खुद के पीरियड्स से जानें सेहत का हाल, पीरियड्स से कैसे पता लगाएं सेहत का हाल, शरीर का हाल जानने के लिए ध्यान दे पीरियड्स पर, पीरियड्स के दौरान ये होना हो सकता है बीमारी का संकेत, बीमारी बढ़ने पर पीरियड्स के दौरान दिखते है ये लक्षण, इन तरीकों से जानें पीरियड्स में अपने शरीर का हाल, स्वस्थ पीरियड्स, पीरियड्स, अनियमित माहवारी, माहवारी की समस्या, मासिक धर्म से पहचाने सेहत का हाल, मासिक धर्म के ये संकेत बताएंगे गंभीर बीमारी के लक्षण
महिलाओं के साथ ऐसी बहुत सी समस्याएं होती है जिन्हे केवल वो हो समझ सकती है। इन्ही में से एक है पीरियड्स जो प्रत्येक महिला के जीवन का अभिन्न हिस्सा होते है। कुछ में यह 3 दिन का होता है तो कुछ में 7 दिन का। इस दौरान महिलाओं की योनि से शरीर में मौजूद गंदे और दूषित रक्त का स्त्राव होता है जिसके कारण महिला को चिड़चिड़ापन, शरीर में दर्द और पाचन से जुडी समस्याएं होने लगती है।
बहुत बार इस दौरान कब्ज की समस्या भी देखने को मिलती है। परन्तु ये सभी समस्याएं पीरियड्स खत्म होने के साथ अपने आप ही ठीक हो जाती है। ऐसे में इनके लिए दवाओं का सेवन उचित नहीं। प्रत्येक महीने होने के कारण कोई भी पीरियड्स की समस्याओं पर अधिक ध्यान नहीं देता लेकिन कई बार कुछ चीजों पर ध्यान देने की आवश्यकता होती है जिनके बारे में आप और हम जान नहीं सकते।
जी हां, पीरियड्स के दौरान हमारे शरीर में ऐसे बहुत से लक्षण देखने को मिलते है जो किसी बड़ी बीमारी या स्वास्थ्य रोग का संकेत होते है। लेकिन ज्ञान के आभाव के चलते अक्सर महिलाएं इन संकेतों पर ध्यान नहीं देती जिसके कारण दिनों दिन समस्या बढ़ती ही जाती है। इसलिए आज हम आपको पीरियड्स के दौरान दिखने वाले कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताने जा रहे है जो किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते है। अगर आपके शरीर में भी ऐसे संकेत दिखाई पड़ते है तो आपको सतर्क हो जाना चाहिए।
पीरियड्स के दौरान ऐसे पहचाने अपनी सेहत का हाल :-
1. भारी रक्तस्त्राव :
अगर आपके पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक रक्तस्त्राव हो रहा है और आप उसे रोकने के लिए अन्य उत्पादों का प्रयोग कर रही है तो यह फिब्रोइड ट्यूमर का सूचक हो सकता है। क्योंकि अगर दो या अधिक चक्रों तक खून ज्यादा बहता है तो यह समस्या का विषय है ऐसे में आपको तुरंत जाँच करवानी चाहिए।
2. हल्का रक्तस्राव :
यह केवल सुनने में ही अच्छा लगता है लेकिन अगर यह बहुत अधिक हल्का हो जाए तो समस्या का कारण बन सकता है। जी हां, अगर थोड़ी देर के लिए आपका स्त्राव सामान्य है तो सब ठीक है लेकिन अगर यह बहुत हल्का है तो हो सकता है यह थाइराइड विकार या गर्भाशय में एक स्क्रेड टिश्यू का संकेत हो। ऐसे में तुरंत डॉक्टरी जाँच करवानी चाहिए।
3. अनियमित पीरियड्स :
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ऐसे तो मासिक धर्म 28 या 30 दिनों के भीतर दुबारा आ ही जाता है। लेकिन कुछ महिलाओं में यह 21 या 18 दिनों में ही आ जाता है जबकि कुछ को 35 दिन तक लग जाते है। जबकि यह एक गंभीर समस्या है। जी हां, अगर आपको पिछले कुछ महीनों से लगातार अनियमित मासिक धर्म हो रहे है तो आपको पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम की संभावना या थाइराइड की समस्या हो सकती है।
4. पीरियड्स नहीं होना :
बहुत सी महिलाओं को 2 महीनों तक पीरियड्स नहीं होते। लेकिन वास्तव में यह एक खतरे का संकेत है। जिससे निजात पाने के लिए आप गर्भावस्था की संभावना को रोकना होगा साथ ही अपने तनाव के स्तर को कम करना होगा। यदि आप वजन कम कर रही है और बहुत अधिक तनाव में रहती है तो यह आपको अण्डोत्सर्ग करने से रोक सकता है।
5. ऐंठन :
सामान्य तौर पर मासिक धर्म के दौरान होने वाली ऐंठन को अंडाशय में एंडोमेट्रियोसिस या अल्सर की संभावना माना जाता है। इसके अलावा फाइब्रॉएड या बेनिंग ट्यूमर भी एक वजह हो सकती है। इसीलिए अगर आपको पीरियड्स के दौरान बहुत अधिक पीड़ा या ऐंठन होती है तो डॉक्टर से इस विषय में परामर्श करें।
6. मूड स्विंग्स :
हर बार यह आपके मासिक चक्र का हिस्सा नहीं है। जी हां, कई बार तनाव और अवसाद के कारण भी ऐसा हो सकता है। ऐसे में आप अपनी चिकित्सक से इस विषय में सलाह मशवराह करें।
तो ये थी कुछ समस्याएं जिन्हे पहचानकर आप भी अपने शरीर का हाल जान सकती है। परन्तु अगर इनमे से एक भी संकेत आपको दिखाई दे रहे है तो तुरंत डॉक्टरी परामर्श लें। अन्यथा समस्या आपके लिए ही बढ़ेगी।