ओवुलेशन किट का इस्तेमाल कैसे करें, आज कल मेडिकल द्वारा ऐसी बहुत सी सुविधाएँ दी गई है जिनसे आप घर बैठे आसानी से अपनी परेशानियों को हल कर सकते हैं। जैसे की ब्लड प्रैशर की मशीन, शुगर की मशीन, प्रेगनेंसी टेस्ट किट, आदि। इन सुविधाओं का घर में इस्तेमाल करने से ही आप आसानी से इन सभी के सही परिणाम जान सकते हैं। वैसे ही जिन महिलाओं के गर्भधारण में समस्या आ रही हो, बहुत कोशिश के बाद गर्भधारण न हो रहा हो, उनके लिए भी एक सुविधा बनाई गई है।
और वो है ओवुलेशन किट, ओवुलेशन किट का इस्तेमाल करके महिला घर में बैठे बैठे उस समय को जान सकती है की पीरियड्स खत्म होने के बाद कब महिला के प्रेग्नेंट होने के चांस सबसे अधिक होते हैं। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको ओवुलेशन किट के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं।
क्या होता है
ओवुलेशन पीरियड?
ओवुलेशन पीरियड वो समय होता है जब महिला के गर्भधारण के सबसे अधिक चांस होते हैं। क्योंकि इस समय महिला के अंडाशय से अंडे रिलीज़ होते हैं। और फिर वह अंडे फैलोपियन ट्यूब में पहुँचते हैं, और ऐसे में यदि महिला और पुरुष के बीच बेहतर सम्बन्ध बनते हैं। तो इससे महिला के अंडे और पुरुष के शुक्राणु के मिलन के चांस बढ़ जाते हैं। जिससे निषेचन की प्रक्रिया हो सकती है और महिला के गर्भधारण के चांस बढ़ जाते हैं।
जिन महिलाओं का पीरियड समय से आता है उन्हें ओवुलेशन पीरियड को समझने में आसानी होती है। जबकि पीरियड के अनियमित होने पर ओवुलेशन का पता करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। वैसे यदि कोई अनुमान लगाना चाहे तो ओवुलेशन पीरियड आपके पीरियड की शुरुआत के पहले दिन को गिनते हुए बारह से सोलह दिन के बीच का समय हो सकता है।
ओवुलेशन टेस्ट किट क्या होती है?
ओवुलेशन किट को ओवुलेशन प्रेडिक्टर किट के नाम से भी जाना जाता है। इस किट का इस्तेमाल करने से महिला को अपने सही ओवुलेशन पीरियड की जानकारी मिल सकती है। जिससे महिला के गर्भधारण के सही समय का पता लगाया जा सकता है। इस किट में यूरिन की मदद से टेस्ट किया जाता है। ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन, यह वो हॉर्मोन है जिसका स्तर जब यूरिन में ज्यादा होता है। तब महिला का ओवुलेशन पीरियड होता है।
और इस किट में दो लाइन होती हैं। एक लाइन पर C लिखा होता है, जो कण्ट्रोल लाइन होती है। एक लाइन पर T लिखा होता है जो टेस्ट लाइन होती है। टेस्ट करने पर जब टेस्ट लाइन का रंग कण्ट्रोल लाइन की अपेक्षा गहरा होता है। तो समझ जाइये की यूरिन में ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का स्तर बढ़ चूका है और यही आपका ओवुलेशन पीरियड होता है।
ओवुलेशन टेस्ट किट का इस्तेमाल कैसे करें?
वैसे पीरियड्स के पहले दिन को गिनते हुए महिला बारह से सोलह दिनों के बीच का अंदाजा लगाकर ओवुलेशन पीरियड को जान सकती है। लेकिन सही परिणाम जानने के लिए महिला को ओवुलेशन किट एक इस्तेमाल करना चाहिए। और इन्ही दिनों में टेस्ट करते रहना चाहिए ताकि सही ओवुलेशन का पता चल सके। तो आइये अब जानते हैं की किस तरह ओवुलेशन टेस्ट किट का इस्तेमाल किया जाता है।
यूरीन से सम्बंधित ओवुलेशन टेस्ट किट का उपयोग कैसे करें?
