पहली बार माँ बनने का अहसास

गर्भावस्था किसी भी महिला के लिए उसकी जिंदगी का बहुत ही खास और यादगार लम्हा होता है। खासकर जब महिला पहली बार माँ बन रही होती है तो उसके लिए यह समय खास होने के साथ थोड़ा मुश्किल भी हो सकता है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान क्या सही है क्या गलत, प्रेगनेंसी में क्या खाना चाहिए क्या नहीं, क्या करना चाहिए क्या नहीं, इसके बारे में पूरी जानकारी न होने के कारण महिला थोड़ी परेशानी का अनुभव कर सकती है। साथ ही शुरूआती समय में बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण प्रेगनेंसी में होने वाली शारीरिक परेशानियों और शारीरिक बदलाव के कारण भी महिला दिक्कत का अनुभव कर सकती है। लेकिन फिर भी पहली बार माँ बनने का अहसास महिला को इन मुश्किलों के बाद भी प्रेगनेंसी में खुश रहने में मदद करता है, और शिशु के आने की ख़ुशी महिला के प्रेगनेंसी के अनुभव को और भी खास बना देती है।

पहली बार माँ बन रही महिला के लिए 15 टिप्स

पहली गर्भावस्था के दौरान महिला को किसी भी तरह की दिक्कत न हो, शिशु का विकास बेहतर तरीके से हो, प्रेगनेंसी में अनुभव को महिला अच्छे से एन्जॉय कर सके इसके लिए गर्भवती महिला को कुछ टिप्स का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। तो लीजिये आज हम पहली बार माँ बन रही महिलाओं के लिए कुछ खास टिप्स बताने जा रहे हैं जो पहली प्रेगनेंसी में आपके लिए बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं।

अपने पार्टनर को बताएं

महिला के पीरियड्स यदि मिस हो गए हैं तो वो घर पर ही बाजार से प्रेगनेंसी किट लाकर चेक कर सकती है की वो गर्भवती है या नहीं। और यदि रिजल्ट पॉजिटिव आता है तो आपको अपनी इस ख़ुशी को अपने पार्टनर के साथ शेयर करना चाहिए। क्योंकि यदि आप माँ बनने वाली हैं तो वो भी पिता बनने वाले हैं, और दोनों का इस ख़ुशी में शामिल होने का बराबर हक़ है।

डॉक्टर का चुनाव

उसके बाद तुरंत आपको एक बेहतरीन डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए जो प्रेगनेंसी के दौरान आपको अपनी सलाह देगा। डॉक्टर का चुनाव करने के बाद आपको उनसे प्रेगनेंसी से जुड़े जो भी सवाल आपके मन में उठ रहे हैं उनके बारे में पूछना चाहिए। और किसी भी बात की हिचकिचाहट नहीं रखनी चाहिए। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान किन टिप्स का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए इसके लिए भी राय लेनी चाहिए।

सभी जांच

गर्भावस्था की शुरुआत में जिन जांच को करवाना जरुरी होता है डॉक्टर से पूछ कर अपनी उन सभी जांचें करवाएं। जिन दवाइयों का सेवन प्रेगनेंसी के पुरे नौ महीने करना है उनकी राय लें, अपनी सभी वेक्सिनेशन करवाएं, रूटीन में अपना चेकअप करवाएं, प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की दिक्कत हो तो उसके लिए डॉक्टर से राय लें।

प्रेगनेंसी एप डाउनलोड करें

आज कल इंटरनेट पर भी प्रेगनेंसी से जुडी पूरी जानकारी आसानी से मिल जाती है। ऐसे में गर्भवती महिला के मन में प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने को लेकर कोई भी सवाल हो, प्रसव से जुडी जानकारी चाहिए इन सभी के बारे में आसानी से प्रेगनेंसी एप का इस्तेमाल करके आसानी से जानकारी इक्कठी कर सकती है। और ऐसा करने से महिला थोड़ा रिलैक्स भी महसूस कर सकती है।

अनुभव लें

प्रेगनेंसी से जुड़े सवालों के लिए आप अपने घर के सदस्यों, अपनी सहेलियों से भी राय ले सकती है। लेकिन इस बात का ध्यान रखें की ऐसा जरुरी नहीं होता है की जैसा प्रेगनेंसी में उनके साथ हुआ है वैसा ही आपके साथ भी हो। क्योंकि हर गर्भवती महिला में होने वाले बदलाव पूरी तरह से उनकी बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव पर निर्भर करता है। ऐसे में यदि कोई आपसे कहे की प्रेगनेंसी में मुझे इतनी दिक्कत हुई है तो आपको परेशानी नहीं होना चाहिए और बिल्कुल भी तनाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि ऐसा बिल्कुल भी जरूरी नहीं होता है की वैसा आपके साथ भी हो।

क्या सही है क्या नहीं

पहली बार माँ बन रही महिलाओं के लिए यह जानना बहुत जरुरी होता है की प्रेगनेंसी के दौरान क्या करना चाहिए और क्या नहीं। जैसे की महिला को खाने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए, ट्रैवेलिंग नहीं करनी चाहिए, भारी वजन नही उठाना चाहिए, पेट के बल काम नहीं करना चाहिए, ज्यादा व्यायाम नहीं करना चाहिए, गर्म पानी से नहाना नहीं चाहिए, ज्यादा शारीरिक श्रम करने से बचना चाहिए, आदि। क्योंकि यदि आप इससे जुडी जानकारी को इक्कठा करती है तो पहली बार माँ बनने पर आपको प्रेगनेंसी में होने वाली दिक्कतों से बचे रहने में मदद मिलती है।

