नवरात्रि के व्रत का सभी लोगो के लिए बहुत ज्यादा महत्व होता है और ज्यादातर लोग नवरात्रि व्रत रखते भी हैं। साथ ही नवरात्रि किसी त्यौहार से कम नहीं होती है और यह त्यौहार एक या दो दिन के लिए नहीं होता है बल्कि नौ दिन तक लगातार इस त्यौहार को मनाया जाता है। और कुछ लोग पूरे नौ दिन तक माता रानी के नाम के व्रत भी रखते हैं। गर्भावस्था के दौरान भी गर्भवती महिलाओं की नवरात्रि व्रत रखने की इच्छा हो सकती है।
लेकिन व्रत रखने से पहले प्रेगनेंसी के दौरान यह जानना बहुत जरुरी होता है की गर्भवती महिलाओं को व्रत रखने भी चाहिए या नहीं? आज इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी में नवरात्रि व्रत रखना चाहिए या नहीं इसी बारे में बताने जा रहे हैं। लेकिन उससे पहले यह जानते हैं की नवरात्रि व्रत किस किस तरह से रखा जाता है और गर्भवती महिला पर उसका क्या असर पड़ता है।
फ्रूट्स के साथ व्रत रखना
कुछ महिलाएं केवल फलों का सेवन करके ही व्रत रखती है। और फल स्वास्थ्य के लिए अच्छे भी होते हैं क्योंकि फलों में पोषक तत्व भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। साथ ही फलों में प्राकृतिक रूप से मीठा भी मौजूद होता है। ऐसे में जितनी जरुरत हो उतना फलों का सेवन करने से गर्भवती महिला को उनका फायदा भी मिलता है। लेकिन यदि सारा दिन महिला केवल फल की खाती है और जूस ही पीती है तो ऐसा करने से ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने का खतरा रहता है।
जिससे प्रेग्नेंट महिला को जेस्टेशनल डाइबिटीज़ होने का खतरा होता है। साथ ही सुबह या दोपहर में खाएं फलों को पचाना आसान होता है लेकिन रात के खाने में फलों का सेवन करने से गर्भवती महिला को उन्हें हज़म करने में परेशानी हो सकती है। ऐसे में नौ दिनों तक केवल फलों का सेवन प्रेगनेंसी में परेशानियों को बढ़ा सकता है।
तला भुना हो जाता है ज्यादा
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को अधिक तला भुना खाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे महिला को पेट सम्बन्धी परेशानी, वजन बढ़ने जैसी परेशानी होती है। और व्रत में व्रत का खाना तला हुआ होता है, चिप्स जो व्रत में खाये जाते हैं वो तले हुए होते हैं, आलू का सेवन महिला अधिक करती है, आदि। ऐसा खाना खाने से महिला को दिक्कत भी होती है और वजन भी बाध्य है जो माँ और बच्चे दोनों के लिए अच्छा नहीं होता है।
कुट्टू का आटा करता है नुकसान
गर्भावस्था के दौरान ऐसी चीजों का सेवन करने की मनाही होती है जिनकी तासीर गर्म होती है। और नवरात्रि व्रत में महिला रोटी चावल तो खा नहीं सकती है बल्कि महिला कुट्टू के आटे की रोटी या पूड़ी का सेवन करती है। और कुट्टू के आटे की तासीर गर्म होती है। ऐसे में कुट्टू का आटा गर्भ में बच्चे के लिए बहुत नुकसानदायक होता है। खासकर पहली तिमाही में तो कुट्टू के आटे का सेवन करने से बच्चे को बहुत ज्यादा नुकसान पहुँच सकता है।
अलग अलग तरीके से व्रत रखना
हर कोई नवरात्रि का व्रत अलग अलग तरीके से रखता हैं जैसे की कुछ लोग केवल तरल पदार्थों के सेवन का व्रत रखते हैं, एक समय खाना खाने का व्रत, केवल फल ही खाने का व्रत, आदि। तो इस तरह के व्रत रखने से गर्भवती महिला के शरीर को भरपूर पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं। जिससे माँ व् बच्चे दोनों को नुकसान पहुँच सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान व्रत रखें या नहीं?
गर्भावस्था के दौरान महिला को हर तरीके से व्रत रखने पर किसी न किसी तरह की परेशानी जरूर होती है। और जब माँ को परेशानी होती है तो इसका असर गर्भ में बच्चे पर भी पड़ता है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला चाहती है की वो भी स्वस्थ रहे और बच्चे के विकास पर भी कोई बुरा असर न पड़े तो ऐसे में जितना हो सके गर्भवती महिला को व्रत रखने से बचना चाहिए।
तो यदि आप भी प्रेग्नेंट हैं और व्रत रखने का सोच रही है तो ऊपर दी गई बातों का ध्यान रखें, ताकि आपको समझ आ सके की प्रेगनेंसी में नवरात्रि रखना सेफ है या नहीं। और आपको और आपके बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।
Is it safe to do navratri fasting during Pregnancy