पीरियड्स महिलाओं को हर माह होने वाली एक सामान्य प्रक्रिया है इस दौरान महिला के प्राइवेट पार्ट से ब्लीडिंग होती है। अगर यह ब्लीडिंग सामान्य होती है तो कोई बात नहीं लेकिन यदि ब्लीडिंग की समस्या ज्यादा होती है और ऐसा हर महीने होता है तो इसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। और तुरंत अपनी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह भी एक तरह की शारीरिक परेशानी ही होती है जिसे मेडिकल भाषा में मेनोर्रहाजिया कहा जाता है। और आपको ज्यादा ब्लीडिंग होने के बारे में आपके द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले सैनिटरी पैड या फिर टैम्पोन से पता चलता है।
क्योंकि यदि आपको सामान्य से अधिक ब्लीडिंग होती है तो आपके पैड को या टैम्पोन को हर घंटे बदलने की आवश्यकता पड़ती है। और पीरियड्स जितने दिन आपको होता है आपको उतनी ही ज्यादा यदि ब्लीडिंग होती है तो भी आपको इस बात का पता चलता है। और वैसे ही कई महिलाओं को पीरियड्स के दौरान दर्द आदि की समस्या रहती है और यदि ऊपर से ज्यादा ब्लीडिंग हो तो महिला को अधिक परेशानी हो सकती है। इसीलिए इसे इग्नोर न करते हुए अपनी डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। तो आइए आज हम पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होने के कारण क्या होते है उन्हें जानते हैं।
हार्मोनल असंतुलन का होना:- यह तो हम सब जानते हैं की पीरियड्स के दौरान बॉडी में लगातार हॉर्मोन में बदलाव आता रहता है। लेकिन यदि यह बदलाव बहुत तेजी से होता है तो इसके कारण आपको अत्यधिक ब्लीडिंग की समस्या हो सकती है। मेनोपॉज़ होने से एक साल पहले ही आपकी बॉडी संकेत देने लगती हो और आपको ज्यादा ब्लीडिंग की परेशानी हो सकती है। लेकिन फिर भी इसे इग्नोर नहीं करना चाहिए।
सरवाइकल पॉलीप्स होने के कारण:- सरवाइकल पॉलीप्स बनने का कारण मेडिकल वर्ल्ड में प्राइवेट पार्ट की साफ़ सफाई का न होना और संक्रमण माना जाता है। यह बहुत छोटे होते हैं जो की सरवाइकल म्यूकोसा और गर्भाशय के मुँह पर हो जाते है। और जैसे ही यह होते हैं तो इनके बनने से महिला के शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा असामान्य तरीके से बढ़ने लग जाती है। और गर्भाशय ग्रीवा में रक्त वाहिकाओं में रूकावट उत्त्पन्न होने लग जाती है जिसके कारण महिला को पीरियड्स के दौरान ज्यादा ब्लीडिंग होने की समस्या हो जाती है। और यदि आप डॉक्टर को दिखाती है और आपको यह परेशानी होती है तो आप इसका आसानी से इलाज भी करवा सकती है।
गर्भाशय में फाइबर ट्यूमर का होना भी हो सकता है हैवी ब्लीडिंग का कारण:- गर्भाशय में फाइबर ट्यूमर होने का कारण अभी तक अच्छे से पता नहीं चल पाया है, लेकिन यह तीस से चालीस वर्ष की उम्र की महिलाओं में पाया जाता है। जिसके कारण भी महिला को हैवी ब्लीडिंग होने की समस्या होती है। आप इस समस्या का इलाज भी करवा सकती हैं क्योंकि ऑपरेशन के जरिए इसे आपके गर्भाशय से निकाल दिया जाता है।
ब्लीडिंग डिसआर्डर भी हो सकता है ज्यादा ब्लीडिंग का कारण:- ब्लीडिंग डिस्आर्डर को वॉन विलेब्रांड बिमारी के नाम से जाना जाता है। इस समस्या के होने पर शरीर में खून के थक्के जमने लग जाते है जिसके कारण आपको पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होने की समस्या हो सकती है। यह बिमारी ज्यादातर उन महिलाओं को होती है जो अपने रक्त को पतला करने की दवाइयों का सेवन करती है।
