प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे की हाथ में दर्द, पैर में दर्द व् सूजन, कमर में दर्द, पेट में दर्द, थकान, कमजोरी, खून की कमी, आदि। और इनका कारण गर्भवती महिला के शरीर में होने वाले बदलाव हो सकते हैं। और ऐसा नहीं है की गर्भवती महिला को इन परेशानियों से निजात नहीं मिल सकता है।
बल्कि यदि प्रेग्नेंट महिला अच्छे से अपने आहार का सेवन करती है, अपने आहार में पोषक तत्वों को शामिल करती है, अपने आप को एक्टिव रखती है, दवाइयों का सेवन व् अपनी जांच सही समय पर करवाती है, नींद भरपूर लेती है, छोटी छोटी गलतियां नहीं करती है, तो गर्भवती महिला को इन परेशानियों से आराम पाने में मदद मिल सकती है। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की गर्भवती महिला किस तरह से हाथ पैर कमर दर्द थकान कमजोरी और खून की कमी जैसी परेशानियों को कैसे दूर कर सकती है।
आयरन युक्त फलों व् सब्जियों का सेवन
- गर्भवती महिला को हरी सब्जियों का भरपूर सेवन करना चाहिए क्योंकि इसमें आयरन मौजूद होता है जिससे गर्भवती महिला के शरीर में खून की कमी को दूर करने में मदद मिलती है।
- गाजर, टमाटर, चुकंदर जैसी सब्जियों का सेवन भी प्रेग्नेंट महिला को जरूर करना चाहिए क्योंकि इन सभी में आयरन की मौजूदगी होने के कारण यह बॉडी में हीमोग्लोबिन को सही रखने में मदद करते हैं।
- अनार, सेब, केला जैसे फलों का सेवन भी प्रेग्नेंट महिला को भरपूर मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इनमे भी आयरन भरपूर होता है।
- ऐसे में यदि प्रेग्नेंट महिला आयरन से भरपूर चीजों को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए ताकि बॉडी में खून की कमी के कारण होने वाली परेशानियों से निजात मिल सके। साथ ही ऐसी डाइट का सेवन करने से महिला को शरीर में होने वाले दर्द, कमजोरी, थकान जैसी परेशानियों से बचे रहने में भी मदद मिलती है।
दूध में शहद, छुहारे, ड्राई फ्रूट्स आदि मिलाकर
- गर्भवती महिला को एक दिन में दो से तीन गिलास दूध का सेवन जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे कैल्शियम भरपूर मात्रा में मिलता है जिससे गर्भवती महिला की हड्डियों को मजबूत होने के साथ बच्चे की हड्डियों के बेहतर विकास होने में भी मदद मिलती है।
- लेकिन यदि गर्भवती महिला दूध में शहद, ड्राई फ्रूट्स, छुहारे, केसर आदि मिलाकर सेवन करती है तो इससे दूध का फायदा दुगुना हो जाता है।
- जिससे गर्भवती महिला को हड्डियों, मांसपेशियों को मजबूती मिलने के साथ बॉडी को आयरन भी मिलता है।
- ऐसे में यदि महिला दूध में इनमे से किसी भी चीज को मिलाकर रोजाना इनका सेवन करती है तो इससे महिला को बॉडी पार्ट्स में दर्द को दूर करने, शरीर में खून की कमी को पूरी करने, थकान कमजोरी जैसी परेशानी से बचे रहने व् बच्चे के बेहतर विकास में मदद मिलती है।
डाइट का ध्यान
- गर्भावस्था में होने वाली परेशानियों का एक कारण गर्भवती महिला का अच्छे से डाइट का ध्यान न रखना भी होता है। ऐसे में इन सभी परेशानियों से बचे रहने के लिए प्रेग्नेंट महिला को अपनी डाइट का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