- इस टेस्ट को करने के लिए आप अपनी पेशाब को एक कंटेनर में इकठ्ठा करें।
- और ऐसा हर दिन करें जब तक की सही ओवुलेशन पीरियड का पता नहीं चल जाता है।
- एक बात का ध्यान रखें की सुबह उठते ही किये गए यूरिन से टेस्ट गलती से भी ना करें।
- क्योंकि इससे परिणाम गलत आ सकते हैं।
- साथ ही ओवुलेशन किट का उपयोग करने से लगभग 2 घंटे पहले तक आप तरल पदार्थों का सेवन कम मात्रा में करें।
- क्योंकि तरल पदार्थ का अधिक सेवन करना आपके यूरिन को पतला कर देंगे।
- जिससे ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन के सही स्तर का पता लगाना मुश्किल हो जाएगा।
- उसके बाद स्टिक में जहां यूरिन ड्रॉप्स डालनी हैं वहां डालें।
- और टेस्ट के दस मिनट के अंदर ही रिजल्ट को चेक करें।
- रिजल्ट पढ़ने के बाद टेस्ट स्टिक फेंक दें।
- और दोबारा उसका इस्तेमाल न करें।
सलाइवा ओवुलेशन प्रेडिक्शन टेस्ट किट का इस्तेमाल कैसे करें
सलाइवा ओवुलेशन प्रेडिक्शन टेस्ट किट में एक स्लाइड आती है, जिस पर आप अपनी लार यानी थूक डालकर टेस्ट कर सकते हैं। इसके लिए आप स्लाइड पर लार की एक बूंद डालें और फिर उसे सूखने दें। यदि आपका ओवुलेशन पीरियड शुरू होने वाला है तो एक अलग सा पैटर्न दिखाई देता है, जो बॉडी में एस्ट्रोजन के उत्पादन की और संकेत करता है। और यह पैटर्न ओवुलेशन पीरियड के शुरू होने से तीन से पांच दिन पहले दिखाई देने लगता है। तो आइये अब जानते हैं की सलाइवा ओवुलेशन प्रेडिक्शन किट का इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है।
- ओवुलेशन पीरियड का सही से पता लगाने के लिए इस टेस्ट को सुबह उठने पर करें।
- ध्यान रखें की टेस्ट करने से पहले आप खाना, पीना, धूम्रपान, ब्रश आदि न करें।
- टेस्ट स्लाइड का इस्तेमाल करने से पहले इसे साफ़ कर दे।
- उसके बाद स्लाइड की सतह पर अपनी जीभ के नीचे से लार की एक बूंद रखें ध्यान रखें की बुलबुले न बनाएं।
- उसके बाद इसे 5 मिनट तक सूखने दें।
- और फिर टेस्ट किट पर लिखे टिप्स के अनुसार अपना रिजल्ट चेक करें।
ओवुलेशन टेस्ट किट का रिजल्ट कैसे चेक करें
ओवुलेशन किट का रिजल्ट कब पॉजिटिव होता है, कब नेगेटिव होता है, कब टेस्ट गलत होता है, आइये जानते हैं।
पॉजिटिव रिजल्ट कब होता है: – टेस्ट किट के कलर बैंड पर आपको 2 लाईन दिखाई देंगी। एक टेस्ट लाइन(C) होगी, दूसरी कंट्रोल लाइन(T)। अगर टेस्ट लाइन कंट्रोल लाइन की अपेक्षा ज्यादा गहरी है तो इसका मतलब होता है कि आपके ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में वृद्धि हुई है और आप अगले 12 से 36 घंटों में ओवुलेशन कर सकते हैं। यानी की यह आपका ओवुलेशन पीरियड है।
नेगेटिव रिजल्ट कब होता है: – यदि टेस्ट लाइन कंट्रोल लाइन से हल्की है, तो इसका मतलब है कि आपके ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन का स्तर नहीं बढ़ा है। या फिर यदि सिर्फ एक टेस्ट लाइन या एक कंट्रोल लाइन दिख रही है तो इसका मतलब भी यही होता है की ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन में बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में आपको फिर से यह टेस्ट करना चाहिए।
ओवुलेशन टेस्ट किट में किसी लाइन का न आना: – यदि आपको टेस्ट के दौरान कोई लाइन नहीं दिखती, तो इसका मतलब है कि आपके द्वारा किया गया टेस्ट पूरी तरह से गलत है। दस मिनट बाद आये परिणाम पर यकीन न करें और फिर से टेस्ट करें।
तो यह है ओवुलेशन टेस्ट किट से जुडी जानकारी, यदि आप भी अपने सही ओवुलेशन पीरियड को जानना चाहते हैं। तो आप भी इस किट का इस्तेमाल कर सकते हैं।