Back Pain During Periods
पीरियड्स के समय में कमर दर्द होने के क्या कारण होते है, Back pain during periods, मासिक धर्म में कमर दर्द, पीरियड्स के दौरान कमर में तेज दर्द होने के कारण
पीरियड्स महिलाओं को हर महीने होने वाली एक आम समस्या है। जिसके दौरान महिलाओं को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में अधिकतर महिलायें यही कहती है “ये पीरियड्स आते ही क्यों है”? लेकिन यह बात भी सच है की इनका होना भी उतना ही जरुरी है जितना की खाना खाना। क्योंकि अगर पीरियड्स नहीं होंगे तो आपके शरीर से गंदगी बाहर नहीं निकलेगी और अगर गंदगी बाहर नहीं निकलेगी तो वह अंदर ही अंदर आपको बीमार कर देगी।
वैसे देखा जाए तो वाकई ये दिन किसी भी महिला के लिए बेहद पीड़ादायक होते है। क्योंकि पेट दर्द, शरीर में ऐंठन, थकान, कमर में दर्द आदि की समस्या इन दिनों ही सबसे अधिक होती है। बाकी चीजों को तो फिर भी बर्दाश्त किया जा सकता है लेकिन कमर और पेट दर्द के चलते महिलाएं अक्सर पेट पर पड़े रहने पर मजबूर हो जाती है।
इस दौरान पेट में दर्द होना तो स्वाभाविक है क्योंकि इस समस्या का संबंध गर्भाशय से होता है। लेकिन क्या आपने कभी अपने कमर दर्द के बारे में सोचा है? बाकि दर्द तो ठीक है लेकिन कमर में दर्द होता क्यों है? इसके पीछे क्या वजह है?
दरअसल, पीरियड्स के दौरान बॉडी में बहुत से चेंजस आते है जिनके चलते अलग अलग वजहों से कमर में दर्द होता है। यहाँ हम आपको उन्ही कारणों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे है। ताकि आप भी समझ पाएं की पीरियड्स के समय पेट के साथ साथ कमर में दर्द आखिर होता क्यों है?
पीरियड्स के समय कमर में दर्द होने के ये कारण हो सकते है :-
महिलाओं में हर महीने पीरियड्स आना एक सामान्य प्रक्रिया है। इस दौरान हल्का फुल्का दर्द होना स्वाभाविक है लेकिन अगर दर्द कुछ ज्यादा ही हो रहा है तो इसके पीछे कई कारण हो सकते है जैसे –
ये है वजह :
महिलाओं के गर्भाशय के आंतरिक भाग को एंडोमेट्रियम कहा जाता है। यदि पीरियड्स के दौरान इसका कुछ हिस्सा ओवरी या फेलोपियन ट्यूब तक पहुंच जाता है तो इसकी वजह से भी कमर में तेज दर्द होने लगता है।
इसके कारण भी होता है कमर दर्द :
एंडोमेट्रियम (गर्भाशय की आंतरिक सतह) में प्रत्येक महीने बहुत से बदलाव एते है और माहवारी के रूप में इसका कुछ हिस्सा रक्तस्राव के साथ निकल जाता है। एंडोमेट्रियम जैसी सतह जब गर्भाशय के अलावा अन्य अंगों (ओवरी, फ़ेलोपियन ट्यूब, आंतों आदि) में विकसित हो जाती है, तो यह अवस्था एंडोमेट्रीओसिस कहलाती है। क्योंकि एंडोमेट्रियम की प्रवृति संकुचन की होती है इसीलिए इन अंगों में भी ऐसा होने लगता है जिससे कमर दर्द की समस्या होती है।
कब्ज :
अगर किसी महिला को कब्ज की परेशानी है तो भी पीरियड्स के दौरान उन्हें कमर में तेज दर्द हो सकता है। इसके लिए आप सबसे पहले अपनी कब्ज की समस्या को दूर करें क्योकि उसके ठीक होते है आपकी सभी समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।
ठंडा-गर्म :
मासिक धर्म के दौरान बहुत अधिक ठंडी और गर्म चीजों का सेवन करने से भी कमार में दर्द हो सकता है, इसीलिए इस दौरान हलके फुल्के भोजन और कम गर्म और ठंडी चीजों का सेवन करें।
कमजोरी :
खून की कमी या शरीर में कमजोरी भी इस समस्या का कारण हो सकती है। यानी अगर किसी महिला के शरीर में खून की कमी है तो इस दौरान उनके कमर में दर्द होगा।
रक्तस्राव :
महिला के शरीर में नया खून बनने में 13 से 14 दिनों का समय लगता है ऐसे में यदि मासिक धर्म के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होगी तो यह कमर दर्द का कारण बन सकती है।
स्मोकिंग :
अगर आपको धूम्रपान करने की गलत आदत है तो आपके पीरियड्स और भी ज्यादा दर्दनाक बन सकते है। क्योंकि जो लोग बहुत ज्यादा धूम्रपान करते है उन्हें अक्सर कमर दर्द की शिकायत रहती है।
जेनेटिक समस्या :
अगर आपके परिवार की किसी महिला को तेज दर्द ककी शिकायत रहती है तो उनके बच्चों में भी यह होना आम बात है। क्योंकि बच्चों के शरीर में मौजूद जीन्स उन्ही के दिए हुए है जिसके साथ उनके दर्द और फायदे दोनों ही बच्चे को मिलते है।
ओवरी में इन्फेक्शन :
यदि आपके गर्भाशय में किसी भी तरह का इन्फेक्शन है तो यह भी आपके कमर में दर्द का एक कारण हो सकता है।
डाइट :
जो महिलाएं सही और हेल्थी डाइट नहीं लेती है उन्हें भी पीरियड्स के दौरान कमर में दर्द की शिकायत रहती है। इसीलिए हमेशा स्वस्थ और हेल्थी डाइट लें।
यह है इलाज :-
प्रारंभ में आप किसी दर्द निवारक दवाओं का इस्तेमाल कर सकती है लेकिन तेज दर्द होने पर कुछ विशेष इंजेक्शन या टेबलेट दी जा सकती है। जिन्हे केवल डॉक्टरी सलाह से ही लगवाना चाहिए। इनके प्रभाव से कुछ महीनों के लिए माहवारी कृत्रिम रूप से बंद हो जाती है। माहवारी न होने से न ही एंडोमेट्रियम का संकुचन होता है और न ही दर्द होता है।
विशेषज्ञों की राय :
माहवारी के दौरान थोड़ा दर्द होना सामान्य है। लेकिन जब दर्द सहन करने योग्य न हो तो इसकी अनदेखी न करें और तुरंत विशेषज्ञ से उचित इलाज करवायें।