माहवारी कब शुरू होती है, पीरियड्स के दौरान किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, पहली बार पीरियड आने पर इन बातों को न भूलें, मासिक धर्म के लिए टिप्स, Tips for care during Periods
माहवारी हर एक लड़की को कभी न कभी होने वाली एक आम समस्या है जो हर महीने अठाइस दिन के चक्र के बाद दुबारा होती है। ऐसा कोई जरुरी नहीं होता है की सभी लड़कियों या महिलाओं का मासिक चक्र एक जैसा हो, यह दो तीन पहले या दो दिन बाद भी हो सकती है। साथ ही पीरियड्स कम से कम तीन और ज्यादा से ज्यादा सात दिन तक होते है, यदि इससे ज्यादा दिनों तक पीरियड्स होते हैं, या समय से बहुत पहले या बाद में होते हैं तो इसे अनियमित मासिक चक्र कहा जाता है। मासिक चक्र के दौरान महिलाओं के प्राइवेट पार्ट से रक्त का प्रवाह होता है जो पहले दो दिन ज्यादा और फिर कम हो जाता है। इस दौरान भी महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होने के कारण कमजोरी आना आम बात होती है, साथ ही पेट आदि में दर्द भी रहता है।
लड़की को पहली बार पीरियड्स कब होते हैं?
हर एक लड़की को एक ही उम्र में मासिक धर्म हो ऐसा कोई जरुरी नहीं होता है। यह हर लड़की के बॉडी में होने वाले बदलाव पर निर्भर करता है जैसे की कई लड़कियों को बारह तो कई लड़कियों को सोलह की उम्र में भी मासिक धर्म की शुरुआत होती है। और ऐसा भी होता है की एक बार पीरियड आने के बाद दोबारा पीरियड तीन से चार महीने के बाद आएं, उसके बाद धीरे धीरे यह नियमित भी हो जाते हैं।
पहली बार पीरियड में टीनएजर को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए
पहली बार पीरियड आने के दौरान कुछ लड़कियों को तो समझ भी नहीं आता है की उनके प्राइवेट पार्ट से खून क्यों निकल रहा है। ऐसे में पहले पीरियड्स के दौरान माँ को बेटी को समझाना चाहिए। इसके अलावा पहले पीरियड्स के दौरान टीनएजर को किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए आइये जानते हैं।
साफ़ सफाई का
प्राइवेट पार्ट बहुत ही कोमल जगह होती है जिकी अच्छे से साफ़ सफाई न हो तो इन्फेक्शन का खतरा बहुत ज्यादा हो जाता है। ऐसे में लड़कियों को पीरियड्स के दौरान साफ़ सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
अंडरवियर और पैड का चुनाव
जितना हो सके आपको कॉटन का अंडरवियर ही पहनना चाहिए क्योंकि न केवल वो आरामदायक होता है। बल्कि पसीने के कारण होने वाली परेशानी को भी कम करता है। साथ ही इस दौरान कपडे का प्रयोग नहीं करना चाहिए। और जिस भी पैड का चुनाव आप करती है वो अच्छी क्वालिटी का होना चाहिए।
पैड बदलने का समय
छह घंटे के बाद आपको पैड बदलना चाहिए, और यदि रक्त का प्रवाह ज्यादा हो रहा ही तो उससे भी पहले पैड को बदलना चाहिए। क्योंकि ज्यादा देर तक एक ही पैड को लगाए रखने से भी बैड बैक्टेरिया बढ़ता है जिससे बदबू, खुजली, इन्फेक्शन आदि होने का खतरा रहता है।
प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल
पीरियड्स के दौरान आपको एक बात का खास ध्यान रखना चाहिए की आप किसी भी तरह के खूशबूदार प्रोडक्ट का इस्तेमाल वजाइना के लिए न करें। क्योंकि ऐसा करने से भी वजाइना के ph स्तर में असंतुलन हो सकता है। जिसके कारण आपको परेशानी हो सकती है।
दवाइयों का सेवन
पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द, कमर दर्द, आदि होना आम बात होती है। ऐसा सभी लड़कियों के साथ हो ये कोई जरुरी नहीं होता है। लेकिन कई बार इस दौरान होने वाला दर्द असहनीय होता है। जिससे बचने के लिए दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके कारण आपका मासिक चक्र प्रभावित हो सकता है।
सेहत का ध्यान
पीरियड्स के दौरान कमजोरी होना आम बात होती है, ऐसे में लड़कियों को पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करने के साथ, आयरन को भरपूर लेना चाहिए। क्योंकि इस दौरान बॉडी में रक्त का प्रवाह अधिक होता है।
तो यह हैं कुछ बातें जो लड़कियों को पीरियड्स के दौरान ध्यान रखनी चाहिए ताकि इस दौरान होने वाली किसी भी तरह की परेशानी से बचने में मदद मिल सके।