IVF precaution before and after
इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसा तरीका है जिसके इस्तेमाल से इनफर्टिलिटी की समस्या का समाधान हो सकता है। मेडिकल द्वारा दी गई इस सुविधा के कारण जो दम्पति माँ बाप नहीं बन सकते है। उन्हें भी माँ बाप बनने का सुख प्राप्त होता है, इन विट्रो फर्टिलाइजेशन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे अंडे को निषेचित करने की प्रक्रिया के बाद महिला के गर्भ में प्रत्यारोपित कर दिया जाता है। और उसके बाद महिला के गर्भ में ही शिशु का सम्पूर्ण विकास होता है।
आईवीएफ के बाद महिलाओ को अपनी बहुत ज्यादा केयर करनी पड़ती है, खासकर यदि आप शुरुआत में गलतियां करते है तो इसके कारण आईवीएफ के फेल होने का खतरा होता है। जैसे की महिला और पुरुष को सम्भोग करने से बचना चाहिए, महिला को जितना हो सके आराम करना चाहिए, इसके अलावा और भी बहुत सी सावधानियां है जो महिला को बरतनी चाहिए। आइये विस्तार से जानते है उन सावधानियों के बारे में वो क्या है।
आईवीएफ (IVF precaution) के बाद बरते यह सावधानियां:-
सम्बन्ध न बनाएं:-
आईवीएफ की प्रक्रिया के बाद महिला और पुरुष को जब तक शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए जब तक की डॉक्टर इसकी परमिशन न दें। यदि आप ऐसा करते है तो इससे महिला को वजाइनल इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है, साथ ही इससे गर्भाशय को भी चोट लगने का खतरा रहता है। इसीलिए जितना हो सके महिला और पुरुष को इससे परहेज रखना चाहिए।
प्रोजेस्टेरोन लें:-
ओवुलेशन के बाद प्रेगनेंसी में कोई समस्या न हो इसके लिए शरीर में प्रोजेस्टेरोन का उचित मात्रा में होना बहुत जरुरी होता है। यह एक ऐसा हॉर्मोन है जिसका उत्पादन महिला की ओवरी में होता है। आईवीएफ की प्रक्रिया के दौरान यह हॉर्मोन कृत्रिम रूप से इंजेक्शन के द्वारा महिला को दिए जाते है। यह हॉर्मोन महिला को प्रेगनेंसी के बाहरवें हफ्ते तक दिए जाते है। जब तक महिला के शरीर में खुद इस हॉर्मोन का उत्पादन होना शुरू नहीं होता है।
नशा न करें:-
प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह का नशा महिला के साथ गर्भ में पल रहे शिशु पर भी बुरा असर डालता है। ऐसे में आईवीएफ के दौरान भी आपको किसी भी तरह के नशे से परहेज करना चाहिए, क्योंकि इससे भी आपको नुकसान पहुँच सकता है।
कैफीन के सेवन से बचें:-
ज्यादा कैफीन जैसे चाय कॉफ़ी आदि का सेवन करने से भी आपको परहेज करना चाहिए। इससे आपको गैस या पेट सम्बन्धी अन्य परेशानी हो सकती है। जिसके कारण आईवीएफ की प्रक्रिया पर बुरा असर पड़ता है। और आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
व्यायाम न करें:-
आईवीएफ की प्रक्रिया के बाद महिलाओ को किसी भी तरह का कड़ा व्यायाम और एरोबिक्स आदि न करने की सलाह दी जाती है। और यदि आपका व्यायाम करना चाहते है तो आप हल्का फुल्का टहल सकते है या फिर थोड़ी देर मैडिटेशन भी कर सकते है। इससे न तो आपको कोई नुकसान होता है और साथ ही तनाव से राहत मिलने में भी मदद मिलती है।
नहाएं नहीं शावर लें:-
डॉक्टर्स के अनुसार जब आईवीएफ की प्रक्रिया होती है उसके बाद महिला को कम से कम दो हफ्तों तक बैठकर नहीं नहाना चाहिए। इससे आईवीएफ प्रक्रिया पर असर पड़ता है जिसके कारण अंडा अपने प्रत्यारोपित स्थान से हट सकता है। ऐसे में आपकी आईवीएफ प्रक्रिया फेल हो सकती है, इसीलिए आप चाहे तो खड़े होकर थोड़ा शावर ले सकते है लेकिन बैठकर नहाने से परहेज करना चाहिए।
भारी सामान न उठाएं:-
प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में भरी सामान का उठाना गर्भपात का कारण बन सकता है, और बाद में यदि आप भारी सामान उठाते है तो इससे आपके पेट पर दबाव पड़ता है। जिसके कारण आपको परेशानी हो सकती है। आईवीएफ के दौरान जब तक आपकी डिलीवरी नहीं हो जाती है न तो आपको ज्यादा झुककर काम करना चाहिए और न ही अधिक भार उठाना चाहिए।
अधिक भागदौड़ न करें:-
प्रेगनेंसी के दौरान ज्यादा भागदौड़ आपके गर्भपात का कारण बन सकती है, और जब शिशु आईवीएफ के जरिए हो तो आपको दुगुना ध्यान रखना चाहिए। ऐसे में इस दौरान आपको न तो यात्रा करनी चाहिए, और न ही ज्यादा भागदौड़ वाला काम करना चाहिए। ऐसा करने से आपको इस दौरान होने वाली परेशानी से बचने में मदद मिलती है।
डॉक्टर से जांच करवाएं:-
नियमित जांच और थोड़ी सी भी परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना आईवीएफ में बहुत जरुरी होता है। क्योंकि आपकी थोड़ी सी लापरवाही आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। इसीलिए जब भी आपको थोड़ी सी भी परेशानी हो तो आपको तुरंत डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
तो यदि आप भी आईवीएफ के जरिए माँ बनने जा रही है तो आपको अपना दुगुना ध्यान रखना चाहिए। और साथ ही इस दौरान आपको किसी भी तरह की परेशानी न हो इससे बचने के लिए आपको ऊपर दिए गए टिप्स का इस्तेमाल करना चाहिए। ताकि माँ और होने वाले शिशु दोनों को ही स्वस्थ रहने में मदद सकें और आपको भी माँ बाप बनने के सुखमयी अहसास हो सकें।