महिलाओ को पीरियड्स आना एक सामान्य प्रक्रिया है, जो हर हर महीने 28 दिनों के चक्र के बाद दुबारा होती है। पीरियड्स के दौरान महिलाओ के प्राइवेट पार्ट से रक्त का प्रवाह होता है। ऐसे में यदि कभी पीरियड मिस हो जाता है तो महिलाओ के दिमाग में सबसे पहली बात यही आती है की कहीं वो प्रेग्नेंट तो नहीं हो गई है। और पीरियड्स मिस होने के बाद ज्यादा से ज्यादा दस दिनों बाद आपको पता चल जाता है की आप प्रेग्नेंट है या नहीं। लेकिन यदि आप प्रेग्नेंट नहीं है तो पीरियड क्यों मिस हुआ है?

पीरियड्स मिस होने पर आपको इसमें लापवाही न करते हुए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। पीरियड्स महिला को गर्भावस्था के दौरान भी नहीं होते है, इसके अलावा पीरियड्स न होने के कई और कारण भी हो सकते है, जैसे की डिलीवरी के बाद शिशु को स्तनपान करवाने के दौरान, मानसिक तनाव के कारण व् अन्य। तो आइये आज हम आपको विस्तार से बताते हैं की पीरियड्स मिस होने के कौन कौन से कारण होते है।

पीरियड्स मिस होने के कौन कौन से कारण होते है:-

वजन में बदलाव आने के कारण:-

यदि आपका वजन या तो तेजी से बढ़ता है या घटने लगता है तो ऐसे में भी आपको पीरियड्स मिस होने की परेशानी होती है। क्योंकि इसके कारण दिमाग की एक ग्रंथि पर इसका प्रभाव पड़ता है, जो की आपकी बॉडी की गतिविधियों को नियंत्रित करती है। जब आपका वजन कम होता है तो पर्याप्त मात्रा में एस्ट्रोजन का स्त्राव नहीं होता है,

जो की गर्भाशय की परत बनाने के लिए जरुरी होता है, और जब आपका वजन अधिक बढ़ जाता है तो इससे अधिक मात्रा में एस्ट्रोजन का स्त्राव होता है, जिसके कारण आपको पहले तो ज्यादा पीरियड आने लगता है,और उसके बाद पीरियड्स मिस होने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट के कारण:-

जो महिलाएं गर्भपात के लिए अधिक दवाइयों का सेवन करती है, इस किसी अन्य बिमारी के लिए अधिक दवाइया लेती है, तो इसके कारण भी उनका मासिक धर्म प्रभावित होता है। जिसके कारण उन्हें पीरियड्स न आने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा कीमोथेरपी की दवाइयों का सेवन करने से भी आपकी माहवारी से जुडी परेशानी हो सकती है।

मानसिक तनाव के कारण:-

आप यदि किसी भी परेशानी की वजह से तनाव लेते है तो इसका सीधा असर आपके दिमाग की गतिविधियों पर पड़ता है। जो की आपकी पूरी बॉडी की गतिविधियों को नियंत्रित करती है। और यदि आप तनाव लेते है तो इसके कारण आपके पीरियड्स भी प्रभावित होते है। जिसके कारण कई बार उनके लेट या फिर न होने की परेशानी का सामना आपको करना पड़ता है।

ब्रेस्टफीडिंग (स्तनपान) के कारण:-

माहवारी के न होने का एक कारण शिशु को स्तनपान करवाना भी हो सकता है। यदि डिलीवरी के बाद आपको पीरियड्स नहीं आते है तो इसका ये मतलब बिलकुल नहीं होता है की आप दुबारा प्रेग्नेंट है। बल्कि यदि बच्चा दूध पीना बंद कर दे, और फिर भी आपको पीरियड्स न आए तो आपके लिए परेशानी हो सकती है, इसके लिए आपको अपने डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए।

मेनोपॉज़ की अवस्था में:-

यह एक ऐसी स्थति है जिसके बाद हर महिला को पीरियड्स आने बंद हो जाते है। कई महिलाओ को यह चालीस साल की उम्र के बाद तो कई महिलाओ को उसके बाद भी यह समस्या होती है। इसमें घबराने वाली बात नहीं होती है क्योंकि यह भी एक शारीरिक प्रक्रिया होती है।

ज्यादा व्यायाम करने के कारण:-

अपनी बॉडी को फिट रखने के लिए व्यायाम करना बहुत जरुरी होता है। लेकिन यदि आप बहुत अधिक व्यायाम करते है तो कई बार इसके कारण एस्ट्रोजन का स्तर पूरा नहीं हो पाता है। जिसके कारण आपको पीरियड्स मिस होने की या देरी से होने की परेशानी का सामना आपको करना पड़ सकता है।

थायरॉयड की समस्या होने पर:-

थायरॉयड हमारे शरीर में होने वाली एक ग्रंथि होती है। जो हमारे शरीर में मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में मदद करती है। यदि आपको यह समस्या होती है तो इसके कारण आपके पीरियड्स भी प्रभावित होते है, यह उस बात पर भी निर्भर करना है की आपको वजन बढ़ने वाला या कम होने वाला थायरॉयड है। तो इसके कारण भी आपको पीरियड्स मिस होने की परेशानी हो सकती है।

प्रेगनेंसी के दौरान:-

पीरियड्स न आने पर ही महिलाओ को लगता है की वो प्रेग्नेंट है। यदि महिला प्रेग्नेंट होती है तो नौ महीने तक महिलाओ को यह समस्या नहीं होती है। और डिलीवरी के तुरंत बाद ही महिलाओ को पीरियड आता है, और इस समय बहुत ब्लीडिंग होने के साथ यह काफी दिन तक होता है।

तो ये है कुछ कारण जिनकी वजह से आपको माहवारी नहीं आती है। लेकिन यदि आपको पीरियड्स समय से नहीं आते है, या रक्त का ज्यादा प्रवाह होता है, या ज्यादा दिनों तक ब्लीडिंग होती है, तो पीरियड्स से जुडी इन परेशानियों को भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए, और एक बार इस बारे में डॉक्टर से राय जरूर लेनी चाहिए।

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