स्वस्थ प्रेगनेंसी के सैंतीसवें हफ्ते से इकतालीसवें हफ्ते के बीच महिला की डिलीवरी कभी भी हो सकती है। और इन्ही में से कोई भी वीक महिला के लिए प्रेगनेंसी का लास्ट वीक हो सकता है। कुछ केस ऐसे भी होते हैं जिनमे महिला की डिलीवरी समय से पहले भी हो जाती है।
समय से पहले डिलीवरी होने पर कई बार और बच्चे दोनों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन यदि महिला की डिलीवरी सही समय पर हो रही है तो माँ और बच्चे दोनों को दिक्कतें होने का खतरा कम होता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल में हम आपसे प्रेगनेंसी के लास्ट वीक में क्या- क्या हो सकता है उस बारे में बात करने जा रहें हैं।
प्रेगनेंसी के लास्ट वीक के लक्षण
गर्भावस्था के लास्ट वीक में महिला को शरीर में बहुत से लक्षण महसूस हो सकते हैं और यह लक्षण महसूस होना आम बात होती है। जैसे की:
तरल पदार्थ का रिसाव: महिला को ब्रेस्ट में से तरल पदार्थ का रिसाव हो सकता है और इस रिसाव होने का कारण ब्रेस्ट में दूध का बनना होता है।
यूरिन करने की इच्छा में बढ़ोतरी: प्रेगनेंसी के लास्ट वीक में महिला की यूरिन बार बार करने की इच्छा हो सकती है।
पेट के निचले हिस्से पर दबाव: पेल्विक एरिया पर दबाव ज्यादा पड़ने लगता है जिसके कारण ऐसा महसूस हो सकता है जैसे की कुछ नीचे गिरने वाला है।
डायरिया की समस्या: कुछ गर्भवती महिलाओं को डायरिया की समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
बच्चे की हलचल: शिशु की मूवमेंट में कमी आ सकती है क्योंकि शिशु अब अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में आ चूका होता है। लेकिन ध्यान रखें की थोड़ी बहुत शिशु हलचल करेगा और यदि शिशु ऐसा नहीं कर रहा है तो डॉक्टर से जल्द से जल्द मिलें।
पेट में दर्द: पेट और पेट के निचले हिस्से में महिला को रुक रुक कर दर्द महसूस हो सकता है और यदि पेट में असहनीय दर्द हो तो यह प्रसव का लक्षण होता है।
सफ़ेद पानी: प्राइवेट पार्ट से सफ़ेद पानी आने की समस्या हो सकती है और यदि यह पानी ज्यादा मात्रा में निकल रहा हो तो इसका मतलब होता है की डिलीवरी होने वाली है।
पीठ में दर्द: पेट के साथ कुछ महिलाओं को पीठ में दर्द महसूस हो सकता है। जिसके कारण महिला को दिक्कत अधिक हो सकती है।
परेशानी अधिक होती है: प्रेगनेंसी के लास्ट वीक में उठने, बैठने, सोने, में ज्यादा परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेगनेंसी के लास्ट वीक में किन बातों का ध्यान रखें
- गर्भावस्था के लास्ट वीक में महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि महिला को एनर्जी से भरपूर रहने में मदद मिल सके।
- महिला को अपना डिलीवरी बैग तैयार कर लेना चाहिए।
- गलती से भी महिला को इस दौरान अकेले नहीं रहना चाहिए और किसी न किसी को अपने पास में रखना चाहिए।
- डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए।
- किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
- टेंशन से दूर रहना चाहिए और खुश रहना चाहिए।
तो यह हैं कुछ लक्षण जो प्रेगनेंसी के लास्ट वीक में महिला को महसूस हो सकते हैं। ऐसे में महिला को उन लक्षणों का ध्यान रखना चाहिए जो प्रसव पीड़ा के होते हैं। जैसे की प्राइवेट पार्ट से पानी या खून निकलना, पेट में दर्द, पीठ में दर्द आदि। ताकि महिला को डिलीवरी को आसान बनाने और डिलीवरी के समय होने वाली परेशानियों से बचे रहने में मदद मिल सके। और यदि डिलीवरी डेट निकल जाने के बाद महिला को प्रसव के कोई लक्षण महसूस नहीं हो तो महिला को जल्द से जल्द डॉक्टर से मिलना चाहिए। क्योंकि समय से ज्यादा गर्भ में शिशु का रहना रिस्क बन सकता है।
Last week of pregnancy