अगर आप एक महिला हैं तो आपने अक्सर इन दो समस्याओं का सामना किया होगा – एक तो जब कभी बाहर जाना हो तो कपड़े क्या पहने, समझ नहीं आता और दूसरा जब आप ख़रीदारी करके घर आती हैं तो नए कपड़े रखे कहाँ, वो पता नहीं चलता, क्यूँकि अलमारी में जगह ही नहीं होती है, वो पहले से भरी पड़ी होती है। ख़ैर ये तो रही मज़ाक़ की बात, पर हक़ीक़त यही है कि महिलायें शॉपिंग करते बहुत सी चीज़ें बिना सोचे समझे ख़रीद लाती हैं। ख़रीदारी करना महिलाओं का पसंदीदा काम कहा जाए तो कुछ ग़लत नहीं होगा और उसपर अगर कपड़ों की ख़रीदारी की बात हो तो फिर तो क्या कहने। कपड़ों की ख़रीदारी के नाम से ही उनका चेहरा खिल जाता है। महिलाओं के सजने सवरने के शौक़ के बारे में तो सब जानते ही हैं, ऐसे में नए नए परिधान ख़रीदना और पहनना उनका शौक़ ही नहीं आदत भी बन जाती है। अपनी इस आदत के चलते वो धड़ाधड़ ख़रीदारी में लगी रहती हैं। दुकानदार भी उनकी इस आदत को जल्दी भाँप जाते हैं व ख़ूब फ़ायदा उठाते हैं।
दुकानदार तरह तरह के हथकंडे अपनाते हैं अपना सामान बेचने के लिए। जैसे –
डिस्काउंट स्कीम –
आजकल डिस्काउंट स्कीम बहुत ज़्यादा फ़ैशन में है। डिस्काउंट के नाम पर कुछ भी बेच दो, लोग आँखें बंद करके ख़रीद लेते हैं। किसी मॉल में चले जाओ, हर शोरूम में 20% off से लेकर 80-80% off तक लिखा रहता है और लोग डिस्काउंट के लालच में आकर कुछ भी ख़रीद लेते हैं। कई बार तो डिस्काउंट के चक्कर में लोग कपड़े की गुणवत्ता तक पर ध्यान नहीं देते हैं और जब कुछ ही दिन में कपड़ा ख़राब हो जाता है, तब पछताते हैं।
एक के साथ एक फ़्री –
ये डिस्काउंट स्कीम से भी अधिक लुभावना नया हथकंडा है, जो कि दुकान हो या मॉल, सब जगह ख़ूब भुनाया जा रहा है। ख़रीदारी करते वक़्त स्कीम देखकर ग्राहक सोचते ही नहीं कि वो तो एक ही चीज़ ख़रीदने आए थे, एक के साथ एक फ़्री लेकर क्या करेंगे। और एक चीज़ के दाम में दो मिल रही हैं, इस उत्साह में कई बार चीज़ की गुणवत्ता की ओर ध्यान भी नहीं जाता और घटिया क्वॉलिटी की चीज़ लेकर आ जाते हैं, जो की फ़्री होकर भी महँगी पड़ती है।
माँग को लेकर भ्रम पैदा करना –
बहुत से दुकानदार ग्राहकों के मन में ये कहकर भ्रम पैदा कर देते हैं कि मैडम ये साड़ी/ड्रेस तो बहुत डिमांड में है। गिने चुने पीस आए थे, सब बिक गए, बस ये आख़िरी है। इतने कम दाम में आपको ये ड्रेस नहीं मिलेगा, बस ये तो आप ले ही लो। ऐसे में ग्राहक को लगता है कि ये दुकानदार तो हमारा ही फ़ायदा सोच रहा है और वो ड्रेस ख़रीद लेते हैं।
उत्पाद की उपलब्धता को लेकर भ्रम फैलाना – कुछ दुकानदार ये कहकर भ्रम फैलाते हैं कि इस उत्पाद की पीछे से सप्लाई नहीं आ रही है, बस यही गिने चुने पीस बचे हैं, आप अभी ले लो, वरना बाद में नहीं मिलेगा। इस तरह की अफ़वाहों पर विश्वास करके ग्राहक बिना ज़रूरत ही चीज़ें ख़रीद लेते हैं।