माँ बनना महिला के लिए बहुत ही सुखद व् बेहतरीन अहसास होता है। लेकिन कई बार महिला को गर्भधारण करने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है। और प्रेगनेंसी नहीं होने का कारण महिला की बढ़ती उम्र, महिला का बढ़ा हुआ वजन, शारीरिक बिमारी, सम्बन्ध बनाने में की जाने वाली गलतियां, पुरुष से जुडी समस्या आदि हो सकते हैं। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है की इन समस्याओं के कारण महिला का गर्भ कभी नहीं ठहरता है। बल्कि यदि महिला अपना इलाज करती है सही ट्रीटमेंट लेती है तो महिला का गर्भ ठहर जाता है।
ऐसे में जब महिला का गर्भ बहुत मुश्किल से ठहरा हो तो महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए। क्योंकि यदि महिला कोई गलती करती है तो इसके कारण महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है यहां तक की महिला का गर्भ भी गिर सकता है। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम महिला को लम्बे समय के बाद गर्भधारण होने पर कौन कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए। उसके बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
उन चीजों को नहीं खाएं जिनसे गर्भपात का खतरा हो
यदि बहुत कोशिशों के बाद महिला का गर्भाधारण हुआ है तो महिला को प्रेगनेंसी के दौरान ऐसी किसी भी चीज का सेवन नहीं करना चाहिए जिससे शिशु के विकास को खतरा हो या फिर महिला के गर्भपात का खतरा हो। जैसे की महिला को कच्चा पपीता, गर्म तासीर वाली चीजें, डिब्बाबंद आहार, ज्यादा तली भुनी चीजें, जंक फ़ूड, बिना धुले फल व् सब्जियां, बिना ढके कटे पड़े फल, बासी व् ठंडा खाना, अधपका खाना आदि नहीं खाना चाहिए। इसके अलावा महिला को डाइट भी नहीं करनी चाहिए यानी की भूखा नहीं रहना चाहिए।
जांच में लापरवाही नहीं करें
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला अपनी जांच समय से करवाएं, टीकाकरण समय से करवाए, डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयों का समय से सेवन करें। यदि महिला इन बातों का ध्यान रखती है तो इससे महिला को प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी की शुरुआत से लेकर आखिर तक कोई लापरवाही नहीं करें
यदि महिला का गर्भधारण बहुत मुश्किल से हुआ है तो महिला को प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए। जैसे की महिला को भारी सामान नहीं उठाना चाहिए, यात्रा नहीं करनी चाहिए, ज्यादा तेजी से नहीं चलना चाहिए, भागदौड़ अधिक नहीं करनी चाहिए, ज्यादा व्यायाम नहीं करना चाहिए, सीढ़ियां नहीं चढ़नी चाहिए, पेट के भार नहीं सोना चाहिए, घर के काम करने में कोई लापरवाही नहीं करनी चाहिए, जरुरत से ज्यादा काम नहीं करना चाहिए, आदि। यदि महिला इन बातों का ध्यान रखती है तो इससे प्रेगनेंसी के दौरान महिला को दिक्कत होने के खतरा को कम करने में मदद मिलती है।
तनाव से दूर रहे
गर्भावस्था के दौरान शारीरिक के साथ महिला का मानसिक रूप से स्वस्थ रहना भी जरुरी होता है। ऐसे में महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला सकारात्मक सोचें पॉजिटिव रहे और बिल्कुल भी तनाव नहीं लें। साथ ही महिला को जितना हो सके खुश रहना चाहिए क्योंकि महिला जितना खुश रहती है उतना ही माँ व् बच्चे दोनों के लिए अच्छा होता है। साथ ही तनाव से बचे रहने के लिए महिला चाहे तो प्रेगनेंसी के दौरान मैडिटेशन का सहारा ले सकती है।
नशीले पदार्थों का सेवन नहीं करें
