गर्भावस्था के पूरे समय महिला को सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है क्योंकि महिला जितनी सावधानी बरतती है जितना अच्छे से अपना ख्याल रखती है। उतना ही गर्भवती महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है साथ ही गर्भ में पल रहे शिशु का विकास बेहतर तरीके से होता है। इसके अलावा जैसे जैसे महिला की डिलीवरी का समय नजदीक आता है उस दौरान महिला को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।
क्योंकि इस दौरान बरती गई लापरवाही का असर गर्भ में पल रहे शिशु पर बुरा असर डाल सकता है, डिलीवरी में कॉम्प्लीकेशन्स खड़ी कर सकता है, आदि। साथ ही डिलीवरी का समय पास आने पर महिला को प्रसव पीड़ा के लक्षणों के बारे में जान लेना चाहिए ताकि जब भी महिला को प्रसव पीड़ा हो तो महिला तुरंत इलाज करवा सके जिससे माँ और बच्चे दोनों को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं आये। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको अचानक से प्रसव पीड़ा शुरू होने पर महिला को क्या-क्या करना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
घबराएं नहीं
यदि महिला को अपने शरीर में प्रसव के लक्षण महसूस हो रहे हैं या प्रसव पीड़ा शुरू हो गई तो महिला को घबराना नहीं चाहिए। क्योंकि घबराने की वजह से दिमाग काम करना बंद कर देता है जिसके कारण आपको आगे क्या करना है वो आप सोच नहीं पाते हैं। ऐसे में प्रसव पीड़ा के शुरू होने पर महिला को रिलैक्स रहे और सोचें की आपको क्या सबसे पहले करना है जैसे की डॉक्टर को फ़ोन, घर के सदस्य को बुलाना है, डिलीवरी बैग को लाना है, आदि। ताकि आप बिना घबराये आराम से जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुँच सकें।
चिल्लाएं नहीं
यह बात बिल्कुल सही है की प्रसव पीड़ा के दौरान होने वाला दर्द असहनीय होता है लेकिन यह बात भी उतनी ही सच है की इस दौरान महिला जितना धैर्य से काम लेती है उतना ही महिला को अपनी दिक्कत को कम करने में मदद मिलती है। साथ ही यदि महिला ज्यादा चिल्लाने लग जाती है तो महिला थक जाती है जिसके कारण महिला को ही बाद में दिक्कत का सामना करना पड़ता है। ऐसे में प्रसव पीड़ा के होने पर महिला को ज्यादा चिल्लाना नहीं चाहिए।
लम्बी साँसें लें
प्रसव पीड़ा शुरू होने पर महिला को कोशिश करनी चाहिए की महिला लम्बी लम्बी साँसे लें। ऐसा करने से महिला को दर्द को कण्ट्रोल करने में मदद मिलती है जिससे महिला को घबराहट व् चिल्लाने जैसी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है।
जल्दबाज़ी नहीं करें
प्रसव पीड़ा के होने के बाद महिला को जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए क्योंकि ऐसा नहीं है की पीड़ा शुरू होने के बाद ही आपको बच्चा हो जायेगा। बल्कि महिला को आराम से धैर्य से काम लेना चाहिए। इसके अलावा जितना महिला इस समय आराम से धैर्य से काम लेती है उतना ही महिला को दिक्कत कम होती है।
जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंचें
प्रसव पीड़ा के शुरू होने पर जितना जल्दी हो सके आपको हॉस्पिटल पहुँचने की कोशिश करनी चाहिए। और इसके लिए घर में जो भी सदस्य मौजूद है आप उसके साथ जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुंच जाये। और घर से निकलने के साथ ही हॉस्पिटल में फ़ोन कर दें ताकि आपको जल्दी से ट्रीटमेंट मिल सके। साथ ही इस बता का ध्यान रखें की डिलीवरी का समय पास आने पर अकेले न रहे क्योंकि अकेले रहने पर आपको प्रसव पीड़ा के समय ज्यादा दिक्कत हो सकती है।
हॉस्पिटल पहुँचने पर आसानी से डिलीवरी हो इसके लिए ध्यान रखें
हॉस्पिटल पहुँचने के बाद भी महिला को ऊपर बताये गए टिप्स का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि जितना महिला रिलैक्स होती है, चिल्लाती नहीं है उतना ही महिला को डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलती है।
तो यह हैं कुछ बातें जिनका ध्यान गर्भवती महिला को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू होने पर रखना चाहिए। क्योंकि इन टिप्स का ध्यान रखने से डिलीवरी के दौरान महिला को कोई दिक्कत नहीं होती है साथ ही यदि महिला इस दौरान लापरवाही करती है, ज्यादा घबरा जाती है। तो इसके कारण महिला को ज्यादा दिक्कत हो सकती है। ऐसे में जितना हो सके महिला को रिलैक्स रहने की कोशिश करनी चाहिए।