प्रेगनेंसी के दौरान अधिकतर महिलाएं यही चाहती है की उनका प्रसव सामान्य तरीके से हो। क्योंकि सामान्य प्रसव में उस समय तो थोड़ा दर्द सहना पड़ता है। लेकिन उसके बाद महिला को जल्दी रिकवर होने और शिशु को जन्म के समय होने वाली दिक्कत से बचाव करने में भी मदद मिलती है। लेकिन नोर्मल डिलीवरी को लेकर महिला के मन में डर भी होता है। जैसे की बहुत ज्यादा दर्द होगा, कहीं शिशु को तो इसके कारण कोई दिक्कत नहीं होगी, आदि।
और कुछ सभी लोगो की अलग अलग डिलीवरी के प्रति राय को सुनकर भी महिला का मन डर से भर जाता है। लेकिन इसके लिए आपको डरने की जरुरत नहीं होती है। तो आइये आज हम आपको नोर्मल डिलीवरी के कुछ आसान उपाय बताने जा रहे हैं। जो न केवल नोर्मल डिलीवरी के डर से आपको दूर करते हैं बल्कि सामान्य प्रसव के लिए आपके शरीर को तैयार करने में भी आपकी मदद करते हैं। तो आइये अब जानते हैं की वो टिप्स कौन से हैं।
किसी की बातों में न आएं
- प्रेगनेंसी के दौरान बहुत से लोग अपनी प्रेगनेंसी के एक्सपीरियंस को आपसे शेयर करते हैं।
- कुछ लोग अच्छा बोलते हैं तो कुछ डरा भी देते हैं।
- लेकिन गर्भवती महिला को उन नकारात्मक विचारों को अपने मन में नहीं बिठाना चाहिए।
- क्योंकि ऐसा जरुरी नहीं है की जैसा उनके साथ हुआ हो वैसा आपके साथ भी हो।
- क्योंकि उनके शरीर में और आपके शरीर में होने वाले बदलाव अलग हो सकते हैं।
- ऐसे में सामान्य प्रसव के डर को कम करने के लिए जितना हो सके अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए और अच्छा सोचना चाहिए।
प्रसव के लक्षणों को समझे व् जानकारी इक्कठी करें
- यदि महिला को नोर्मल डिलीवरी को लेकर डर लगा रहा है तो सबसे पहले आपको प्रसव की जानकारी इक्कठी करनी चाहिए।
- ताकि बॉडी में होने वाले बदलाव को समझने में आपको आसानी हो सके और डिलीवरी के डर को कम करने में मदद मिल सके।
- इसके लिए महिला किताबों, इंटरनेट, डॉक्टर आदि से पूरी जानकारी ले सकती है।
नोर्मल डिलीवरी के डर को कम करने के लिए रखें खान पान का ध्यान
- गर्भवती महिला को डिलीवरी को लेकर डरने की बजाय अपने स्वास्थ्य का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
- ताकि डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिल सके।
- और इसके लिए प्रेग्नेंट महिला को खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।
- खान पान में पोषक तत्वों से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए।
- डेयरी प्रोडक्ट्स, फल, हरी सब्जियों, अंडे, नॉन वेज आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए।
नियंत्रित वजन
- गर्भवती महिला को अपने वजन पर भी नियंत्रण रखना चाहिए।
- क्योंकि वजन कम हो या ज्यादा हो दोनों ही डिलीवरी के दौरान आने वाली परेशानियों को बढ़ा सकते हैं।
- इसीलिए प्रेग्नेंट महिला को न तो अपना वजन जरुरत से ज्यादा बढ़ने देना चाहिए न ही कम होने देना चाहिए।
नोर्मल डिलीवरी के डर को कम करने के लिए रखें तनाव से दूरी
- मानसिक रूप से परेशानी प्रेग्नेंट महिला के डिलीवरी के डर को बढ़ा सकती है।
- साथ ही तनाव के कारण गर्भ में शिशु पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
- ऐसे में इस परेशानी से बचने और डिलीवरी के डर को खत्म करने के लिए प्रेग्नेंट महिला को तनाव लेने से बचना चाहिए।
खून की कमी
- नोर्मल प्रसव में कोई समस्या न हो इससे बचाव के लिए महिला को शरीर में खून की कमी नहीं होने देनी चाहिए।
- क्योंकि शरीर में खून की कमी होने के कारण डिलीवरी के दौरान दिक्कतें बढ़ सकती है।
- ऐसे में इस परेशानी से बचाव के लिए आयरन की डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाई का सेवन करें।
- साथ ही अपनी डाइट में आयरन युक्त आहार का भी भरपूर सेवन करें।
अकेले न रहें
- अकेले रहने से गर्भवती महिला का डिलीवरी के लिए प्रेग्नेंट महिला का डर बढ़ सकता है।
- ऐसे में जितना हो सके गर्भवती महिला को इस दौरान अकेले रहने से बचना चाहिए।
- आप चाहे तो घर के किसी सदस्य को नहीं तो कोई पूरे दिन के लिए नौकरानी आदि रख सकती हैं।
हाइड्रेट रहें
- प्रेग्नेंट महिला को पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए ताकि महिला को हाइड्रेट रहने में मदद मिल सके।
- क्योंकि हाइड्रेट रहने से डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलती है साथ ही गर्भ में शिशु भी स्वस्थ रहता है।
नोर्मल डिलीवरी के डर को कम करने के लिए करें हल्का व्यायाम
- मानसिक व् शारीरिक रूप से रिलैक्स रहने के लिए महिला को हल्का फुल्का व्यायाम भी जरूर करना चाहिए।
- इससे महिला को शारीरिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती है जिससे नोर्मल डिलीवरी के चांस को बढ़ाने में मदद मिलती है।
- साथ ही व्यायाम करने से मानसिक रूप से रिलैक्स रहने में मदद मिलती है जिससे डिलीवरी के डर को दूर करने में भी मदद मिलती है।
मालिश करें
- प्रसव को आसान बनाने के लिए महिला को पेट के निचले हिस्से की मालिश करनी चाहिए।
- इससे महिला के शरीर को सामान्य प्रसव के लिए तैयार करने में मदद मिलती है।
नोर्मल डिलीवरी के डर को कम करने के लिए रखें डॉक्टर से संपर्क
- आपको एक अच्छे से डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए ताकि आप अपनी प्रेगनेंसी का ट्रीटमेंट अच्छे से शुरू करने में मदद मिल सके।
- सभी दवाइयां जो डॉक्टर द्वारा गर्भवती महिला को बताई गई हैं उन सभी दवाइयों का गर्भवती महिला को सेवन करना चाहिए।
- टीकाकरण समय से करवाना चाहिए।
- किसी भी तरह की समस्या होने पर डॉक्टर से बात करनी चाहिए।
- पूरी प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए।
- ताकि किसी भी तरह की दिक्कत से बचाव करने में मदद मिल सके।
तो यह हैं कुछ टिप्स जिन्हे प्रेगनेंसी के दौरान प्रेग्नेंट महिला को ध्यान रखना चाहिए। ताकि महिला की नोर्मल डिलीवरी होने में मदद मिल सके। साथ ही नोर्मल डिलीवरी के दौरान लगने वाले डर को भी कम करने में मदद मिल सके।