शादी के बाद पीरियड्स मिस होना मतलब मन में सबसे पहला ख्याल आना की हो सकता है मैं माँ बनने वाली हूँ। ऐसा सोचना अच्छी बात होती है, लेकिन कई बार आपको पीरियड्स मिस होने के बाद प्रेगनेंसी नहीं होती है। क्योंकि केवल यही नहीं बल्कि और भी कई कारण होते है जिसकी वजह से आपको पीरियड्स नहीं आते है। पीरियड्स एक महिलाओ में होने वाली एक ऐसी शारीरिक प्रक्रिया है जो हर 28 दिन के चक्र को पूरा करने के बाद दुबारा होती है।
और कई महिलाओ को एक दो दिन आगे पीछे भी हो सकती है, लेकिन कई बार ऐसा होता है की आपके पीरियड्स में काफी गैप आने लगता है, या फिर पीरियड्स आने बंद हो जाते है। क्या आपके साथ भी ऐसी समस्या है और आपको समझ नहीं आ रहा है की ऐसा क्यों हो रहा है। यदि हाँ तो आइये आज हम आपको ऐसे ही कुछ कारण बताने जा रहे है जो की पीरियड्स मिस, देरी या न होने के बारे में आपको बताते है।
पीरियड्स न होने के कारण:-
समय से पहले मेनोपॉज़:-
45 से अधिक उम्र की महिलाओ में महिलाओ को मेनोपॉज़ आना आम बात होती है। मेनोपॉज़ का मतलब होता है की महिलाओ को पीरियड्स न होना। लेकिन कई महिलाओ को यह समस्या चालीस की उम्र के बाद ही शुरू हो जाती है इसका कारण शरीर में एस्ट्रोजन के स्तर का अनियमित हो जाना होता है। ऐसे में महिलाओ को पीरियड्स नहीं आते है। और यदि किसी महिला को एक साल तक पीरियड्स न आए तो इसका मतलब होता है यह महिला की मेनोपॉज़ की अवस्था है।
थायरॉयड बिमारी के होने पर:-
हमारी बॉडी में मेटाबोलिज्म को नियंत्रित करने में थायरॉयड ग्रंथि बहुत मदद करती है। ऐसे में यदि आपकी थायरॉयड ग्रंथि में किसी तरह का विकार आ जाता है तो इसका सीधा असर आपके पीरियड्स पर पड़ता है। क्योंकि इसके कारण या तो आपका वजन अधिक बढ़ने लगता है या फिर कम हो जाता है जिसके कारण या तो आपके पीरियड मिस होने लग जाते है। या फिर देरी से भी आ सकते है इसीलिए इसका इलाज आपको समय से करवाना चाहिए।
स्ट्रेस यानी तनाव की समस्या:-
लाइफ में परेशानियों का आना आम बात होती है लेकिन यदि यह परेशानी आपके दिमाग पर हावी होने लग जाती है तो यह तनाव का रूप ले लेती है। और शायद आप यकीन न करें की तनाव सीधा आपके पीरियड्स को प्रभावित करता है। क्योंकि इसके कारण मस्तिष्क के उस हिस्से पर प्रभाव पड़ता है जो की पीरियड्स के आने को निर्धारित करता है, और यदि ऐसा होता है तो इसके कारण भी आपके पीरियड्स मिस हो सकते है।
बच्चे को स्तनपान करवाने वाली महिला को:-
शिशु के जन्म के बाद महिला को काफी दिन तक ब्लीडिंग होती है लेकिन यदि उसके बाद महिला शिशु को स्तनपान करवाती है। तो ऐसे में भी आपको तीन से चार महीने पीरियड्स न आने की समस्या होती है। और इसका ये मतलब बिलकुल नहीं होता है की आप प्रेग्नेंट है, लेकिन उसके बाद यदि आपका शिशु स्तनपान करना बंद देता है और उसके बाद भी आपको पीरियड्स नहीं आते है तो आपको अपने डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।
वजन में बदलाव आने पर:-
पीरियड्स आने के लिए बॉडी में एस्ट्रोजन हॉर्मोन जिम्मेवार होता है। ऐसे में यदि आपका वजन तेजी से कम होने लगता है, तो बॉडी में एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है जिसके कारण आपके पीरियड्स लेट होने लग जाते है। और यदि आपका वजन ज्यादा हो जाता है तो इसके कारण एस्ट्रोजन का स्तर बढ़ने लगता है जिसकी वजह से आपको पहले तो ज्यादा लेकिन बाद में पीरियड्स में देरी होने लग जाती है या कई बार मिस भी हो जाते है।
शारीरिक श्रम अधिक करने पर:-
जो महिलाएं अपनी फिटनेस को बरकरार रखने के लिए जिम में बहुत ज्यादा श्रम करती है, या घर में ही बहुत एक्सरसाइज करती है। तो ऐसा करने से आपके मासिक चक्र को पूरा करने के लिए एस्ट्रोजन का निर्माण शरीर में पूरा नहीं मिल पाता है। जिसके कारण आपको पीरियड्स न होने की परेशानी हो सकती है या फिर आपको पीरियड्स देरी से भी आ सकते है।
दवाइयों के साइड इफ़ेक्ट के कारण:-
जो महिलाएं एंटी बायोटिक दवाइयों का सेवन उच्च मात्रा में करती है उन्हें भी इस परेशानी का सामना करना पड़ सकता है । और यह दवाइयां जैसे की प्रेगनेंसी रोकने की दवाई, गर्भपात की दवाई, कीमोथेरेपी आदि की दवाइयां होती है। इसके कारण आपको पीरियड्स से जुडी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान:-
यह तो आप सब भी जानते है की प्रेगनेंसी के दौरान महिला को नौ महीने तक पीरियड्स नहीं होते है। लेकिन ऐसा भी कोई जरुरी नहीं होता है, क्योंकि इस समय भी कई महिलाओ को स्पॉटिंग होती रहती है ऐसे में आप चाहे तो अपने डॉक्टर से भी राय ले सकते है।
तो ऊपर दिए कुछ कारण होते है जिसकी वजह से महिला को पीरियड्स नहीं होते है। और यदि आप पीरियड्स समय से नहीं आते है, अनियमित माहवारी होती है, पीरियड्स के दौरान बॉडी में अधिक परेशानी होती है तो इस बारे में एक बार आपको अपने डॉक्टर से बात जरूर करनी चाहिए।