शिशु के गर्भ में आने की खबर से लेकर शिशु के जन्म तक गर्भवती महिला बहुत से नए नए अनुभव से गुजरती है। लेकिन जैसे जैसे डिलीवरी का समय पास आता है तो महिला के मन में तरह तरह के सवाल उधेड़बुन करने लगते हैं। ऐसे में महिला के मन में चल रहे इन सवालों के कारण महिला की परेशानी बढ़ सकती है, जिससे लेबर के दौरान महिला को ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में महिला को अपने आप को रिलैक्स रखना चाहिए, ताकि गर्भवती महिला को किसी भी तरह की परेशानी न हो। और प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में कुछ टिप्स का ध्यान रखना चाहिए को लेबर के दौरान होने वाली परेशानी से बचाव करने में आपकी मदद कर सकते है।
सोच को सकारात्मक रखें
डिलीवरी का समय पास आने पर दिमाग में बहुत सी बातें चलती रहती हैं। लेकिन इस दौरान महिला को अपनी सोच को सही रखना जरुरी होता है, क्योंकि यदि आप अपने मस्तिष्क पर जोर डालती है तो इससे तनाव के कारण डिलीवरी के दौरान परेशानी ज्यादा हो सकती है। ऐसे में प्रसव होने से पहले आपको अच्छी बातों को सोचना चाहिए, संगीत सुनना चाहिए, अपनों से बातें करनी चाहिए, ताकि प्रसव का समय पास आने पर आपको परेशानी न हो।
प्रसव की जानकारी लें
ऐसा जरुरी नहीं होता है की डिलीवरी के दौरान हर महिला की स्थिति एक जैसी हो, बल्कि यह हर महिला की शारीरिक स्थिति पर निर्भर करता है। ऐसे में डिलीवरी के दौरान के होने वाली परेशानी से बचाव के लिए महिला को प्रसव के बारे में सारी जानकारी इक्कठी करनी चाहिए, ताकि जब भी आपको दर्द महसूस हो, एमनियोटिक फ्लूड निकलें तो ऐसे में आपको पता चल जाए की प्रसव होने वाला है और जल्द से जल्द आप डॉक्टर के पास जाएं जिससे आपकी इन सभी परेशानियों को खत्म करने में मदद मिल सके।
अपने आप को बिज़ी रखें
प्रेगनेंसी के आखिरी समय में महिला को ज्यादा परेशानी का अनुभव हो सकता है, उठने, बैठने, सोने तक में परेशानी हो सकती है। ऐसे में महिला को इन परेशानियों से बचाव के लिए अपने आप को जितना हो सके बिज़ी रखना चाहिए, इससे न केवल आपकी प्रेगनेंसी के आखिरी समय की परेशानी कम होती है। अपने आप को बिज़ी रखने के लिए गर्भवती महिला को अपनी पसंद का कोई काम करना चाहिए, लेकिन जो भी काम करें उससे गर्भवती महिला की या गर्भ में पल रहे शिशु की सेहत को किसी तरह का कोई न नुकसान नहीं होना चाहिए।
डर को करें जाहिर
खासकर जब महिला पहली बार माँ बनती है तो हर कोई अपना एक्सपीरियंस शेयर करता है, ऐसे में कई बार हो सकता है की महिला घबरा जाएँ। और ज्यादा डर और घबराहट महिला के लिए परेशानी खड़ा कर सकती है, इसीलिए गर्भवती महिला को यदि किसी बात का डर है या मन में कोई सवाल उठ रहे है तो उनको जाहिर करना चाहिए ताकि उन परेशानियों का हल करके महिला को रिलैक्स फील करवाने में मदद मिल सके।
मालिश करवाएं
मालिश करने से गर्भवती महिला को मानसिक के साथ शारीरिक रूप से भी आराम मिलता है, ऐसे में महिला रिलैक्स फील करने के साथ प्रसव के दौरान होने वाले दर्द का अनुभव कम करने में भी मदद मिलती है। लेकिन पेट की मालिश करने से बचना चाहिए, मालिश करने के लिए आप किसी भी तेल या क्रीम आदि का इस्तेमाल कर सकती है।
हॉट शावर लें
हॉट शावर लेने से न केवल रिलैक्स महसूस होता है, बल्कि इससे बॉडी में होने वाले दर्द से भी राहत पाने में मदद मिलती है। लेकिन इस बात ला भी ध्यान रखें की पानी बहुत ज्यादा गर्म न हो, यह उपाय की प्रसव का समय पास आने पर प्रसव के दौरान होने वाली दिक्कतों को कम करने में मदद करता है।
डॉक्टर से राय लें
प्रेगनेंसी के नौवें महीने की शुरुआत के बाद आपको समय समय पर डॉक्टर से राय लेते रहना चाहिए, और यदि कोई समस्या या कोई ऐसा लक्षण दिखाई दे जो की परेशानी का कारण बन जाएँ तो उसे अनदेखा न करते हुए डॉक्टर के पास जाना चाहिए, ताकि इस दौरान होने वाली हर परेशानी से बचाव करने में मदद मिल सके।
तो यह हैं कुछ खास टिप्स जो डिलीवरी के दौरान होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करते हैं, साथ ही इससे नोर्मल डिलीवरी के होने के चांस भी बढ़ते हैं।