होली में गुलाल से क्यों नहीं खेलना चाहिए प्रेग्नेंट महिला को, साल भर में त्यौहारों के आने जाने का सिलसिला लगा ही रहता है। जैसे की अब होली का त्यौहार आने ही वाला है। 9 मार्च को जहां होलिका दहन का उत्सव है वहीँ 10 मार्च को रंगों से होली मनाई जाएगी। होली के दिन सब और रंगों की धूम होती है। और हर कोई एक दूसरे को रंग लगाकर इस त्यहार का आनंद लें रहा होता है। लेकिन प्रेग्नेंट महिला को इन सब से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है। क्योंकि गर्भावस्था महिला के लिए बहुत ही नाजुक समय होता है।

और इस दौरान यदि महिला द्वारा थोड़ी भी गलती की जाती है तो इसके कारण महिला के साथ शिशु को भी नुकसान हो सकता है। खासकर होली के गुलाल से तो महिला को दूर ही रहना चाहिए। क्योंकि यह प्रेग्नेंट महिला को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकता है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में गुलाल का इस्तेमाल करने से गर्भवती महिला को क्या नुकसान हो सकते हैं।

केमिकल होता है गुलाल में

  • गुलाल को बनाने के लिए तरह तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है जैसे की लेड ऑक्साइड, कॉपर सल्फेट, आदि।
  • ऐसे में गर्भवती महिला यदि इनके संपर्क में आती है तो केमिकल का बुरा असर महिला की सेहत के साथ शिशु के स्वास्थ्य पर भी पड़ सकता है।
  • जिसके कारण महिला का गर्भपात, शिशु के वजन में कमी, महिला को इन्फेक्शन, समय पूर्व प्रसव, जैसी परेशानियां हो सकती है।

सांस लेने में हो सकती है दिक्कत

  • गुलाल सूखा हुआ होता है ऐसे में यदि कोई प्रेग्नेंट महिला के मुँह पर गुलाल लगाता है और नाक या मुँह के आस पास यह रंग लग जाता है।
  • तो इसके कारण महिला को सांस लेने लें दिक्कत हो सकती है।
  • जिसके कारण बॉडी में ऑक्सीजन के फ्लो में कमी आ सकती है।
  • और महिला व् शिशु दोनों की सेहत पर इसका बहुत बुरा असर पड़ सकता है।

गुलाल में हो सकते हैं कांच के टुकड़े

  • आज कल रंगों को बनाने के लिए कुछ लोग उसमे छोटे छोटे कांच के टुकड़े भी मिला देते हैं।
  • ऐसे में यदि महिला को यह कांच के टुकड़े लग जाते हैं तो इसके कारण भी महिला को खून निकलने, इन्फेक्शन होने जैसी दिक्कतें हो सकती है।

तो यह हैं कुछ नुकसान जो गर्भवती महिला को होली के रंगों व् गुलाल खेलने से हो सकते हैं। ऐसे में इन दिक्कतों से प्रेग्नेंट महिला को बचने के लिए जितना हो सके होली में गुलाल आदि खेलने से बचना चाहिए।

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