शिशु के दांत

शिशु के जन्म के बाद हर दिन आप उसमे नया बदलाव महसूस करते हैं और जैसे जैसे शिशु का विकास बढ़ता है, वैसे वैसे शिशु पलटी मारने लगता है, चीजों को पकड़ने की कोशिश करने लगता है, बैठने लगता है, बोलने की कोशिश करता है, चलने लगता है, शिशु के दांत आने लगते हैं आदि। जन्म के छह महीने से एक साल के बीच शिशु के दांत आने शुरू हो जाते हैं, और इन दांतों को दूध के दांत भी कहा जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं की शिशु के दांत बनने की प्रक्रिया गर्भ में ही शुरू हो जाती है। और शिशु के जब पूरे दांत आ जाते हैं तो यह लगभग पांच वर्ष की उम्र के बाद यह टूटना भी शुरू हो जाते हैं। और उसके बाद शिशु को नए दांत आते हैं, दांतों के निकलने पर बहुत से शिशु उल्टी, दस्त जैसी समस्या से बहुत अधिक परेशान रह सकते हैं।

दांत के प्रकार

क्या आप जानते हैं की शिशु के जन्म के बाद दांतों के निकलने के भी दो प्रकार होते है, यदि नहीं, तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की शिशु के दांत कितनी तरह के हो सकते हैं।

नेटल दांत: यदि शिशु के जन्म के समय ही दांत होते हैं तो उसे नेटल दांत कहा जाता है।

नियो नेटल: यदि शिशु के जन्म के बाद शिशु के छह से एक वर्ष के होने बीच दांतों के आने की शुरुआत होती है तो इसे नियो नेटल दांत कहा जाता है।

क्या शिशु के जन्म के समय उसके दांत हो सकते हैं?

जन्म के समय जिस तरह उसके सभी अंग विकसित होते हैं वैसे ही कुछ बच्चों के दांत भी निकले हुए होते हैं, क्योंकि दांतों के बनने की प्रक्रिया भी गर्भ में शिशु के बाकी अंगो के विकास के साथ ही शुरू हो जाती है। लेकिन ऐसा बहुत ही कम मामलों में देखने को मिलता है, और यह काफी सामान्य बात होती है, जन्म के समय शिशु के दांतों का होना शिशु को होने वाली किसी बिमारी का संकेत नहीं होता है। लेकिन इसके कारण शिशु को परेशानी का अनुभव जरूर हो सकता है, ऐसे में यदि शिशु के दांत आपको महसूस हो तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और जितना जल्दी हो सके इसके लिए एक बार डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।

क्या जन्म के समय शिशु के दांत होने से कोई परेशानी होती है?

जन्म के समय शिशु के दांत होने पर महिला को शिशु की अच्छे से केयर करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसके कारण शिशु को कुछ परेशानी हो सकती है, तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की शिशु के जन्म के समय से ही दांत होने पर कौन कौन सी परेशानियां हो सकती है।

  • शिशु के मुँह में दांत होने के कारण शिशु को दूध पीने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, और शिशु यदि दूध न पीए तो माँ को एक बार शिशु का मुँह जरूर चेक करके जरूर देखना चाहिए।
  • डॉक्टर्स के अनुसार इस तरह के दांत बहुत ही कोमल होते हैं, जिनके बहुत जल्दी टूट जाने का खतरा रहता है, ऐसे में शिशु जब भी कुछ निगलता है तो इन दाँतों का टूटकर सांस की नली या गले में फंस जाने का खतरा होता है। जिससे शिशु को बहुत ज्यादा परेशानी हो सकती है ऐसे में डॉक्टर्स इन्हे निकाल देने की सलाह ही दे सकते हैं।

तो यह हैं है जन्म के समय से ही शिशु को दांत निकलने से जुडी कुछ बातें, तो यदि आप भी गर्भवती है और बहुत जल्दी शिशु को जन्म देने वाली है तो शिशु की बेहतर केयर के लिए इस बात का ध्यान जरूर रखें ताकि शिशु को किसी भी तरह की कोई परेशानी न हो।

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