गर्भावस्था के दौरान महिला को अच्छी अच्छी चीजों के बारे में सोचने की सलाह दी जाती है, पॉजिटिव रहने की सलाह दी जाती है, नेगेटिव लोगो से दूर रहने की सलाह दी जाती है, अच्छे माहौल में रहने की सलाह दी जाती है, आदि। और यह सलाह इसीलिए दी जाती है क्योंकि इससे गर्भवती महिला को मानसिक रूप से फिट रहने में मदद मिलती है साथ ही गर्भ में शिशु के बेहतर विकास में भी यह टिप्स अहम योगदान रखते हैं।
इसके अलावा महिला को शराब व् धूम्रपान के सेवन से परहेज व् उन उस माहौल से भी दूर रहने की सलाह दी जाती है जहां कोई इनका सेवन करता है। लेकिन यदि आपका पति ही शराब पीता है तो उससे दूर कैसे रहा जा सकता है। परन्तु आप अपने और अपने बच्चे के बेहतर विकास के लिए चाहे तो आपकी प्रेगनेंसी के दौरान उन्हें न पीने की सलाह दे सकती है।
क्योंकि शराब पीने के बाद कई बार पुरुष अपने आपे में नहीं रहता है और न चाह कर भी आपका माहौल खराब हो सकता है। जिसका असर महिला व् उसके होने वाले बच्चे को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। क्या आपके भी पति या आपके घर में कोई ऐसा करता है? यदि हाँ तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको यही बताने जा रहे हैं की अगर आपका पति शराब पीता है तो आपके होने वाले शिशु पर क्या प्रभाव पड़ता है?
मानसिक रूप से महिला हो सकती है परेशान
गर्भावस्था के दौरान यदि गर्भवती महिला का पति शराब पीकर आता है तो उस दौरान महिला के मन में यही चल रहा होता है। की उसका पति शराब पीकर आया है कहीं कोई लड़ाई झगड़ा या कोई बात न हो जाये। और इन्ही बातों के बारे में सोच सोच कर महिला तनाव यानी डिप्रेशन में रहने लगती है। जिसके कारण महिला को मानसिक के साथ शारीरिक परेशानी होने का खतरा भी रहता है। और महिला को होने वाली दिक्कत की वजह से शिशु का विकास भी बुरी तरह प्रभावित होता है।
ज्यादा ऊँची आवाज़ के कारण शिशु पर पड़ता है असर
शराब पीने के बाद आदमी अपने होश में नहीं होता है जिसके कारण वो ऊँची आवाज़ या चिल्ला चिल्ला कर सबसे बात करता है। और गर्भ ने शिशु की सुनने की क्षमता लगातार बढ़ती रहती है। ऐसे में यदि शिशु को ऊँची ऊँची आवाज़ सुनाई देती है तो इसकी वजह से गर्भ में शिशु चौक जाता है डर जाता है जिसकी वजह से शिशु के दिमागी विकास पर असर पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।
पति के गुस्से का शिशु पर पड़ता है असर
शराब पीने के बाद कई लोगो को छोटी छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है और प्रेगनेंसी के दौरान महिला को भी मूड स्विंग्स की समस्या होती है जैसे की महिला छोटी छोटी बातों पर नाराज़ हो जाती है, गुस्सा करती है, आदि। ऐसे में यदि दोनों ही गुस्सा करते हैं तो इसके कारण गर्भ में शिशु के विकास में दिक्कत आने का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला के आस पास का माहौल अच्छा होना, और महिला का खुश रहना दोनों बच्चे के लिए जरुरी होता है। ऐसे में यदि दोनों ही बातें नहीं होगी तो गर्भ में शिशु को दिक्कत होने का खतरा बढ़ जाता है।
लड़ाई झगडे के कारण पड़ता है शिशु की ग्रोथ पर असर
प्रेगनेंसी के दौरान यदि महिला का पति शराब पीता है और हमेशा उनके बीच में लड़ाई झगडे होते रहते हैं। तो इसके कारण महिला मानसिक रूप से परेशान रहती है जिसकी वजह से महिला को भूख में कमी, अपना ध्यान अच्छे से न रखने जैसी दिक्कतें होने लगती है। और ऐसा होने के कारण महिला की सेहत व् दिमाग पर असर पड़ने के साथ शिशु के शारीरिक व् मानसिक विकास में कमी आने का खतरा रहता है और शिशु की ग्रोथ में रुकावट आ सकती है।
मारपीट होने पर बढ़ सकती है दिक्कतें
शराब पीने के बाद यदि पति पत्नी के बीच कोई बात हो जाये और बात इतनी बढ़ जाये की मार पीट तक बात पहुँच जाये। तो इसके कारण महिला को नुकसान पहुँच सकता है साथ गर्भ को चोट लगने का खतरा होता है जिसके कारण शिशु को गर्भ में दिक्कत हो सकती है।
शिशु के शारीरिक विकास में आ सकती है कमी
शराब पीने के बाद यदि कपल सम्बन्ध बनाता है तो शराब की गंध से उसके मौजूद हानिकारक तत्व शिशु महिला के सांस लेने पर पहुँचने का खतरा रहता है। ऐसे में शिशु के शारीरिक व् दिमागी विकास में कमी आने का खतरा होता है।
गर्भ को नुकसान पहुँचने का होता है खतरा
शराब पीने के बाद यदि कपल सम्बन्ध बनाता है तो इसकी वजह से गर्भ में शिशु को नुकसान पहुँचने का खतरा और बढ़ता है। क्योंकि शराब पीने के बाद आदमी अपने होश में नहीं होता है जिसकी वजह से यदि सम्बन्ध बनाते समय यदि पुरुष तेजी करने लगे, पेट पर दबाव पड़ जाएँ, पुरुष नई नई डिमांड करने लगे तो इन सब के कारण गर्भ में शिशु को चोट लगने का खतरा होता है।
तो यह हैं कुछ दिक्कतें जो अगर आपका पति शराब पीता है तो आपके होने वाले शिशु को हो सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान महिला या बच्चे को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो इसके लिए आपको अपने पति से बात करनी चाहिए। और गर्भ में शिशु का विकास अच्छे से हो और घर में एक बेहतर माहौल रहे इसके लिए आपको उन्हें आपकी प्रेगनेंसी के दौरान न पीने या कभी कभी और वो कम मात्रा में पीने की सलाह देनी चाहिए। और कभी कभी पीने पर भी उनको किन किन बातों का ध्यान रखना है उसके बारे में जरूर बात करें।