गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर्स महिला को बहुत से टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं साथ ही महिला को अल्ट्रासॉउन्ड करवाने के लिए भी कहते हैं। क्योंकि प्रेगनेंसी में दौरान शरीर की जांच करवाने से आपके शरीर में पोषक तत्वों की कमी तो नहीं है, कोई शारीरिक समस्या तो नहीं है इस बारे में पता चलता है। जिससे यदि कोई परेशानी होती है तो प्रेगनेंसी की शुरुआत में ही उस समस्या का इलाज शुरू हो जाता है और गर्भवती महिला को किसी तरह की समस्या नहीं होती है।
इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासॉउन्ड करवाने से गर्भ में शिशु की स्थिति जानने में मदद मिलती है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी में कितने अल्ट्रासॉउन्ड होते हैं, और कौन सा अल्ट्रासॉउन्ड सबसे जरुरी होता है, अल्ट्रासॉउन्ड से क्या क्या जानने में मदद मिलती है इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान कितने अल्ट्रासॉउन्ड होते हैं?
गर्भावस्था के दौरान हर एक महिला की स्थिति एक जैसी नहीं होती है ऐसे में ऐसा जरुरी नहीं है की हर महिला को एक जितने ही अल्ट्रासॉउन्ड करवाने की सलाह डॉक्टर दें। वैसे आमतौर पर प्रेगनेंसी में तीन अल्ट्रासॉउन्ड होते हैं पहला अल्ट्रासॉउन्ड पहली तिमाही में होता है, दूसरा अल्ट्रासॉउन्ड दूसरी तिमाही में होता है और तीसरा अल्ट्रासॉउन्ड गर्भावस्था के आखिरी महीने की शुरुआत में होता है।
साथ ही आपको अल्ट्रासॉउन्ड कब और कितने समय बाद करवाना होता है इसके बारे में महिला को डॉक्टर द्वारा बता दिया जाता है। इसके अलावा प्रेगनेंसी के दौरान यदि कोई समस्या होती है तो महिला को तीन से ज्यादा अल्ट्रासॉउन्ड करवाने की सलाह डॉक्टर्स आपको दे सकते हैं।
प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासॉउन्ड में क्या पता चलता है?
- गर्भावस्था के दौरान पहले अल्ट्रासॉउन्ड के दौरान शिशु के दिल की धड़कन की जांच की जाती है। यदि पहले अल्ट्रासॉउन्ड में शिशु के दिल की धड़कन आ जाती है तो दूसरा अल्ट्रासॉउन्ड नहीं किया जाता है यदि शिशु के दिल की धड़कन नहीं आती है तो डॉक्टर्स आपको एक हफ्ते बाद तक दुबारा अल्ट्रासॉउन्ड करवाने के लिए कह सकते हैं।
- प्रेगनेंसी के दौरान दूसरे अल्ट्रासॉउन्ड में शिशु के अंगों की जांच की जाती है की शिशु के अंग सही से विकसित हुए हैं या शिशु को कोई दिक्कत तो नहीं है।
- गर्भावस्था के दौरान तीसरे अल्ट्रासॉउन्ड में गर्भ में शिशु की स्थिति के बारे में जाना जाता है है जैसे की कहीं शिशु ने गर्भनाल तो नहीं लपेटी है, शिशु कौन सी पोजीशन में है, आदि।
गर्भावस्था के दौरान कौन सा अल्ट्रासॉउन्ड सबसे जरुरी होता है?
प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासॉउन्ड जरुआत से ज्यादा नहीं करवाए जाते हैं जो जरुरी होते हैं केवल वही अल्ट्रासॉउन्ड करवाए जाते हैं। लेकिन यदि सबसे जरुरी की बात की जाये तो गर्भवती महिला को पहला और दूसरा अल्ट्रासॉउन्ड जरूर करवाना चाहिए।
अल्ट्रासॉउन्ड करवाने से गर्भ में शिशु को तो कोई नुकसान नहीं होता है?
जी नहीं, अल्ट्रासॉउन्ड करवाने से शिशु को कोई नुकसान नहीं होता है क्योंकि गर्भवती महिला का अल्ट्रासॉउन्ड करने के दौरान जो जैल इस्तेमाल किया जाता है। वह जैल शिशु तक किसी भी तरह की हानिकारक किरणों को पहुँचने नहीं देता है जिससे शिशु को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है।
तो यह है प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासॉउन्ड करवाने से जुडी जानकारी, यदि आप भी माँ बनने वाली है तो आपको भी यह बातें पता होनी चाहिए। की आखिर प्रेगनेंसी के दौरान अल्ट्रासॉउन्ड क्यों, कब करवाया जाता है। साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिला को कभी भी अपनी मर्ज़ी से अल्ट्रासॉउन्ड नहीं करवाना चाहिए।
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