पीरियड्स
जिस तरह बॉडी में लगातार शारीरिक प्रक्रियाएं चलती रहती हैं, उसी तरह पीरियड्स का आना भी महिलाओं के शरीर में एक शारीरिक प्रक्रिया की तरह होता है। जो हर महीने महिला को आते है, इस दौरान महिला को रक्तस्त्राव, पेट, कमर, पेट के निचले हिस्से में दर्द की समस्या हो सकती है। पीरियड्स को कई लोग माहवारी, मासिक धर्म, एमसी के नाम से भी जानते हैं। हर महिला को पीरियड्स का आना बहुत जरुरी होता है क्योंकि इसके न होने के कारण महिला को बहुत सी शारीरिक समस्या हो सकती है। साथ ही कुछ महिलाओं को पीरियड्स से जुडी समस्याएँ भी हो सकती है जैसे की पीरियड्स का लेट आना, पीरियड्स का मिस हो जाना, पीरियड्स के दौरान ब्लड का अधिक या कम मात्रा में आना, तीन से कम या एक हफ्ते से ज्यादा पीरियड्स का होना, आदि यह सब अनियमित माहवारी के लक्षण होते हैं।
मासिक धर्म के लेट होने या मिस होने के कारण
कुछ महिलाएं पीरियड्स के लेट होने की समस्या से परेशान हो सकती हैं, और पीरियड्स के लेट होने का कोई एक कारण नहीं होता है। बल्कि यह महिला के बॉडी में होने वाले बदलाव, महिला की सेहत, महिला के स्वास्थ्य आदि पर निर्भर करता है। तो लीजिये अब विस्तार से जानते हैं की मासिक धर्म के लेट होने के क्या क्या कारण हो सकते हैं।
पीरियड्स की शुरुआत में
यदि आपको अभी -अभी पीरियड्स आना शुरू हुआ है तो शुरुआत में पीरियड्स का लेट होना बहुत ही आम बात होती है। ऐसे में इसे लेकर घबराने की बिल्कुल भी जरुरत नहीं होती है, क्योंकि यह धीरे धीरे अपने आप ही सही हो जाते हैं।
एक्सरसाइज
जरुरत से ज्यादा शारीरिक श्रम करने के कारण शरीर की गतिविधियों पर बुरा असर पड़ सकता है जिसके कारण पीरियड्स के लेट होने जैसी परेशानी हो सकती है। इसके आलावा जो महिलाएं डांसर होती है, खिलाड़ी होती है, बहुत ज्यादा व्यायाम आदि करती है उन्हें भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि अधिक शारीरिक श्रम करने के कारण एस्ट्रोजन हॉर्मोन की बॉडी में कमी होने लग जाती है जिसके कारण मासिक धर्म चक्र प्रभावित हो सकता है।
मोटापा
जरुरत से ज्यादा वजन का होना भी पीरियड्स के लेट होने का कारण हो सकता है। क्योंकि वजन बढ़ने के कारण बॉडी में हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो सकती है जिसके कारण महिला को पीरियड्स देरी से आ सकते हैं। और मासिक धर्म के साथ अन्य शारीरिक परेशानियों के कारण महिला को परेशान होना पड़ सकता है, ऐसे में महिला को फिट रहने के लिए और पीरियड्स से जुडी इस समस्या से निजात पाने के लिए अपने वजन को नियंत्रित रखने की कोशिश करनी चाहिए।
वजन में कमी
मोटापे के कारण ही नहीं बल्कि जिन महिलाओं का वजन सामान्य से बहुत कम होता है। उन महिलाओं के शरीर एस्ट्रोजन का उत्पादन अच्छे तरीके से नहीं हो पाता है जिसके कारण पीरियड्स में देरी या पीरियड्स मिस होने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
थायरॉइड
जो महिलाएं थायरॉइड की समस्या से ग्रसित होती है उनकी बॉडी में भी हार्मोनल का असंतुलन होने के कारण पीरियड्स के लेट या पीरियड्स के मिस होने जैसी परेशानी हो सकती है। ऐसे में महिला को इस समस्या का डॉक्टरी इलाज करवाना चाहिए ताकि पीरियड्स से जुडी परेशानी से महिला को निजात पाने में मदद मिल सके।
PCOS
पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम यह भी एक शारीरिक समस्या है जिससे अधिक वजन वाली महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित होती है। और यदि किसी महिला को यह समस्या है तो इसके कारण भी महिला को पीरियड्स लेट होने या मिस होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। और इस समस्या का इलाज केवल डॉक्टर द्वारा ही किया जा सकता है।
दवाइयां
जो महिलाएं किसी शारीरिक समस्या से बहुत लम्बे समय से परेशान होती है और उनसे निजात पाने के लिए नियमित दवाइयों का सेवन करती हैं। उन महिलाओं को भी पीरियड्स से जुडी इस समस्या का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन दवाइयों का सेवन छोड़ने के बाद महिला को इस परेशानी से निजात पाने में भी मदद मिलती है।
प्रेगनेंसी
शादी के बाद किसी भी महिला को पीरियड्स न आने पर वह सबसे पहले यही सोचती है की कहीं उसका गर्भ तो नहीं ठहर गया है। जो की हो सकता है क्योंकि पीरियड्स मिस होने का एक कारण प्रेगनेंसी भी हो सकती है, ऐसे में महिला को प्रेगनेंसी किट की मदद से चेक करके जरूर देखना चाहिए की कहीं उसका गर्भ तो नहीं ठहर गया है।
ब्रेस्टफीडिंग
जो महिलाएं डिलीवरी के बाद शिशु को स्तनपान करवाती है उन्हें भी पीरियड्स देरी से आने की समस्या हो सकती है। और इसमें बिल्कुल भी घबराने की जरुरत नहीं होती है।
गर्भनिरोधक दवाइयां
गर्भनिरोधक दवाइयों का सेवन शादी के बाद अक्सर महिलाएं करती हैं ताकि उनका गर्भ न ठहरे, और यह दवाइयां मासिक धर्म चक्र पर बुरा असर डाल सकती है। जिसके कारण हो सकता है की महिला को पीरियड्स में देरी जैसी समस्या का सामना करना पड़े।
तनाव
जो महिलाएं मानसिक तनाव की समस्या से परेशान होती है उन्हें भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि महिला के तनाव लेने के कारण बॉडी में हार्मोनल असंतुलन की समस्या हो सकती है जिसके कारण मासिक धर्म चक्र प्रभावित हो सकता है।
नशा
धूम्रपान, शराब व् अन्य किसी भी तरह के नशे का सेवन यदि महिला करती है तो इसके कारण भी पीरियड्स की अनियमिता जैसी परेशानी का सामना महिला को करना पड़ सकता है। जिसके कारण महिला को पीरियड्स में देरी या मिस होने जैसी समस्या भी हो सकती है।
बदलती दिनचर्या
आपकी दिनचर्या भी मासिक धर्म चक्र को प्रभावित कर सकती है, क्योंकि यदि आप बहुत ज्यादा यात्रा करती है, खाना में लापरवाही करती है, भरपूर नींद नहीं लेती है, तो इन सब चीजों का असर भी पीरियड्स पर पड़ता है जिसके कारण पीरियड्स में देरी की समस्या हो सकती है।
डाइटिंग
कुछ महिलाएं वजन घटाने के लिए डाइटिंग शुरू कर देती है, इससे आपका वजन तो कम हो जाता है। लेकिन शरीर की क्रियाओं पर बुरा असर पड़ता है, जैसे की डाइटिंग अधिक करने के कारण बॉडी में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है जिसके कारण महिला को पीरियड्स चक्र पर इसका बुरा असर पड़ता है और आपको पीरियड्स में देरी या मिस होने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
मेनोपॉज़
यदि किसी महिला को मेनोपॉज़ शुरू होने वाला होता है तो उससे पहले कुछ समय तक महिला को पीरियड्स में देरी होना या पीरियड्स का मिस होना प्रीमेनोपॉज का ही एक लक्षण होता है।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से महिला को पीरियड्स के मिस होने या पीरियड्स के लेट होने जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में महिला को अपनी सेहत, स्वास्थ्य, दिनचर्या सबका अच्छे से ध्यान रखना चाहिए ताकि पीरियड्स से जुडी इस समस्या से निजात पाने में मदद मिल सके।