माँ बनना महिलाओं के लिए बहुत ही सुखद अनुभव होता है लेकिन साथ ही कई बार महिलाओं को ऐसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है जिससे महिला के साथ शिशु की सेहत पर भी असर पड़ सकता है। प्रेगनेंसी के दौरान महिला को पाचन सम्बन्धी समस्या होना जैसे की कब्ज़, दस्त, एसिडिटी का होना आम बात होती है।
लेकिन यदि यह समस्या बढ़ जाये तो इसकी वजह से माँ व् बच्चे दोनों को सेहत सम्बन्धी समस्या अधिक हो सकती है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपसे प्रेग्नेंट महिला को लूज़मोशन होने के कारण होते हैं, महिला को इससे क्या दिक्कत हो सकती है और किस तरह महिला इस परेशानी से राहत पा सकती है इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
गर्भावस्था में लूज़मोशन होने के कारण
- शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण यह दिक्कत हो सकती है क्योंकि हार्मोनल बदलाव के कारनपाचं तंत्र पर प्रभाव पड़ता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान महिला का चटपटा मसालेदार खाने का मन अधिक करता है लेकिन यदि महिला ज्यादा मसालेदार या चटपटा अधिक खाती है तो इसकी वजह से पाचन तंत्र प्रभावित होता है जिसकी वजह से महिला को लूज़मोशन हो सकते हैं।
- स्ट्रेस भी इस परेशानी का एक कारण होता है।
- जरुरत से ज्यादा अंडे या नॉनवेज खाने के कारण या फिर कच्चे अंडे या नॉन वेज खाने के कारण भी पेट खराब हो सकता है जिसकी वजह से लूज़मोशन की समस्या हो सकती है।
- प्रेगनेंसी के दौरान पाचन तंत्र थोड़ा धीमे काम करता है ऐसे में यदि महिला जरुरत से ज्यादा खा लेती है तो इससे महिला को खाना पचाने में दिक्कत हो सकती है जिसकी वजह से महिला को यह दिक्कत हो सकती है।
- शरीर में पानी की कमी होने के कारण भी यह दिक्कत हो सकती है या फिर दूषित पानी पीने के कारण भी ये दिकत हो सकती है।
- दवाइयों का सेवन करने के कारण भी यह समस्या हो सकती है।
- यदि महिला अपने खाने पीने की चीजों की साफ सफाई का ध्यान नहीं रखती है तो इसकी वजह से बैक्टेरियल इन्फेक्शन हो जाता है जिसकी वजह से यह दिक्कत हो सकती है।
- डाइट में होने वाले बदलाव के कारण भी महिला को यह दिक्कत हो सकती है।
लूज़मोशन होने के कारण क्या दिक्कत हो सकती है?
- यदि प्रेग्नेंट महिला को लूज़मोशन की समस्या प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में अधिक होती है तो इसकी वजह से महिला का गर्भपात तक हो सकता है।
- गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में यह समस्या होने पर शिशु के विकास में कमी, महिला को स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या का अधिक होने जैसी समस्या हो सकती है।
- लूज़मोशन की समस्या होने पर गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी हो सकती है और महिला के शरीर में पानी की कमी होने के कारण महिला को कमजोरी, थकान, चक्कर व् अन्य शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती है।
- प्रेगनेंसी की आखिरी तिमाही में लूज़मोशन का होना समय से पहले डिलीवरी होने जैसी समस्या के खतरे को बढ़ा सकता है।
प्रेग्नेंट महिला लूज़मोशन की समस्या से बचाव के लिए अपनाएँ यह टिप्स
गर्भवती महिला को यदि लूज़मोशन की समस्या हो जाती है तो कुछ आसान टिप्स को फॉलो करने से महिला इस समस्या से निजात पा सकती है। तो आइये अब जानते हैं की वो टिप्स कौन से हैं।
