Precautions While Burning Firecrackers
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दिवाली हिन्दुओं के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। जिसे केवल भारत में ही नहीं अपितु पुरे विश्व में बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। क्या बच्चे और क्या बूढ़े सभी के चेहरे पर इस पर्व की ख़ुशी साफ साफ़ दिखाई पड़ती है। जहां एक तरफ माताएं और परिवारजन पूजा पाठ में व्यस्त रहते है वहीं बच्चे इस पर्व का पूरा आंनद उठाते है।
पूरा आकाश आतिशबाजी और रौशनी की धमक से जगमगाता हुआ दिखाई देता है। बच्चे तो बच्चे बड़े भी इस आतिशबाजी में खाएं खो जाते है। लेकिन इसकी दूसरी स्थिति ये भी है की दिवाली के दिन होने वाली आतिशबाजी न केवल प्रदूषण बढ़ाती है बल्कि, आतिशबाजी के दौरान होने वाली जरा सी लापरवाहीं भी हमारे लिए बेहद घातक सिद्ध होती है।
विशेषकर छोटे बच्चो के लिए। दिवाली पर अक्सर छोटे बच्चे अकेले खुद पटाखे जलाने की ज़िद करने लगते है। ऐसे में पेरेंट्स का उनके अकेले पटाखें जलाने की छूट देना ठीक नहीं। और हम सभी इस दौरान होने वाली घटनाओं से भली भांति परिचित है। ऐसे में सावधानी बरतना ही एक मात्र सही उपाय है। आज हम आपको उन्ही ककुछ सावधानियों के बारे में बताने जा रहे है जिन्हे आपको पटाखे जलाते समय रखना होगा।
दिवाली में पटाखे जलाते समय ये सावधानियां बरतें :-
1. पटाखें खरीदने के लिए हमेशा सही और उचित दूकान का चयन करें अर्थात किसी मान्यताप्राप्त दूकान से ही पटाखें खरीदे और इस बात का विशेष ख्याल रखें की बच्चों को अकेले पटाखें खरीदने न जाने दें और आप उनकी सुरक्षा को ध्यान में रखकर ही पटाखें दिलाएं।
2. कई बार बच्चे शैतानी करने के लिए पटाखें किसी बंद डिब्बे या मटके में डालकर जलाते है, ऐसे में कई बार मटके या डिब्बे के टूटने से बच्चों के ख्याल होने की संभावना भी होती है। इसीलिए बेहतर यही होगा की आप उन्हें अकेले पटाखें न जलाने दें।
3. ऊनी सिल्क या कृतिम कपड़ों में आग बहुत जल्दी पकड़ लेती है, इसीलिए पटाखे जलाते समय सूती कपडे ही पहने और अपने बच्चो को भी पहनाएं।
4. घर के जिस भी स्थान या जगह पर आप पटाखें जला रहे है वहां एक पानी की बाल्टी अवश्य रखें। ताकि अगर कोई दुर्घटना का अंदेशा हो तो तुरंत पानी का प्रयोग किया जा सके।
5. अपने पास हमेशा First Aid kit को तैयार रखें, साथ ही बर्फ की पर्याप्त मात्रा भी होनी चाहिए।
6. दिवाली में पटाखें जलने से सबसे अधिक प्रभाव हमारी आँखों और त्वचा पर ही होता है, ऐसे में आपको अपनी आँखों और त्वचा का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। आँखों के लिए आप गुलाबजल या बर्फ की सिकाई का प्रयोग कर सकते है।
त्वचा के जलने या झुलस जाने की स्थिति में क्या करें?
चिकित्सकों का कहना है की, पटाखे के कारण जल जाने की स्थिति में जले हुए हिस्से को तुरंत पानी से धोएं और उस पर बर्फ लगाएं। अगर जलन बहुत मामूली है तो जले हुए हिस्से पर नारियल या जैतून के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। आप चाहे तो उस पर शहद या एलोवेरा जेल का भी इस्तेमाल कर सकते है।
गंभीर परिस्थिति में ग्रस्त व्यक्ति को तुरंत कम्बल में लपेटे और अस्पताल ले जाएं। जले हुए व्यक्ति के कपडे उतरने की कोशिश कतई न करें। इससे जाली हुई त्वचा पर बुरा प्रभाव हो सकता है। झुलसी हुई त्वचा पर केले के पत्ते बांधना फायदेमंद होता है इसे ठंडक तो मिलती ही है साथ साथ आराम भी मिलता है।
पटाखों के दुष्प्रभाव से कैसे बचें?
इस बात को तो हम सभी जानते है की पटाखों में कई तरह के रसायनों का प्रयोग किया जाता है जिसकी वजह से अगर हम जले नहीं तो भी उसका धुंआ हमारी स्किन और स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है। जिसके कारण त्वचा रूखी और बुझी बुझी से हो जाती है। इससे बचने के लिए आप दिन में कम से कम 8 से 10 ग्लास पानी का सेवन करें। साथ ही चेहरे और त्वचा के अन्य हिस्सों पर मॉइस्चराइज़र का प्रयोग करें। और पटाखें जलाने के बाद किसी नेचुरल क्लीन्ज़र से अपनी स्किन साफ़ करें।
पटाखें जलाते समय बरती जाने वाली अन्य सावधानियां :-
- पटाखे हमेशा खुले मैदान में ही जलाएं।
- रॉकेट को हमेशा ऊपर की ओर ही छोड़ें।
- पटाखे जलाते समय हमेशा सूती कपडे ही पहने।
- पटाखे जलाने के दौरान पानी के साथ साथ बालू-मिटटी का भी इंतजाम रखें।
- चिंगारिया छोड़ने वाले पटाखों के पास नहीं जाएं।
- पटाखें में आग दूर से ही लगाएं।
- छोटे बच्चों को अकेले पटाखे न जलाने दें।
- पटाखे जलाते समय जूते पहने।
- पटाखे जलाते समय बच्चों पर नजर रखें।
- ढीले वाले कपडे नहीं पहने।
- पटाखे जलाने के दौरान अपनी साड़ी के पल्लू और दुप्पटे का खास ख्याल रखें।
- पटाखे जेब में रखकर न घूमे।