़ा कारण कुपोषण माना जाता है। कुपोषण यानि की सही आहार ना मिल पाना, इससेबच्चों में ज़रूरी विटामिन, मिनरल इत्यादि की कमी आ जाती है और शरीर का विकास रुक जाता है। कुपोषण न सिर्फ कद बल्कि पूरे शरीर के विकास कोरोकता है। इससे बच्चे के शरीर में अनेक तरह की कमियाँ आ जाती हैं, जिसकी वजह से उसके शरीर का विकास रुक जाता है।

बीमारी व विकार –

जीर्ण रोगों, शरीर के अंगों व विभिन्न प्रणालियों, जैसे तंत्रिका तंत्र, वाहिका तंत्र व पाचन तंत्र इत्यादि में विकार आ जाने से विकास परविपरीत असर पड़ता है। लिवर, किडनी व लंग्स सम्बंधित बीमारियाँ भी विकास पर प्रभाव डालती हैं।

सिंड्रोम –

जेनेटिक सिंड्रोम जैसे Turner syndrome और Down syndrome में भी शरीर के विकास पर असर पड़ता है।

थाइरॉइड –

थाइरॉइड हॉर्मोन की कमी वजह जो बीमारी होती है, जिसे हाइपोथाइरॉडिज़म (hypothyroidism) कहा जाता है, इसमें ग्रोथ हॉर्मोन की कमीहो जाती है और नतीजतन विकास पर प्रभाव पड़ता है।

Achondroplasia –

बौनेपन का मुख्य कारण Achondroplasia होता है। ये एक जेनेटिक विकार है। इससे पीड़ित व्यक्ति की लम्बाई महज़ 131 सेमी(पुरुषों में) और 123 सेमी (स्त्रियों में) होती है।

लम्बाई बढ़ाने के उपाय या नुस्ख़े :- 

ये सब तो वजहें थी लम्बाई ना बढ़ने की, अब हम जानेंगे की लम्बाई बढ़ाने के उपाय या नुस्ख़े क्या हो सकते हैं।

1. स्वस्थ और पोषक आहार –

पौष्टिक भोजन में मौजूद विटामिन, प्रोटीन, कैल्शियम, जिंक, मैग्नीशियम और फास्फोरस लम्बाई बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिकानिभाते हैं। इसलिए स्वस्थ और पोषक आहार लें। कार्बोनेटेड पेय, संतृप्त वसा और अधिक चीनी लेने से परहेज करें, क्योंकि ये आपका मोटापा बढ़ा करआपकी लम्बाई पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकते हैं। पेय जैसे दूध, जूस तथा गाजर, मछली, चिकन, अंडे, सोयाबीन, दलिया, आलू, बीन्स और हरी सब्जियांअपने भोजन में शामिल करें। साथ ही बादाम और मूंगफली जैसे नट्स तथा सेब और केले जैसे फल भी आपकी लम्बाई बढ़ाने में मददगार होते हैं।

2. पर्याप्त नींद –height-1

इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि लम्बाई जीन्स पर निर्भर करती है। लेकिन इस बात को भी नहीं नकारा जा सकता कि पर्याप्तनींद और स्वस्थ जीवनशैली, शरीर के सम्पूर्ण विकास के लिए सबसे अच्छा उपाय है। न सोने या कम नींद लेने का प्रतिकूल प्रभाव हमारे पूरे शरीर परपड़ता है। पर्याप्त नींद यह सुनिश्चित करती है कि आपकी लम्बाई और वजन ठीक रहे। क्योंकि नींद के दौरान शरीर में ऊतकों का विकास और निर्माणहोता है। साथ ही पर्याप्त नींद लेने से लम्बाई को नियंत्रण करने वाले हार्मोन की वृद्धि होती है। इसलिए, एक दिन में कम से कम 7 घंटे की नींद लेना जरूरीहोता है।

3. धूप –

विटामिन-D हड्डियों के विकास के लिए महत्वपूर्ण होता है, और सूरज की रोशनी विटामिन-D का सबसे अच्छा प्राकृतिक स्रोत है। बस तेज धूप में नजाएँ, इसका अधिकतम लाभ पाने के लिए सुबह या शाम के समय की धूप में बाहर जाएँ और उसका पूरा लाभ लें।

