शारदीय नवरात्रि की शुरुआत अब होने ही वाली है और देशभर के कई हिस्सों में शारदीय नवरात्रि को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। माता की नवरात्रि पूरे नौ दिन चलती है। और इन पूरे नौ दिन में कई लोग उपवास भी करते हैं उसके बाद अष्टमी या नवमी के दिन कन्याओं को अपने घर में बुलाकर उन्हें खाना पीना खिलाकर व्रत का उद्यापन करते हैं। लोग ऐसा मानते हैं की नवरात्रि का व्रत रखने से माता रानी की असीम कृपा उनके परिवार पर बनी रहती है।
ऐसे में कुछ प्रेग्नेंट महिलाएं भी व्रत रखने के बारे में सोच सकती हैं। लेकिन इस दौरान गर्भवती महिला अकेली नहीं होती है और गर्भ में शिशु का विकास पालन पोषण सभी महिला पर ही निर्भर करता है। ऐसे में गर्भवती महिलाओं के लिए व्रत रखने से पहले ये जानना बहुत जरुरी होता है की प्रेगनेंसी के दौरान महिला का व्रत रखना सही होता है या नहीं और शिशु पर व्रत रखने का बुरा प्रभाव तो नहीं पड़ता है।
गर्भवती महिला को व्रत रखना चाहिए या नहीं?
प्रेगनेंसी के दौरान महिला के शरीर में तेजी से हार्मोनल बदलाव हो रहे होते हैं, महिला को इस दौरान बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है, ऐसे में महिला को थकान व् कमजोरी की समस्या अधिक हो सकती है। और यदि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान किसी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स भी है तो महिला को व्रत नहीं रखने चाहिए क्योंकि पहले माँ और बच्चे की सेहत ज्यादा जरुरी होती है व्रत तो बाद में भी आ जायेंगे।
साथ ही यदि प्रेग्नेंट महिला स्वस्थ है, प्रेगनेंसी में कोई दिक्कत नहीं है तो ऐसे केस में महिला के लिए व्रत रखना बिल्कुल भी नुकसानदायक नहीं होता है। बस व्रत रखते समय महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला निर्जला या बिना कुछ खाएं व्रत नहीं करें। व्रत रखने से पहले महिला चाहे तो एक बार डॉक्टर से राय भी ले सकती है ताकि महिला अपनी शारीरिक स्थिति के बारे में अच्छे से जान सके और उसके बाद व्रत रखने के बारे में सोचें।
इसके अलावा व्रत रखने पर महिला को भरपूर पोषक तत्वों का सेवन करना चाहिए ताकि गर्भ में शिशु के विकास और महिला को कोई सेहत सम्बन्धी समस्या नहीं हो। साथ ही प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को व्रत रखने से बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान गर्भ में शिशु के अंग बन रहे होते है ऐसे में पोषक तत्वों में कमी शिशु के विकास को प्रभावित कर सकती है। इसीलिए पहली तिमाही और डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को व्रत करने से बचना चाहिए।
प्रेगनेंसी में व्रत रखते समय इन बातों का ध्यान रखें
- प्रेग्नेंट महिला यदि पूरी तरह स्वस्थ है तभी व्रत रखें नहीं तो महिला बिल्कुल भी व्रत नहीं रखें।
- ज्यादा तली भुनी व् मसालेदार चीजों का सेवन महिला नहीं करें।
- ज्यादा लम्बे समय तक महिला भूखी न रहे कुछ न कुछ हेल्थी चीजों का सेवन महिला करती रहे।
- पानी का भरपूर सेवन करें ताकि बॉडी को हाइड्रेट रहने में मदद मिल सके।
- जरुरत से ज्यादा मीठी चीजों का सेवन नहीं करें।
- आराम करने में लापरवाही नहीं करें दिन में भी थोड़ी देर आराम जरूर करें।
- भारी भारी कपडे न पहनें आरामदायक व् खुले कपडे पहनें।
- व्रत रखने के दौरान यदि महिला को थोड़ी भी दिक्कत महसूस हो तो महिला को व्रत नहीं रखना चाहिए।
किन गर्भवती महिलाओं को व्रत नहीं रखना चाहिए?
- प्रेगनेंसी में यदि महिला को छोटी या बड़ी किसी भी तरह की कम्प्लीकेशन है तो महिला को व्रत नहीं रखना चाहिए।
- व्रत रखने के कारण महिला को यदि किसी भी दिक्कत के होने का खतरा रहता है या व्रत रखने पर थोड़ी भी परेशानी होती है तो महिला को व्रत नहीं रखना चाहिए।
तो यह हैं प्रेगनेंसी में नवरात्रि रखने से जुडी जानकारी, ऐसे में महिला यदि पूरी तरह से स्वस्थ हो और महिला व्रत रख सकती है साथ ही व्रत के दौरान भी महिला अपनी सेहत व् स्वास्थ्य का ध्यान रखें ताकि माँ व् बच्चे को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो।
Navratri fasting during Pregnancy