क्या खाएं या नहीं

माँ बनने पर महिला की जिम्मेवारी दुगुनी हो जाती है क्योंकि अब वह अकेली नही होती है बल्कि उसके गर्भ में पल रही नन्ही जान भी पूरी तरह से उसी पर निर्भर करती है। ऐसे में महिला को इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए की महिला को क्या खाना है जैसे की पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करना चाहिए जिससे महिला को स्वस्थ रहने के साथ गर्भ में शिशु को भी भरपूर पोषण मिल सके। और क्या नहीं खाना चाहिए जैसे की कच्चा पपीता, अनानास, कटहल, गरम तासीर वाली चीजें आदि, क्योंकि इससे गर्भपात का खतरा रहता है।

सम्बन्ध

प्रेगनेंसी के दौरान बहुत से कपल इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, खासकर जो पहली बार प्रेगनेंसी का अनुभव ले रहे हो की प्रेगनेंसी के दौरान सम्बन्ध बनाना चाहिए या नहीं? तो इसका जवाब होता है की इसके लिए आप एक बार डॉक्टर से जरूर राय लें। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान डॉक्टर ही महिला की स्थिति के बारे में सबसे बेहतर तरीके से बता सकती है, ऐसे में डॉक्टर यदि हाँ कहें तो प्रेगनेंसी के दौरान भी आप इसका आनंद ले सकते हैं। और यदि डॉक्टर न कहे तो इसका मतलब न ही होता है।

तनाव न लें

बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिला प्रेगनेंसी के दौरान परेशानियों का अनुभव कर सकती है। खासकर पहली बार माँ बन रही महिलाओं को ज्यादा असहज महसूस हो सकता है। ऐसे में महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की महिला इन्हे लेकर मानसिक रूप से परेशान न हो, क्योंकि यदि महिला तनाव लेती है तो इसके कारण गर्भवती महिला के साथ गर्भ में शिशु को भी परेशानी का अनुभव करना पड़ सकता है, बल्कि महिला को अपने इस पहले अनुभव को लेकर खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए।

पेट के बल सोना

कुछ महिलाओं को उल्टा सोने की आदत हो सकती है और यदि आपको यह आदत है तो आपको अपनी इस आदत में बदलाव करना होगा। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान उल्टा सोना गर्भ में शिशु के लिए हानिकारक हो सकता है। साथ ही प्रेगनेंसी में महिला को जितना हो सके करवट लेकर ही सोना चाहिए।

पानी

प्रेगनेंसी के दौरान महिला को पानी का भरपूर सेवन करना चाहिए क्योंकि यदि महिला के शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो इसके कारण प्रेग्नेंट महिला के साथ शिशु को भी दिक्कत हो सकती है। ऐसे में महिला को चाहिए की दिन में आठ से दस गिलास पानी के साथ जूस, नारियल पानी आदि का भी महिला भरपूर सेवन करे। क्योंकि गर्भवती महिला का हाइड्रेट रहना प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने में मदद करता है।

खाने का ध्यान

गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर शारीरिक व् मानसिक विकास, गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के लिए भरपूर मात्रा में खाना भी बहुत जरुरी होता है। और पहली बार माँ बन रही महिलाओं के लिए प्रेगनेंसी के दौरान क्या खाना फायदेमंद होता है इससे जुडी जानकारी इक्कठा करना भी बहुत जरुरी होता है।

बेबी के नाम

आने वाले बेबी का आप क्या नाम रखेंगी, उसके बारे में कुछ नाम की सूचि भी महिला को तैयार करनी चाहिए। क्योंकि इससे महिला को खुश रहने में मदद मिलती है। साथ ही आप चाहे तो अपने कमरे में कुछ सूंदर, प्यारे और क्यूट बेबी की फोटोज भी लगा सकती है। ऐसा करने से पहली बार माँ बनने के उत्साह को और बढ़ाने में मदद मिलती है।

डिलीवरी की तारीख

प्रेग्नेंट महिला को डॉक्टर द्वारा एक तारीख दी जाती है जिससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है की इस दिन के आस पास शिशु का जन्म होगा। ऐसे में महिला को हॉस्पिटल ले जाने वाले एक बैग को तैयार करने के साथ इन दिनों में लगातार डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए ताकि डिलीवरी में कोई दिक्कत न हो।

प्रसव की जानकारी

पहली बार माँ बन रही महिलाओं को प्रसव के लक्षणों का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। क्योंकि इससे यदि महिला को डिलीवरी का कोई भी लक्षण महसूस होता है तो वो समय रहते डॉक्टर से संपर्क कर सकती है। साथ ही इससे डिलीवरी के समय होने वाली परेशानियों से भी बचे रहने में मदद मिलती है। तो इन जानकारियों को पहली बार माँ बनने वाली महिलाओं को जरूर इक्कठा करना चाहिए।

तो यह हैं वो टिप्स जिनका ध्यान पहली बार माँ बन रही महिलाओं को जरूर रखना चाहिए ताकि प्रेग्नेंट महिला और गर्भ में पल रहे शिशु को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके। और प्रेगनेंसी में होने वाले हर बदलाव और लक्षण से निपटने में महिला को आसानी हो, और किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

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