4. व्यायाम करे और हाइट बढ़ाएँ –

व्यायाम करने के फायदे तो आपने सुने ही होंगे। व्यायाम हमारे शरीर को एक अच्छा शेप देते हैं और साथ ही हमें स्वस्थभी रखते हैं। व्यायाम करके आप अपनी लम्बाई भी बढ़ा सकते हैं। अपने व्यायाम में swimming, cycling, योगा तथा अन्य exercise को शामिल करें।

5. योगासन –

जिन लोगों की हाइट कम होती है। वे लोग अपने पर्सनैलिटी में कुछ कमी सी महसूस करते हैं। परफेक्ट पर्सनैलिटी पाने के लिए लंबा कद होनाबहुत जरूरी है। लंबाई कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जिसमें सबसे महत्वपूर्ण रोल आनुवांशिक गुण अदा करते हैं, लेकिन यदि आप चाहते हैं किआपकी हाइट बढ जाए तो इसमें योग आपकी निश्चित रूप से सहायता कर सकता है। माना जाता है कि प्रोटीन युक्त भोजन करने से व नियमित रूप सेदस मिनट योगासन करने से हाइट बढ़ती है। निम्नलिखित योगासनों से आप आपनी हाइट निश्चित रूप से बढ़ा सकते हैं –

-> ताड़ासन (Tadasan) –tadasana

ताड़ासन के नियमित अभ्यास से कमर आकर्षक बनती है। हाइट बढ़ती है व शरीर स्वस्थ रहता है।

विधि – सबसे पहले जमीन पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैर को आपस में मिलाकर और दोनों हाथों को भी सामान्य अवस्था में रखें। पूरे शरीर कोस्थिर करें। उसके बाद दोनों हथेलियों की उंगलियों को मिलाकर सिर के ऊपर ले जाएं। हथेलियों को सीधी रखें फिर साँस भरते हुए अपने हाथों को ऊपरकी ओर खींचिए, जिससे आपके कंधों और छाती में भी खिंचाव आएगा। इसके साथ ही पैरों की एड़ी को भी ऊपर उठाएँ और पैरों की उंगलियों पर शरीरका संतुलन बनाए रखिए। इस स्थिति में कुछ देर रहें। कुछ देर रुकने के बाद साँस छोड़ते हुए हाथों को वापस सिर के ऊपर ले आएँ। इस आसन कोप्रतिदिन 10-12 बार करें।

-> शीर्षासन (Shirshasana) –shirshasana

सिर के बल किए जाने की वजह से इसे शीर्षासन कहते हैं।

 

विधि – दोनों घुटने जमीन पर टिकाते हुए फिर बाजु की कोहनियाँ जमीन पर टिकाएँ। फिर हाथों की अंगुलियों को आपस में मिलाकर ग्रिप बनाएं, तब सिरको ग्रिप बनी हथेलियों के पास भूमि पर टिका दें। इससे सिर को सहारा मिलेगा। फिर घुटने को जमीन से ऊपर उठाकर पैरों को लंबा कर दें। फिर धीरे-धीरे पंजे टिके दोनों पैरों को पंजों के बल चलते हुए शरीर के करीब अर्थात माथे के नजदीक ले आएं। फिर पैरों को घुटनों से मोड़ते हुए उन्हें धीरे से ऊपरउठाते हुए सीधा कर दें।

इसके बाद पूरी तरह सिर के बल शरीर को टिका लें। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद पुन: उसी अवस्था में आने के लिएपहले पैर घुटने से मोड़ते हुए धीरे-धीरे घुटनों को पेट की तरफ लाते हुए पंजों को भूमि पर रख दें। फिर माथे को भूमि पर टिकाकार कुछ देर इसी स्थिति मेंरहने के बाद सिर को भूमि से उठाते हुए वज्रासन में बैठकर पूर्व स्थिति में आ जाएँ।

-> त्रिकोणासन (Trikonasana) –trikonasana

त्रिकोणासन हाइट बढ़ाने के साथ साथ भूख, पाचन और रक्त परिसंचरण में सुधार कर, एसिडिटी, पेट फूलना आदि रोगोंसे राहत दिलवाता है। इस आसन में शरीर का आकार एक त्रिकोण के समान बन जाता है। इसलिए इसे त्रिकोणासन कहते हैं।

 