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला नशीले पदार्थों जैसे की धूम्रपान, अल्कोहल आदि का सेवन बिल्कुल नहीं करें। क्योंकि इसकी वजह से बच्चे के विकास पर बहुत बुरा असर पड़ता है साथ ही गर्भपात, समय से पहले डिलीवरी होने जैसी समस्या का खतरा भी होता है। इसके अलावा महिला को कैफीन युक्त चीजें जैसे की चाय, कॉफ़ी का सेवन भी अधिक नहीं करना चाहिए।
बिना डॉक्टरी सलाह के किसी भी तरह की दवाई का सेवन नहीं करें
गर्भवती महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला बिना डॉक्टर से पूछें किसी भी तरह की दवाई का सेवन नहीं करें। क्योंकि ऐसा करने से इन दवाइयों का बुरा असर गर्भ में पल रहे शिशु पर पड़ता है जिसकी वजह से बच्चे के शारीरिक व् मानसिक विकास में कमी आने का खतरा होता है।
पेट पर दबाव नहीं पड़ने दें
गर्भवती महिला और शिशु को दिक्कत नहीं हो इसके लिए महिला को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की महिला पेट पर दबाव नहीं पड़ने दें। क्योंकि इसके कारण महिला को पेट में दर्द जैसी समस्या अधिक होने के साथ गर्भ में शिशु को भी असहज महसूस होता है। और इसके लिए महिला को पेट के भार सोना नहीं चाहिए, पेट को किसी चीज के साथ सटाकर काम नहीं करना चाहिए, झुककर काम नहीं करना चाहिए, आदि।
किसी भी समस्या के होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाएं
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला को किसी भी परेशानी के अधिक होने पर उसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यदि आप किसी दिक्कत के अधिक होने पर उसे अनदेखा करती है। तो इसके कारण आपकी परेशानी बढ़ सकती है। और इसका परिणाम बुरा भी हो सकता है ऐसे में आपको इस परेशानी से बचे रहने के लिए किसी भी दिक्कत के बढ़ने पर तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
जरुरत से ज्यादा व्यायाम नहीं करें
प्रेगनेंसी के दौरान महिला को थोड़ा बहुत व्यायाम जरूर करना चाहिए लेकिन यदि महिला को लम्बे समय बाद प्रेगनेंसी हुई है, पहले गर्भपात हो चूका है, प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स है, ब्लीडिंग की समस्या है, आदि तो प्रेगनेंसी महिला को व्यायाम नहीं करना चाहिए। क्योंकि ऐसे में व्यायाम करने से आपकी और शिशु की दिक्कतें बढ़ सकती है। इसके अलावा कौन सा व्यायाम करना प्रेगनेंसी के दौरान सेफ होता है इसके लिए महिला को एक बार डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
पेट या पीठ के बल नहीं सोयें
गर्भावस्था के दौरान भरपूर नींद लेने के साथ सोने की सही पोजीशन का ध्यान रखना भी जरुरी होता है। ऐसे में गर्भवती महिला को पेट या पीठ के बल बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए। हाँ, महिला चाहे तो करवट लेकर, स्लीपिंग पिल्लो का इस्तेमाल करके सो सकती है। इसके अलावा गर्भवती महिला के लिए बाईं और करवट लेकर सोना सबसे बेहतरीन पोजीशन होती है।
पहनावें का ध्यान रखें
प्रेग्नेंट महिला इस बात का ध्यान रखें की महिला ज्यादा टाइट कपडे नहीं पहने और ऊँची एड़ी के सैंडल या चप्पल न पहने। क्योंकि इसके कारण भी माँ और बच्चे दोनों को दिक्कत हो सकती है।
तो यह हैं वो गलतियां जो महिला को लम्बे समय के बाद गर्भधारण होने के बाद नहीं करनी चाहिए। ऐसे में यदि महिला इन छोटी छोटी बातों का अच्छे से ध्यान रखती है तो माँ व् बच्चे दोनों को प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ व् हष्ट पुष्ट रहने में मदद मिलती है।