प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को बहुत सी परेशानियां होती है। यह परेशानियां शारीरिक, मानसिक रूप से होने के साथ स्किन सम्बन्धी भी होती है। जैसे की महिला के चेहरे पर मुहांसे हो जाते हैं, स्ट्रेचमार्क्स की समस्या महिला को हो जाती है, आदि। तो आज इस आर्टिकल में हम आपसे स्ट्रेचमार्क्स के बारे में बात करने जा रहे हैं। की प्रेगनेंसी में स्ट्रेचमार्क्स क्यों होते हैं? क्या महिला इनसे निजात पा सकती है? आदि। तो आइये अब इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्यों होते हैं प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेचमार्क्स?
गर्भावस्था के दौरान महिला के गर्भाशय का आकार धीरे धीरे बढ़ने लगता है। जिसके कारण तेजी से पेट की स्किन फैलती है। ऐसे में स्किन में आये खिचाव के कारण महिला को स्किन पर भूरे रंग के निशान महसूस होते हैं। जो आपकी स्किन को दो रंगों में बाँट देते हैं और दिखने में भद्दे भी लगते हैं।
और डिलीवरी के बाद जब आपका पेट थोड़ा अंदर जाता है तो स्किन के एक दम सिकुड़ने के कारण यह और भी ज्यादा महसूस होते हैं। केवल पेट पर ही नहीं बल्कि ब्रेस्ट, जांघो पर भी महिला को स्ट्रेचमार्क्स हो सकते हैं। लेकिन यदि प्रेगनेंसी की शुरुआत से ही इस बात का ध्यान रखा जाये तो इस समस्या से निजात पाया जा सकता है।
गर्भावस्था के दौरान स्ट्रेचमार्क्स से बचने के लिए यह करें
प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने जिस तरह महिला अपनी सेहत का ध्यान रखती है। उसी तरह महिला यदि अपनी स्किन की भी केयर करें तो महिला इस परेशानी से बच सकती है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेचमार्क्स से बचने के लिए महिला को क्या करना चाहिए।
नारियल तेल
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने से ही महिला को अपने पेट पर अच्छे से नारियल का तेल लगाना चाहिए। ध्यान रखें की तेजी से मालिश न करने लग जाएँ। नारियल का तेल लगाने से स्किन को भरपूर पोषण मिलता है जिससे स्किन का लचीलापन और कोमलता बरकरार रहती है। यदि महिला शुरुआत से ही ऐसा करती है तो ऐसा करने से स्ट्रेचमार्क्स से बचे रहने में मदद मिलती है। यदि नारियल तेल नहीं है तो आप बादाम या किसी अन्य विटामिन इ युक्त तेल का इस्तेमाल कर सकती है। इसके अलावा आजकल मार्किट में भी प्रेगनेंसी के दौरान स्ट्रेचमार्क्स से बचने के लिए क्रीम आदि मिलती है तो आप उसका इस्तेमाल भी कर सकती है।
हाइड्रेट रहें
प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में तरल पदार्थों की कमी होने के कारण भी स्ट्रेचमार्क्स की समस्या अधिक होती है। ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान दिन में आठ से दस गिलास पानी पीने के साथ अन्य तरल पदार्थ जैसे की दूध, नारियल पानी, जूस आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए। क्योंकि यदि स्किन हाइड्रेट रहती है तो इससे स्किन में रूखापन नहीं आएगा और प्रेग्नेंट महिला को इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिलेगी।
वजन
गर्भावस्था के दौरान वजन बढ़ना अच्छी बात होती है लेकिन जरुरत से ज्यादा वजन बढ़ना और एक ही दम से वजन का तेजी से बढ़ना अच्छी बात नहीं होती है। क्योंकि इसके कारण प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ने के साथ स्ट्रेचमार्क्स की समस्या भी ज्यादा हो जाती है। ऐसे में यदि आप चाहती है की आपको स्ट्रेचमार्क्स की समस्या अधिक न हो तो इसके लिए आपको अपने वजन को जरुरत से ज्यादा नहीं बढ़ने देना चाहिए।
डाइट
जिंक, विटामिन सी, विटामिन इ, ओमेगा 3 फैटी एसिड जैसे पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें। यह सभी पोषक तत्व स्किन का लचीलापन बरकरार रखने में मदद करते हैं जिससे स्ट्रेचमार्क्स की समस्या कम होती है।
व्यायाम
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को थोड़ा बहुत व्यायाम भी जरूर करना चाहिए। क्योंकि व्यायाम करने से शरीर में ब्लड फ्लो अच्छे से होता है, स्किन में कसावट बनी रहती है। और ब्लड फ्लो जितना अच्छे से होता है और स्किन जितनी टाइट रहती है। उतना ही स्किन पर स्ट्रेचमार्क्स की समस्या कम होती है।
तो यह हैं कुछ टिप्स जिनका ध्यान रखने से प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली स्ट्रेचमार्क्स की समस्या को कम करने में मदद मिलती है। तो यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी इन सभी बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि आपको भी यह परेशानी अधिक न हो। और यदि आपको स्ट्रेचमार्क्स हो जाते हैं तो भी घबराएं नहीं क्योंकि डिलीवरी के बाद स्किन केयर अच्छे से करने पर आपको इस परेशानी से निजात मिल सकता है।