दूसरी दुकानों से तुलना करके अपनी चीज़ को सस्ता और अच्छा बताना –
ज़्यादातर दुकानदार दूसरी दुकानों से अपनी चीज़ को सस्ता और अच्छा बताकर तुलना करने लगते हैं और ग्राहक का भ्रमित करते हैं।
कूपन सिस्टम –
कुछ मॉल्ज़ या शॉप्स पर कूपन सिस्टम का चलन होने लगा है। जब आप वहाँ ख़रीदारी करते हैं तो पहले तो वहाँ लिखा रहता है कि एक तय रक़म की ख़रीदारी करिए तो आपको डिस्काउंट कूपन मिलेगा। उस कूपन को फिर आप अगली शॉपिंग में इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह से ग्राहक को एक बार फिर शॉपिंग पर आने के लिए बाध्य किया जाता है।
ये तो हुए दुकानदारों के हथकंडे, जो वो अपनाते हैं ग्राहकों को बेवक़ूफ़ बनाने के लिए या यूँ कहें कि अपना सामान बेचने के लिए। परंतु दुकानदार की बातों में आकर ख़रीदारी कर लेना कहीं से भी समझदारी नहीं है, हमें अपने विवेक से काम लेना चाहिए। शॉपिंग पर जाते वक़्त दिमाग़ में रखें ये बातें –
- जब भी शॉपिंग पर जाएँ, सामान की लिस्ट बनाकर ले जाएँ। जिस चीज़ की ज़रूरत है, वही ख़रीदें, बेवजह ख़रीदारी ना करें।
- दुकानदार की बातों में ना आएँ। कौन सी ड्रेस आप पर कैसी लगेगी, वो आप ख़ुद पहनकर तय करें, सिर्फ़ दुकानदार के कहने पर कि आप पर ये ड्रेस अच्छी लगेगी, नहीं ख़रीदें।
- डिस्काउंट के चक्कर में कभी ना आएँ। कोई भी दुकानदार कभी भी अपना नुक़सान करके आपको चीज़ नहीं बेचेगा, इसलिए कितने प्रतिशत डिस्काउंट मिल रहा है, इस चक्कर में ना आएँ। डिस्काउंट स्कीम में चाहे कितना भी डिस्काउंट लिखा हो, उत्पाद की क़ीमत पहले ही उतनी बढ़ा कर लिखी होती है।
- याद रखें फ़्री कुछ नहीं होता। चाहे एक के साथ एक फ़्री मिल रहा हो या दो के साथ एक फ़्री, उसकी क़ीमत पहले से उत्पाद में जोड़ी हुई होती है।
- डिस्काउंट कूपन के लालच में कभी ना आएँ। एक तो कूपन की ख़ातिर पहले ही आप ज़रूरत से ज़्यादा ख़रीदारी कर लेते हैं और जब कूपन की शर्तें पढ़ते हैं तो पता चलता है कि एक तय वक़्त में दोबारा शॉपिंग करने आना है तो आपको कूपन में लिखा डिस्काउंट मिलेगा। इस तरह से आप फँस जाते हैं, अब या तो आपको कूपन व्यर्थ गँवाना पड़ेगा या फिर दोबारा शॉपिंग करके पैसे वेस्ट करने होंगे। इस तरह से दोनों ही स्थितियों में नुक़सान आपका ही है।
- जो चीज़ पसंद आए वही ख़रीदें, सिर्फ़ इसलिए ख़रीदारी ना करें कि दुकानदार आपको बहुत देर से साड़ी या ड्रेस दिखा रहा है तो आपको कुछ ना कुछ ले लेना चाहिए। उनका काम है ग्राहक को कपड़े दिखाना, वो दिखाएँगे ही। आप अपने विवेक का इस्तेमाल करें।
आशा है अगली बार ख़रीदारी पर जाते वक़्त आप इन बातों का ख़्याल रखेंगी और दुकानदार की बातों में आने से बचेंगी । Happy Shopping 😊