एंड्रोमेट्रियल कैंसर के कारण भी हो सकती है यह परेशानी:- पचास वर्ष की उम्र होने के बाद महिलाओं को यह समस्या होती है। और यदि किसी महिला को यह समस्या होती है और उसे अभी तक पीरियड आता है। तो इस बिमारी के होने पर उसे भी अधिक ब्लीडिंग होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। और यदि आपको यह बिमारी है तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करने के बाद इसका इलाज करवाना चाहिए।
पेल्विक इंफ्लेमेट्री डिसीज होने के कारण:- इस समस्या के होने का मुख्य कारण आपको सम्बन्ध बनाने के कारण होने वाला संक्रमण होता है। और यदि आपको यह बिमारी होती है तो भी आपको हैवी ब्लीडिंग की समस्या का सामना करना पड़ सकता है इसीलिए कहा जाता है की सम्बन्ध बनाते समय भी साफ सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए क्योंकि उस समय संक्रमण फैलने का बहुत खतरा होता है।
ल्यूपस बिमारी होने के कारण:- इस बिमारी के होने पर त्वचा, जोड़ो, खून और किड़नी आदि में सूजन हो जाती है जो की एक प्रकार की क्रॉनिक सूजन होती है। आनुवाशिंक गड़बड़ी के होने के कारण आपको यह समस्या होती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि पर्यावरणीय कारक, संक्रमण, एंटीबायोटिक यूवी लाइट्स, तनाव होना, हार्मोनल असंतुलन और अधिक दवाइयों के सेवन के कारण आपको यह होती है और जो महिला इस बिमारी से परेशान होती है उसे भी पीरियड्स के दौरान अधिक ब्लीडिंग होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
एंडोमेट्रियल पॉलीप्स भी हो सकता है हैवी ब्लीडिंग का कारण:- एंडोमेट्रियल पॉलीप्स यह कैंसर नहीं होता है बल्कि यह गर्भाशय की सतह पर उभरता या पनपता है। इसके कारण का अभी तक अच्छे से पता नहीं लगाया गया है लेकिन इसके बनने से शरीर में एस्ट्रोजन या अन्य प्रकार के ओवेरियन ट्यूमर बनने लग जाते है। और जो महिला इस परेशानी से ग्रसित होती है उसे भी हैवी ब्लीडिंग के होने की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
पीरियड्स के दौरान इन बातों का ध्यान रखें:-
- यदि आपको सामान्य से अधिक दर्द होता है तो आपको डॉक्टर से मिलना चाहिए।
- इक्कीस से पैंतीस दिन के बीच आपको पीरियड आना सामान्य होता है लेकिन यदि आपको इससे पहले या लेट पीरियड होता है तो इसे भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
- पीरियड्स के दौरान संक्रमण होने का सबसे ज्यादा खतरा रहता है इसीलिए अपने पैड को बदलते रहना चाहिए साथ ही साफ सफाई का खास ध्यान रखना चाहिए।
- यदि आपको सात दिन से अधिक ब्लीडिंग होती है तो इसे भी अनदेखा नहीं करना चाहिए।
तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से आपको हैवी ब्लीडिंग होने की समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको इसे बिल्कुल भी नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और अपनी डॉक्टर को चेक करवाना चाहिए। क्योंकि इसके कारण आपको शारीरिक समस्या के बढ़ने का खतरा रहता है। इसके अलावा पीरियड्स के दौरान बॉडी को रेस्ट भी देना चाहिए ताकि आपको पीरियड्स में होने वाली परेशानी से बचाव करने में मदद मिल सकें।