गर्भ में शिशु

गर्भ में शिशु अपनी ही दुनिया में होता है लेकिन उसका विकास पूरी तरह से गर्भवती महिला पर निर्भर करता है। क्योंकि जो भी महिला खाती है, सोचती है उन सभी चीजों का असर शिशु पर पड़ता है। इसीलिए प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को अपनी सेहत और स्वास्थ्य का बेहतर तरीके से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। साथ ही कई बार प्रेग्नेंट महिला द्वारा की गई लापरवाही के कारण शिशु के विकास में कमी, इन्फेक्शन की समस्या, खून की कमी के कारण होने वाली परेशानी का शिशु को सामना करना पड़ सकता है। इसके साथ कई बार गर्भ में शिशु की पोजीशन में बदलाव होने के कारण शिशु के उल्टे होने की समस्या भी हो सकती है।

शिशु के गर्भ में उल्टे होने के कारण

गर्भ में शिशु के उल्टे होने का कारण शिशु का गर्भ में अपने आप ही पोजीशन का बदलना हो सकता है, क्योंकि शिशु का आकार जब छोटा होता या बड़ा होता तो वो अपनी मर्ज़ी से ही गर्भ में घूमता है। उस पर आपका कोई जोर नहीं होता है, ऐसे में शिशु और माँ दोनों को कोई नुकसान न हो इसके लिए गर्भवती महिला को डॉक्टर्स पूरे आराम की सलाह देते हैं। लेकिन फिर भी कई बार गर्भ में शिशु के उल्टे होने की दिक्कत सामने आती है, साथ ही ऐसा भी नहीं है की शिशु उसके बाद अपनी पोजीशन बदल नहीं सकता है क्योंकि कुछ केस ऐसे भी देखने को मिलते हैं जहां डिलीवरी होने का समय पास आने तक शिशु अपनी सही पोजीशन में आ जाता है।

गर्भ में शिशु के उल्टे होने पर डिलीवरी

डिलीवरी को लेकर हर प्रेग्नेंट महिला में मन यह उलझन रहती है की उसकी डिलीवरी नोर्मल होगी या सिजेरियन, ऐसे में यदि आपकी प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स नहीं है तो नोर्मल डिलीवरी होने के चांस होते हैं। लेकिन यदि प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स हैं या गर्भ में शिशु उल्टा है तो ऐसे में नोर्मल डिलीवरी का चांस लेने के कारण शिशु और महिला दोनों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे की गर्भनाल के दबने के कारण शिशु तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुँच पाती है, शिशु के मानसिक विकास पर असर पड़ सकता है, शिशु के कूल्हे व् जांघ की हड्डी से जुडी परेशानी हो सकती है, आदि। इसीलिए डॉक्टर्स से इस मामले में राय लेना बहुत जरुरी होता है, और ज्यादातर डॉक्टर्स शिशु के गर्भ में उल्टा होने पर सिजेरियन डिलीवरी की ही राय देते हैं।

शिशु के गर्भ में उल्टा होने पर क्या करना चाहिए

यदि आप अल्ट्रासॉउन्ड के माध्यम से या डॉक्टरी जांच के दौरान यह पता चला है की आपका शिशु गर्भ में उल्टा है तो आपको कुछ बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की शिशु के गर्भ में उल्टा होने पर क्या करना चाहिए।

डॉक्टर से राय

यदि प्रेगनेंसी के पहले या दूसरे अल्ट्रासॉउन्ड के दौरान या जांच के समय आपको पता चलता है की गर्भ में शिशु की पोजीशन उल्टी है तो आपको डॉक्टर के संपर्क में रहना चाहिए, क्योंकि शिशु का आकर कम होने के कारण शिशु की पोजीशन में बदलाव लाने के लिए आप क्या कर सकती है। इसके लिए डॉक्टर आपको बेहतर तरीके से राय दे सकते हैं।

एक्सरसाइज

कुछ ऐसी एक्सरसाइज होती है जिन्हे यदि गर्भवती महिला गर्भ में शिशु के उल्टे होने पर करती है तो इससे गर्भ में शिशु की पोजीशन की सही करने में मदद मिलती है। ऐसे में इन एक्सरसाइज के बारे में एक बार डॉक्टर से बात करनी चाहिए और डिलीवरी का समय पास आने तक इन्हे नियमित रूप से करना चाहिए।

एक्टिव रहें

यदि गर्भवती महिला एक्टिव रहती है तो इससे गर्भ में पल रहे शिशु को बेहतर मूवमेंट करने में मदद मिलती है, जिससे उसकी पोजीशन में बदलाव आने के चांस बढ़ सकते हैं, लेकिन इस बात का धयान रखें की पेट पर किसी भी तरह का दबाव या जोर न पड़े।

तनाव न लें

शिशु की गर्भ में पोजीशन को जानने के बाद महिला को तनाव लेने से बचना चाहिए, क्योंकि तनाव गर्भवती महिला और गर्भ में शिशु की मुश्किलों को बढ़ा सकता है। गर्भ में शिशु को कोई समस्या न हो, डिलीवरी के दौरान महिल को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े इसके लिए गर्भवती महिला को तनाव नहीं लेना चाहिए, और जितना हो सके खुश रहने की कोशिश करनी चाहिए।

एक्सटर्नल सफालिक वर्शन

इस प्रक्रिया को CVC के नाम से जाना जाता है, इसका इस्तेमाल भी गर्भ में शिशु की पोजीशन को सही करने के लिए किये जाता है। यदि गर्भवती महिला व्यायाम नहीं कर पाती है इस प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी परेशानियों का सामना करती है तो ऐसे में डॉक्टर एक्सटर्नल सफालिक वर्शन नामक प्रक्रिया की सलाह भी देते है। और इस प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर अपने हाथों से महिला के पेट के बाहर से ही बच्चे को सीधा करने की कोशिश करते है और यह सब डॉक्टर प्रेगनेंसी के आखिरी हफ़्तों में करते है, और ऐसा भी जरुरी नहीं होता है की इससे यह सही हो जाएगा।

तो यह हैं गर्भ में शिशु की पोजीशन से जुडी कुछ बातें ऐसे में यदि आप गर्भवती है और आप भी गर्भ में शिशु की पोजीशन को लेकर चिंतित है। तो इसके लिए एक बार डॉक्टर से राय लेनी चाहिए साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान अपनी बेहतर तरीके से केयर करनी चाहिए ताकि गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।

Comments are disabled.