- जैसे की आपने पेट भरने के लिए नहीं खाना बल्कि ऐसा ऐसा खाना खाना है जिसमे पोषक तत्व भरपूर हो, और जिसे हज़म करने में आपको दिक्कत न हो।
- दिन में तीन बार पेट भरकर खाने की बजाय दिन में दो से तीन घंटे के गैप पर कुछ न कुछ खाएं जैसे की एक समय फ्रूट्स खा लिए, एक समय रोटी और चावल खा लिए, ओट्स, दलिया आदि।
- खाने के साथ महिला को दिन में आठ से दस गिलास पानी, नारियल पानी, फलों का रस, आदि का भी सेवन करना चाहिए ताकि प्रेग्नेंट महिला की बॉडी हाइड्रेट रहे।
- यदि प्रेग्नेंट महिला हाइड्रेट रहती है, पोषक तत्वों वाली डाइट का सेवन करती है तो इससे प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली इन सभी परेशानियों को दूर करने के साथ बच्चे के बेहतर विकास में भी मदद मिलती है।
भरपूर आराम
- प्रेग्नेंट महिला यदि पूरा दिन काम करती है, अपने शरीर को आराम नहीं देती है, या फिर सारा दिन सोती रहती है तो इसके कारण भी गर्भवती महिला को शरीर में दर्द, थकान, कमजोरी आलस जैसी परेशानियां हो सकती है।
- लेकिन यदि महिला दिन में भरपूर आराम करती है, अपनी बॉडी को ज्यादा थकाती नहीं है, और सारा दिन केवल आराम नहीं करती है साथ ही एक जगह या एक ही पोजीशन में बहुत देर बैठी नहीं रहती है।
- तो इससे प्रेग्नेंट महिला को रिलैक्स रहने और बॉडी की सभी क्रियाओं को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है जिससे प्रेग्नेंट महिला को इन सभी परेशानियों से राहत मिलती है।
थोड़ा व्यायाम
- गर्भवती महिला को ज्यादा नहीं बल्कि हल्का फुल्का व्यायाम जैसे की थोड़ी सैर, स्ट्रेचिंग, स्विमिंग आदि जरूर करना चाहिए।
- क्योंकि इससे बॉडी में ब्लड फ्लो को बेहतर करने, दिमागी और शारीरिक रूप से महिला को रिलैक्स रहने, महिला को एक्टिव रहने आदि में मदद मिलती है।
- और यदि प्रेग्नेंट महिला के शरीर में ब्लड फ्लो अच्छे से होता है, महिला को एक्टिव रहती है, तो इससे प्रेगनेंसी के दौरान हाथ पैर दर्द, थकान व् कमजोरी जैसी परेशानी आदि को दूर करने में मदद मिलती है।
- लेकिन ध्यान रखे की गर्भवती महिला ऐसा व्यायाम बिल्कुल न करें जिससे माँ या बच्चे को किसी भी तरह की दिक्कत या परेशानी हो।
दवाइयों का सेवन
- प्रेगनेंसी के दौरान पूरे नौ महीने तक डॉक्टर्स गर्भवती महिला को कुछ मल्टीविटामिन्स लेने की सलाह देते हैं।
- और यह इसीलिए होते हैं की प्रेग्नेंट महिला के शरीर में किसी भी जरुरी पोषक तत्व की कमी न हो।
- ऐसे में गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी में आने वाली परेशानियों को कम करने के लिए इन सभी दवाइयों का सेवन समय से करना चाहिए और नियमित करना चाहिए।
तो यह हैं कुछ आसान टिप्स जिनका प्रेग्नेंट महिला यदि अच्छे से ध्यान रखती है तो इससे प्रेग्नेंट महिला को हाथ, पैर, कमर दर्द थकान, कमजोरी, खून की कमी व् अन्य परेशानियों को प्रेगनेंसी के दौरान दूर करने में मदद मिलती है। इसके अलावा यदि कोई भी शारीरिक परेशानी अधिक हो तो इसे अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स न हो।