प्रेगनेंसी को लेकर कई महिलाएं सवाल उठाती हैं की आखिर गर्भवती होने के लिए सही उम्र कौन सी है। और इसे लेकर हर किसी के विचार अलग अलग हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर महिलाएं यही जानती है की कम उम्र और अधिक उम्र होने के बाद प्रेगनेंसी के दौरान दिक्कते बढ़ सकती है। जबकि यदि महिला बीस साल की है या तीस साल की है और शारीरिक रूप से बिल्कुल फिट होती है तो ऐसे में महिला आसानी से शिशु को जन्म दे सकती है। जहां 20 से 26 वर्ष की उम्र में प्रजनन क्षमता अधिक होती है वहीँ उम्र बढ़ने के साथ रिप्रोडक्टिव सिस्टम में कमी आने लगती है जिसके कारण महिला को प्रेग्नेंट होने में परेशानी हो सकती है।
इसके अलावा प्रेगनेंसी के लिए महिला की जीवनशैली का सही होना भी जरुरी होता है, क्योंकि यदि आप 30 साल की है और आपकी जीवनशैली मेन्टेन है, तो आपको प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। वहीँ 25 साल की उम्र होने पर और जीवनशैली खराब होने के कारण प्रेगनेंसी के दौरान कॉम्प्लीकेशन्स आ सकती हैं। तो ऐसे में महिला की प्रेगनेंसी के लिए उम्र के साथ जीवनशैली का सही होना भी बहुत जरुरी होता है। साथ ही कई बार कुछ महिलाएं प्रेगनेंसी से पहले की किसी शारीरिक परेशानी जैसे की थायरॉयड आदि से जूझ रही होती है, जिसके कारण भी प्रेगनेंसी होने में समस्या हो सकती है।
पहली बार माँ बन रही महिला चाहे वो किसी भी उम्र में हो उसके मन में तरह तरह के सवाल होते हैं, साथ ही बॉडी में हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली दिक्कतों का सामना भी करना पड़ सकता है। लेकिन हर महिला को एक ही तरह की परेशानी हो ऐसा भी कोई जरुरी नहीं होता है। रिसर्च के अनुसार जहां 20 से 25 वर्ष की उम्र में माँ बनने वाली महिलाएं डिलीवरी के बाद जल्दी फिट हो जाती है, वहीँ अधिक उम्र होने पर वजन बढ़ना, ब्लड प्रैशर से जुडी परेशानी, वजन अधिक बढ़ने जैसी परेशानी हो सकती है। तो लीजिये आज हम प्रेगनेंसी की सही उम्र कौन सी हो सकती है और कौन सी उम्र में महिला का प्रेग्नेंट होना सबसे ज्यादा रिस्की होता है इससे जुड़े कुछ तथ्य बताने जा रहे हैं।
बीस से पच्चीस वर्ष की उम्र में प्रेगनेंसी
इस दौरान प्रेगनेंसी होने के चांस सबसे ज्यादा होते है, और यह प्रेगनेंसी के लिए सही उम्र भी होती है। क्योंकि इस समय महिला की प्रजनन क्षमता बेहतर होती है। साथ ही रिसर्च के अनुसार इस उम्र में माँ बनने वाली महिलाओं को स्तन कैंसर जैसी समस्या होने का खतरा कम होता है, लेकिन गेस्टेशनल डाइबिटीज़, उच्च रक्तचाप जैसी परेशानी भी हो सकती है। साथ ही इस दौरान माँ बनने वाली महिलाओं को स्ट्रेचमार्क्स होने की ज्यादा समस्या भी नहीं होती है, और यदि होती भी है तो वो धीरे धीरे अपने आप ही खत्म हो जाते हैं।
इसके अलावा बॉडी शेप में आये परिवर्तन को भी डिलीवरी के बाद जल्दी वापिस लाने में मदद मिलती है। साथ ही इस दौरान महिला ऊर्जा से भरपूर होती है, ऐसे में शिशु की केयर को बेहतर तरीके से करने में भी मदद मिलती है। और इस उम्र में माँ बनने वाली महिलाओं के गर्भ में पल रहे शिशु के स्वस्थ होने चांस भी बेहतर होते हैं, यदि महिला प्रेगनेंसी के दौरान अपना अच्छे से ध्यान रखती है।
25 से 35 की उम्र की होने पर प्रेगनेंसी
30 की उम्र के आस पास जब महिला पहुंचती हैं तो उसकी प्रजनन क्षमता कम होने लगती है। रिसर्च के अनुसार 26 के बाद जैसे जैसे उम्र बढ़ती है वैसे वैसे बांझपन होने की दर भी बढ़ जाती है। क्योंकि अपने करियर के चक्कर में हो सकता है की आप इस दौरान आप अपनी सेहत का भरपूर ध्यान न रख पाएं, जैसे की आपके खाने पीने की आदत में गड़बड़ी, जीवनशैली का खराब होना, गलत आदतों के कारण महिला कई तरह के रोगों से ग्रसित हो सकती हैं। ऐसे में महिला के लिए कम से कम बीस और ज्यादा से ज्यादा अठाइस वर्ष की उम्र में ही माँ बनने का निर्णय लेना सबसे सही हो सकता है। और यदि आप फिट नहीं हैं तो हो सकता है की इसका असर गर्भ में पल रहे शिशु पर भी पड़ जाएँ, जिसके कारण जन्म के बाद उसे परेशानी का सामना करना पड़े।
35 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी
इस उम्र के बाद प्रजनन क्षमता में बहुत तेजी से गिरावट आती है, और चालीस की उम्र के बाद तो बहुत ज्यादा समस्याएं उत्पन्न हो सकती है हालाँकि इस उम्र में भी महिला शिशु को जन्म दे सकती है, और इस दौरान जुड़वाँ बच्चे होने के चांस भी ज्यादा होते हैं। लेकिन इस उम्र में प्रेगनेंसी के दौरान उच्च रक्तचाप, गेस्टेशनल डाइबिटीज़, बहुत अधिक वजन बढ़ने जैसी समस्या हो सकती है। ऐसे में इस उम्र को प्रेगनेंसी के लिए सबसे ज्यादा रिस्की कहा जा सकता है। क्योंकि सी सेक्शन डिलीवरी होने के साथ डिलीवरी के बाद भी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही जन्म के बाद शिशु को भी बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
तो यह हैं महिला की उम्र के अनुसार प्रेगनेंसी से जुडी कुछ बातें, ऐसे में माँ बनने के लिए सही उम्र का चुनाव करना बहुत जरुरी होता है। ताकि महिला के साथ शिशु को भी स्वस्थ रहने में मदद मिल सके, इसके अलावा जब भी आप प्रेगनेंसी प्लान करें उससे पहले शरीर की अच्छे से जांच जरूर करवानी चाहिए।