पानी को उबाल कर पीएं
गर्भवती महिला को पाने को उबालकर ठंडा करके उसका सेवन करना चाहिए ऐसा करने से पानी में मौजूद विषैले बैक्टेरिया को खत्म करने में मदद मिलती है। जिससे पानी के द्वारा होने वाली लूज़मोशन की समस्या से बचाव होता है।
साफ़ सफाई का ध्यान रखें
गर्भवती महिला को अपने हाथों पैरों, अपने आस पास्की, अपने खान पान की चीजों में साफ़ सफाई का बहुत अधिक ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि साफ़ सफाई का ध्यान न रखने के कारण ही बैड बैक्टेरिया शरीर में प्रवेश कर जाता है। जिसकी वजह से लूज़मोशन हो जाते है ऐसे में महिला यदि साफ़ सफाई का ध्यान रखती है तो इस परेशानी से बचे रहने में मदद मिलती है।
जरुरत से ज्यादा नहीं खाएं
महिला को थोड़ा थोड़ा करके खाना चाहिए ताकि आपके द्वारा खाए गए भोजन को हज़म होने में मदद मिल सकें। यदि महिला थोड़ा थोड़ा करके और अच्छे से चबा चबा कर खाती है तो इससे महिला को पेट सम्बन्धी समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
हेल्दी डाइट लें
ज्यादा मसालेदार, तेलीय आहार, जंक फ़ूड, स्ट्रीट फ़ूड आदि का सेवन करने की वजह से महिला को लूज़मोशन की समस्या अधिक हो सकती है। ऐसे में महिला को इन सभी चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए और हेल्दी डाइट लेनी चाहिए खासकर फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों को अपनी डाइट का हिस्सा बनाना चाहिए। यदि महिला ऐसा करती है तो इससे गर्भवती महिला के पाचन तंत्र को दुरुस्त रहने में मदद मिलती है जिससे लूज़मोशन की समस्या से बचा जा सकता है।
मीठी चीजों का सेवन कम करें
जरुरत से ज्यादा मीठा खाने के कारण भी दस्त की समस्या हो सकती है ऐसे में महिला को इस परेशानी से बचाव के लिए मीठे के सेवन से परहेज करना चाहिए।
निम्बू नमक का घोल पीएं
यदि प्रेग्नेंट महिला को लूज़मोशन की समस्या हो रही है तो महिला को नमक, चीनी और निम्बू का घोल पीना चाहिए लूज़मोशन की समस्या से बचाव के लिए यह आसान व् असरदार उपाय है।
डेयरी प्रोडक्ट न लें
लूज़मोशन की समस्या होने पर महिला को डेयरी प्रोडक्ट जैसे की दूध, पनीर आदि का सेवन बंद कर देना चाहिए क्योंकि इन्हे खाने से महिला की यह दिक्कत बढ़ सकती है।
आसानी से पचने वाले भोजन खाएं
लूज़मोशन की समस्या से बचाव के लिए महिला को खिचड़ी, उबले चावल और दही जैसे हलके भोजन का सेवन करना चाहिए। ताकि महिला को इस समस्या से बचे रहने में मदद मिल सकें।
दस्त की समस्या होने पर डॉक्टर से कब मिलें?
यदि महिला को दस्त की समस्या ज्यादा बढ़ जाए, उल्टियां अधिक होने लगे, बुखार आएं, ऊपर बताए गए टिप्स ट्राई करने के बाद भी दिक्कत हो, दवाई का सेवन करने के बाद यह परेशानी आएं, तो गर्भवती महिला को बिना देरी किये डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी समस्या को यदि ज्यादा देर के लिए अनदेखा किया जाए तो आपकी दिक्कत ज्यादा बढ़ सकती है।
तो यह है प्रेगनेंसी में लूज़मोशन की समस्या से जुडी जानकारी, यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं तो आपको भी इन बातों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। ताकि यदि आपको ऐसी कोई दिक्कत हो तो आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं इसके बारे में आपको पता हो और आप इस परेशानी से बच सकें।
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