अगर आप प्रेग्नेंट है या बच्चे की प्लानिंग कर रहे है, तो हो सकता है आपको जुड़वाँ बच्चा होने बाला हो. जी हां आज हम बात कर रहे है की आखिर जुड़वाँ बच्चे कैसे पैदा होते है, क्या कारण होता है जुड़वाँ बच्चे पैदा होने के लिए, आज हम इस विषय पर ही चर्चा कर रहे है की आखिर जुड़वाँ बच्चे होने का रहस्य क्या है. तो आईये आज हम आपको बताते है इसका रहस्य.
जुड़वा बच्चे दो तरह के होते हैं— आपको शायद पे पता होगा की एक-दूसरे से अलग दिखने वाले या मैनोज़ाइगॉटिक (monozygotic) या बिल्कुल एक से दिखने वाले जुड़वा या डायज़ाइगॉटिक (dizygotic), मैनोज़ाइगॉटिक जुड़वा बच्चों का निर्माण तब होता है जब एक एग से किसी स्पर्म द्वारा फर्टिलाइज़ किया जाता है, लेकिन दो एम्ब्रीओ निर्माण होता है। इस तरह जन्म लेनेवाले जुड़वा बच्चों की आनुवांशिक संरचना एक ही होती है। जबकि डायज़ाइगॉटिक जुड़वा बच्चे तब बनते हैं जब दो अलग स्पर्म्स दो एग्स को फर्टिलाइज करते हैं और दो अलग दिखनेवाले बच्चे पैदा होते हैं। ऐसे बच्चों की आनुवांशिक संरचना अलग होती है।
यहां हम बता रहे हैं कुछ स्थितियों के बारे में जिनसे जुड़वा बच्चों के साथ गर्भवती बनने की आपकी संभावना बढ़ा सकती है-
आनुवांशिक कारण /जेनेटिक्स- ऐसे जुड़वाँ बच्चे सब को नहीं होते है. पर जी हां, अगर आपके परिवार में पहले भी जुड़वा बच्चे पैदा हो चुके हैं, तो काफी सम्भावना है कि आपको भी जुड़वा बच्चे हों। यह आनुवांशिक प्रवृतियों की वजह से होता है। यही नहीं, अगर आप भी अपने भाई या बहन की जुड़वा हैं तो जुड़वा बच्चों की मां बनने की आपकी सम्भावनाएं काफी बढ़ जाती हैं। हालांकि, ऐसा माना जाता है कि ऐसी सम्भावनाएं माता और उसके परिवार पर आधारित होती हैं, पिता के नहीं।
ऊंचाई/ वज़न- हो सकता है यह जानकर आपको हैरानी हो लेकिन आपकी ऊंचाई और वज़न भी जुड़वा बच्चों के लिए गर्भधारण में एक निर्णायक भूमिका निभाता है। अमेरिकम कॉलेज ऑफ अब्स्टेट्रिक्स एंड गाइनोकोलोजी
में छपी एक स्टडी के अनुसार, ऐसी महिलाएं जिनका बीएमआई 30 या उससे अधिक हो उनमें जुड़वा बच्चों को जन्म देने की सम्भावना अधिक होती है। हालांकि, ऐसी स्थिति में केवल फ्रैटर्नल (fraternal) एक से दिखने वाले जुड़वा बच्चे होते हैं। साथ ही, ऐसी भी जानकारी मिलती रही है कि ऊंची महिलाएं भी जुड़वा बच्चों को अधिक जन्म देती हैं।
मां की उम्र- जहां यह बात प्रचलित है कि उम्र बढ़ने के साथ महिलाओं के लिए गर्भधारण करना मुश्किल हो सकता है। कुछ स्टडीज़ में ऐसा पाया गया है कि उम्र बढ़ने के साथ आपको जुड़वा बच्चे होने की सम्भावना बढ़ जाती है। दरअसल जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है वैसे-वैसे फॉलिकल स्टिम्युलेटिंग हॉर्मोन (follicle stimulating hormone- FSH-) के निर्माण में भी कमी आती है, जो एग ओवरीज़ को ओव्यलैशन के लिए रीलिज़ करने में एक अहम भूमिका निभाता है। तो जैसे-जैसे रीलिज़ होनेवाले एग की संख्या बढ़ने लगती है, वैसे जुड़वा बच्चों के लिए गर्भधारण करने की सम्भावना बढ़ जाती है।
गर्भनिरोधक गोलियां- वैसे को गर्भनिरोधक गोलियां प्रेगनेंसी रोकने का काम करती हैं, लेकिन इनके सेवन से सम्भावना है कि आपको जुड़वा बच्चे हों। दरअसल जब आप गोलियां खाना बंद करते हैं तो हो सकता है कि शुरुआत के किसी मंथली साइकल के दौरान शरीर में विभिन्न प्रकार के हार्मोनल बदलाव आएं। जिसके चलते इन गोलियों को खाते हुए भी आपको दो गर्भ ठहरने की सम्भावनाएं बढ़ जाती हैं।
पहले दो बच्चों हो चुके हों /या आप प्रेगनेंट हो चुकी हों- अगर आपको पहले ही जुड़वा बच्चे हो चुके हैं, तो यह कहना ज़रूरी नहीं होगा कि आपको दोबारा जुड़वा बच्चे हो सकते हैं। यही नहीं, अगर आप पहले भी प्रेगनेंट हो चुकी हैं और प्रेगनेंसी की कोशिश कर रही हैं, तो हो सकता है कि आपको जुड़वा बच्चे हों।
आईवीएफ- आजकल आप बहूत से लोगो से सूना होगा कि आईवीएफ, जी हां आजकल ये काफी जोरो पर है, जहां ऊपर लिखे सभी कारणों की वजह से शायद आप जुड़वा बच्चों की मां न बन सकें, लेकिन अगर आप इन-विट्रो फर्टीलाइज़ेशन (in-vitro fertilisation) का माध्यम चुनती हैं तो हो सकता है कि आपके गर्भ में जुड़वा बच्चे आ जाएं। इस प्रक्रिया में, एग शरीर के बाहर फर्टिलाइज होते हैं और उसके बाद यूटरस में प्रवेश कराया जाता है। जैसे कि यह एक सहायक प्रक्रिया है, इसीलिए हो सकता है कि आईवीएफ की वजह से आपके जुड़वा बच्चे हों।
तो शायद अब आपको थोड़ा समझ आ गया होगा की जुड़वाँ बच्चा कैसे होता है. आप अपनी राय भी रख रक्स्ट है. अगर इस लेख में कुछ त्रुटि रह गई हो तो.