प्रेगनेंसी गर्भवती महिला के लिए एक ऐसा समय होता है जहां महिला को बेहतर देखभाल के साथ बहुत सी चीजों से परहेज भी करना पड़ता है। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को किसी तरह की दिक्कत न हो और गर्भ में शिशु का विकास भी बेहतर तरीके से हो सके। जो महिलाएं पहली बार माँ बन रही होती है उनके लिए लिए यह अनुभव ख़ुशी से भरपूर होने के साथ दुविधाओं से भरा भी हो सकता है। क्योंकि प्रेगनेंसी से जुडी जानकारी उन्हें घर में या बाहर के लोग देते रहते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी जरुरी नहीं होता है की दो महिला के अनुभव आपस में मेल खाते हो। ऐसे में महिला परेशान हो सकती की आखिर क्या सही है और क्या गलत, तो इसके लिए आपको बिल्कुल भी परेशान होने की जरुरत नहीं है क्योंकि यदि आप पहली बार माँ बन रही है तो ऐसे में आपको किन किन बातों का ध्यान रखना जरुरी है आइये आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से बताने जा रहे हैं।
आखिरी पीरियड की तारीख
यदि आपका पीरियड मिस हो गया है तो आपको अपने आखिरी पीरियड की डेट का ध्यान रखना चाहिए। ताकि आपको ये पता चल सके की आपके पीरियड मिस होने से कितने दिन ज्यादा हो गए हैं। और यदि आपको पांच से सात दिन ऊपर हो गया हैं तो घर पर ही आप प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकते हैं। और आखिरी पीरियड की डेट के बारे में आपको डॉक्टर भी पूछ सकते हैं इसीलिए इस डेट का आपको ध्यान रखना चाहिए।
सभी जांच
यदि आप पहली बार माँ बनने का प्लान कर रही है या आपने गर्भधारण कर लिया है तो सबसे पहले आपको अपनी बॉडी की अच्छे से जांच करवानी चाहिए। ताकि यदि आपको कोई शारीरिक समस्या हो तो उसका समाधान उसी समय हो सके और प्रेगनेंसी के दौरान महिला को स्वस्थ रहने व् शिशु के बेहतर विकास में मदद मिल सके।
प्रेगनेंसी से जुडी किताबें पढ़ें ‘
गर्भावस्था की खबर पहले तीन महीने तो किसी से शेयर नहीं करनी चाहिए और यदि आप अपने घर में किसी से शेयर भी करती हैं। तो हर कोई अपना प्रेगनेंसी का अनुभव आपसे शेयर कर सकता है, लेकिन ऐसा कोई जरुरी नहीं है की जैसा अनुभव उनका प्रेगनेंसी के दौरान रहा है वैसा ही आपके साथ भी हो। ऐसे में आपको इंटरनेट या किताबों के माध्यम से प्रेगनेंसी से जुडी जानकारी इक्कठी करनी चाहिए। ताकि आपको प्रेगनेंसी से जुडी जानकारी मिल सके और यदि कोई बदलाव बॉडी में आपको महसूस हो तो आपको उसे समझने में मदद मिल सके।
तनाव नहीं लें
प्रेगनेंसी के लिए केवल महिला का शारीरिक रूप से तैयार होना ही जरुरी नहीं होता है। बल्कि इसके लिए महिला को मानसिक रूप से भी तैयार होना जरुरी होता है की आप शिशु की जिम्मेवारी लेने के लिए तैयार है। क्योंकि यदि आप मानसिक रूप से अभी शिशु को जन्म लेने के लिए तैयार नहीं होती है तो इससे भी प्रेगनेंसी के दौरान कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ सकती है।
संपूर्ण आहार
खान पान का ध्यान रखना प्रेगनेंसी के दौरान बहुत जरुरी होता है, क्योंकि यदि महिला पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करती है, समय से अपना आहार लेती है, तो ऐसा करने से महिला की बॉडी में पोषक तत्वों की मात्रा भरपूर बने रहने में मदद मिलती है। जिससे गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर शारीरिक व् मानसिक विकास में भी मदद मिलती है। इसीलिए फोलिक एसिड, आयरन, फोलेट, कैल्शियम, प्रोटीन, एंटी ऑक्सीडेंट, जैसे पोषक तत्व से भरपूर आहार का सेवन जरूर करना चाहिए। और सम्पूर्ण आहार के साथ महिला को भरपूर मात्रा में पानी का सेवन भी करना चाहिए, क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान हाइड्रेट रहने से भी गर्भवती महिला की बहुत सी परेशानियों को कम करने में मदद मिलती है।
क्या करें क्या नहीं
छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना प्रेगनेंसी के दौरान बहुत जरुरी होता है क्योंकि यही छोटी छोटी बातें प्रेग्नेंट महिला को बड़ी बड़ी परेशानियों से दूर रखने में मदद करती है। ऐसे में गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए जैसे की मैडिटेशन करनी चाहिए, रेस्ट करना चाहिए, सम्पूर्ण आहार लेना चाहिए आदि, और प्रेगनेंसी में क्या नहीं करना चाहिए जैसे की ज्यादा भागदौड़, भारी सामान उठाना, सीढिया अधिक चढ़ना, यात्रा करना, आदि। इन सभी बातों का ध्यान रखना जरुरी होता है।
क्या खाएं क्या नहीं
गर्भावस्था के दौरान खाना पीना बहुत महत्व रखना हैं लेकिन कुछ भी खाने से पहले यह ध्यान रखना भी जरुरी होता है। की प्रेगनेंसी के दौरान वह चीजें खानी चाहिए या नहीं, कितनी मात्रा में उस चीज का सेवन करना चाहिए, कितना मिर्च मसाले व् तेल का इस्तेमाल आहार में करना चाहिए, आदि। यदि प्रेग्नेंट महिला खाने पीने से जुडी इन बातों का ध्यान रखती है तो इससे गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने के साथ गर्भ में शिशु के विकास में भी फायदा मिलता है।
भरपूर आराम
पहली प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में तेजी से हो रहे हार्मोनल बदलाव के कारण गर्भवती महिला बहुत ज्यादा थकान, कमजोरी व् परेशानी का अनुभव कर सकती है। ऐसे में महिला को शारीरिक व् मानसिक रूप से रिलैक्स रहने के लिए प्रेग्नेंट महिला को भरपूर आराम करना चाहिए।
डॉक्टर से जांच
पहली प्रेगनेंसी के दौरान आपको जब भी डॉक्टर चेकअप के लिए कहे तो आपको जरूर करवाना चाहिए। और इसमें किसी भी तरह की देरी नहीं करनी चाहिए, समय पर स्कैन करवाने चाहिए ताकि शिशु के विकास को जानने में आपको मदद मिल सके। इसके अलावा गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान कोई भी असहज लक्षण महसूस हो तो उसे अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
तो यह हैं कुछ बातें जिनका ध्यान महिला को पहली प्रेगनेंसी के दौरान रखना चाहिए। ताकि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान आने वाली परेशानियों को कम करने में मदद मिल सके और गर्भ में शिशु को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मिलें जिससे शिशु का विकास बेहतर तरीके से होने में मदद मिल सके।