विधि – दोनों पैरों को दो फुट की दूरी पर रखकर सीधे खड़े हो जाइए। फिर दोनों हाथों को कंधो की समरेखा में सीधे फैलाएं। अब आपकी भुजाएं जमीनके बिल्कुल समानान्तर होनी चाहिए। धीरे-धीरे दाईं ओर झुकें। बायाँ घुटना सीधा और तना हुआ रहे। अब दाएँ पैर के अंगूठे को दाएँ हाथ की उंगलियों सेस्पर्श करें। गर्दन को थोडा-सा दाईं ओर झुकाएँ। अब बाईं भुजा को ऊपर की ओर फैलाएँ। इस स्थिति में 2-3 मिनट रहें व धीरे-धीरे साँस लें। इसी प्रकारबाईं ओर भी इस प्रक्रिया को दोहराएँ।

-> हलासन (Halasana) –halasana

हलासन में शरीर का आकार हल जैसा बनता है, इसलिए इसे हलासन कहते हैं। हलासन हमारे शरीर को लचीला बनाने के लिएमहत्वपूर्ण है। इससे हमारी रीढ़ हमेशा जवान बनी रहती है और लम्बाई बढ़ती है।

 

विधि – इसे करने के लिए पीठ के बल जमीन पर सीधे लेट जाएँ। दोनों हाथों को किनारे पर रखें और उनकी सहायता से हिप्स और पैरों को ऊपर उठाएँ।सहायता के लिए दोनों हाथों को हिप्स से टिकाएँ। अब दोनों पैरों से माथे के नीचे की जमीन छूने की कोशिश करें। इस दौरान गहरी साँस लें और पैरों कोफिर साँस छोड़ते हुए सीधा करें। धीरे-धीरे पैरों को जमीन पर लाएँ और सीधे लेट जाएँ। इसके नियमित अभ्यास से बाल नहीं गिरते, कब्ज, गैस व एसिडिटीजैसी समस्याएँ दूर रहती हैं। दमा, कफ और दूसरे विकार भी दूर होते हैं व हाइट बढ़ती है।

-> सर्वांग आसन (Sarvangasana) –Sarvangasana

सर्वांग आसन एक संपूर्ण आसन है। ये ना सिर्फ़ हाइट बढ़ाता है बल्कि एक साथ कई लाभ पहुँचा सकता है। इससेतनाव थकावट दूर होती है, भूख बढ़ती है, सिरदर्द, आँखो के दर्द से राहत मिलती है। पेट से जुड़ी सारी समयाएँ खत्म हो जाती हैं। इसके अलावा सर्वांगआसन चेहरे की सुंदरता को बढ़ाता है और आपकी याद्दाश्त भी तेज करता है।

विधि –  चटाई बिछाकर पीठ के बल एकदम सीधे लेट जाएँ। पैर और शरीर तना हुआ रहेगा। साँस खींचकर पहले धीरे-धीरे पैरों को ऊपर उठाएँ, फिरकमर को और फिर चेस्ट तक के भाग को ऊपर उठाएँ। दोनों हाथों को कोहनी से मोड़कर कमर पर लगाकर कमर को थामकर रखें। इस स्थिति में पूरेशरीर का भार कंधों पर रहना चाहिए। साथ ही कंधे से कोहनी तक के भाग को फर्श से सटाकर रखें तथा ठुड्डी (chin) को चेस्ट से लगाने की कोशिश करें।इस स्थिति में 30 सेकंड तक रहें और सामान्य रूप से साँस लेते और छोड़ते रहें। धीरे-धीरे इसका अभ्यास बढ़ाकर आसन की स्थिति में 3 मिनट तक रहसकते हैं। शरीर को ढीला छोड़कर घुटनों को मोड़कर धीरे-धीरे शरीर को हथेलियों के सहारे से सामान्य स्थिति में ले आएं।10 सेकंड तक आराम करें औरपुन: इस आसन को करें। इस क्रिया को कम से कम तीन बार करें।

किसी भी तरह के व्यायाम या फिर योगासन को करने से पहले किसी विशेषज्ञ से ज़रूर सलाह लें। इसके अलावा अपने आहार में प्रोटीन, कैल्शियम, मिनरलयुक्त भोजन ज़्यादा से ज़्यादा लें। भरपूर नींद लें। तनाव व तमाम तरह के नशीले पदार्थों से दूर रहें। ख़ुद को कभी हीन भावना से ग्रस्त ना होने दें, “जो प्राप्त है वोपर्याप्त है”, के मंत्र को अपनाएँ। सिर्फ़ हाइट ही अच्छी पर्सनैलिटी की परिचायक नहीं होती, इसलिए लम्बाई बढ़ाने के प्रयासों के साथ साथ अपने व्यक्तित्व कोअन्य पहलुओं की कसौटी पर भी निखारने का प्रयत्न करें।

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