Labor Pain Symptoms

प्रेगनेंसी के आठ महीने बीत जाने के बाद जैसे ही महिला को नौवां महीना लगता है वैसे ही महिला को तनाव, घबराहट, डर, बेचैनी जैसी परेशानियां होने लगती है। क्योंकि नौवां महीना लगते ही महिला को डिलीवरी के बारे में सोच सोच कर यह परेशानियां होती है। खासकर जिन महिलाओं की पहली डिलीवरी होती है और जिन महिलाओं को प्रसव के लक्षणों के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती है। उन महिलाओं को यह परेशानी अधिक होती है। लेकिन यदि महिला तनाव लेती है, डरती हैं, तो इससे महिला की परेशानियां और बढ़ जाती है।

इसीलिए प्रेग्नेंट महिला को प्रेगनेंसी के दौरान प्रेगनेंसी व् प्रसव से जुडी जानकारी इक्कठी करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि प्रेगनेंसी व् प्रसव से जुडी महिला की जानकारी बढ़ेगी तभी तो महिला की परेशानी घटेगी। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम भी आपसे प्रसव के कुछ लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं। जिन्हे जानकर आपको प्रसव का समय आया है या नहीं इसे जानने में मदद मिलेगी। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं उन टिप्स के बारे में:

पेट में दर्द व् ऐंठन

प्रसव का समय नजदीक आने पर यदि महिला को पेट में ठीक वैसे ही दर्द होता है। जैसे की महिला को periods के दौरान होता है या पेट में ऐंठन बहुत ज्यादा महसूस होती है। तो यह लक्षण महसूस होना इस बात की और इशारा करता है की आपका प्रसव का समय पास आ गया है और आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

कमर में दर्द

यदि प्रेग्नेंट महिला को कमर में नीचे की तरफ बहुत अधिक दर्द महसूस होता है और धीरे धीरे यह दर्द जाँघों की तरफ बढ़ता है। तो यह लक्षण इस बात की और इशारा करता है की बच्चा जन्म के लिए तैयार है।

यूरिन पास करने की इच्छा में बढ़ोतरी

तीसरी तिमाही में दौरान गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण महिला की यूरिन पास करने की इच्छा में बढ़ोतरी हो सकती है। लेकिन यदि महिला को थोड़ी थोड़ी देर में यूरिन पास करने की इच्छा हो रही है, तो ऐसा होना भी महिला का प्रसव समय आने का संकेत होता है।

प्राइवेट पार्ट से स्त्राव

यदि प्रेग्नेंट महिला को प्राइवेट पार्ट से रक्त, गुलाबी या भूरे रंग का स्त्राव होता है तो ऐसा होना भी डिलीवरी का समय पास आने का संकेत होता है।

संकुचन

यदि गर्भवती महिला को गर्भाशय के आस पास की मांसपेशियों में बहुत अधिक खिंचाव महसूस होता है। और ऐसा आपको बहुत जल्दी जल्दी महसूस होता है तो यह लक्षण भी प्रसव का संकेत होता है।

पानी की थैली का फटना

गर्भ में शिशु एमनियोटिक फ्लूड में होता है यदि महिला का प्रसव होने वाला होता है तो यह पानी बाहर की तरफ निकलने लगता है। जिसे की पानी की थैली का फटना कहा जाता है, यदि गर्भवती महिला को प्राइवेट पार्ट से सफ़ेद पानी निकलता हुआ महसूस होता है तो गर्भवती महिला को तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। क्योंकि पानी की थैली फटने का मतलब होता है की अब आपका शिशु इस दुनिया में आने वाला है।

शिशु की हलचल में कमी

डिलीवरी का समय पास आने पर शिशु का सिर नीचे की तरफ हो जाता है जिस कारण महिला को शिशु की हलचल थोड़ी कम महसूस हो सकती है। ऐसे में आपको जल्द से जल्द डॉक्टर के पास जाना चाहिए, खासकर जब महिला महिला को बच्चे की हलचल बिल्कुल भी महसूस न हो।

शिशु का भार नीचे की तरफ महसूस होना

डिलीवरी का समय पास आने पर शिशु का भार नीचे की तरफ अधिक पड़ने लगता है जिस कारण महिला को पेल्विक एरिया पर ज्यादा जोर महसूस होता है। और महिला को ऐसा महसूस हो सकता है की जैसे बच्चे नीचे गिर रहा है, ऐसे में महिला को इस लक्षण के महसूस होते ही डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि यह भी लेबर पेन का लक्षण होता है।

पेट खराब होना

यदि नौवें महिला में महिला का पेट खराब हो जाता है यानी की महिला की मल पास करने की इच्छा अधिक होती है उल्टियां ज्यादा होती है। या फिर महिला को कब्ज़ हो जाती है तो इस लक्षण का महसूस होना भी प्रसव का समय पास आ गया है इस बात की और इशारा करता है।

जोड़ो की मांसपेशियों में खिंचाव

गर्भवती महिला को यदि घुटनों, जाँघों की मांसपेशियों में खिंचाव अधिक महसूस होता है तो इस लक्षण का महसूस होना भी महिला की डिलीवरी का समय पास आज्ञा है इस बात की और इशारा करता है।

नींद अधिक आना

प्रसव का समय पास आने पर कुछ महिलाओं को नींद भी अधिक आ सकती है लेकिन बेचैनी व् घबराहट अधिक होने के कारण महिला को सोने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

मूड में ज्यादा बदलाव आना

डिलीवरी का समय पास आने पर महिलाओं को मूड स्विंग्स भी अधिक हो सकते हैं। जैसे की महिला बहुत ज्यादा भावुक हो सकती है या महिला को बहुत अधिक चिड़चिड़ापन महसूस हो सकता है।

सीने में हल्कापन महसूस होना

डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को पेट में सीने के आस पास हल्का महसूस होता है क्योंकि बच्चे डिलीवरी का समय पास आने पर बच्चे का भार नीचे की तरफ ज्यादा बढ़ने लगता है।

भावनाओं में बदलाव

गर्भ में पल रहे बच्चे से महिला का रिश्ता उसी पल से जुड़ जाता है जब महिला को प्रेग्नेंट होने की खबर मिलती है। और जब बच्चे का जन्म होने वाला होता है तो महिला को अपनी भावनाओं में उतार चढ़ाव अधिक महसूस हो सकता है। यदि डिलीवरी का समय पास आने पर आपको भी ऐसा महसूस हो रहा है तो समझ जाइये की अब कुछ ही समय में आपका नन्हा मेहमान आपकी बाहों में होगा।

डिलीवरी डेट का पास आना

प्रेगनेंसी की शुरुआत में महिला को डिलीवरी के लिए अनुमानित तिथि बताई जाती है यदि महिला की डिलीवरी डेट आने वाली होती है तो यह भी इस बात की और इशारा करता है की महिला को लेबर पेन अब किसी भी समय शुरू हो सकता है।

तो यह हैं वो लक्षण जो यदि गर्भवती महिला को महसूस होते हैं तो इनका मतलब होता है की अब आपका नन्हा इस दुनिया में आने ही वाला है। लेकिन ध्यान रखें की डिलीवरी का समय पास आने पर किसी भी तरह की लापरवाही जैसे की हॉस्पिटल जाने में देरी नहीं करें। क्योंकि इसके कारण केवल महिला को ही परेशानी नहीं होगी बल्कि बच्चे पर भी इसका बुरा असर पड़ सकता है।

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