गर्भावस्था के 7 से 9 महीने गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में आते हैं और यह महिला बहुत ही नाजुक होने के साथ सबसे अहम भी होते हैं। क्योंकि इस दौरान महिला की शारीरिक परेशानियां बढ़ सकती है साथ ही महिला का वजन बढ़ चूका होता है और पेट बाहर निकलने के कारण भी महिला को दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा इस दौरान शिशु का शारीरिक विकास भी तेजी से हो रहा होता है।
ऐसे में महिला के लिए बहुत जरुरी होता है की महिला अपना तिगुना ध्यान रखे ताकि माँ या बच्चे को किसी तरह की दिक्कत नहीं हो साथ ही डिलीवरी में भी किसी तरह की परेशानी का सामना महिला को नहीं करना पड़े। तो आइये अब इस आर्टिकल में प्रेग्नेंट महिला को तीसरी तिमाही में किन किन सावधानियों को बरतना चाहिए उसके बारे में बताने जा रहे हैं।
पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लें
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में गर्भ में शिशु का विकास तेजी से हो रहा होता है, महिला की शारीरिक दिक्कतें बढ़ सकती है, डिलीवरी के लिए महिला के शरीर को ज्यादा ऊर्जा की जरुरत होती है। ऐसे में इन सभी के लिए प्रेग्नेंट महिला को अपनी डाइट में पोषक तत्वों को शामिल करना चाहिए और समय से अपने खाने पीने का ध्यान रखना चाहिए।
थोड़ा थोड़ा करके खाएं
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में महिला की पाचन सम्बन्धी परेशानियां बढ़ सकती है। जिसके कारण महिला को एसिडिटी, कब्ज़ जैसी परेशानियां अधिक हो सकती है। ऐसे में इन परेशानियों से बचे रहने के लिए महिला को फाइबर युक्त डाइट लेनी चाहिए साथ ही थोड़ा थोड़ा करके खाना चाहिए ताकि खाने को आसानी से हज़म होने में मदद मिल सके।
पेट के बल कोई काम नहीं करें
प्रेग्नेंट महिला का सातवें से नौवें महीने में पेट ज्यादा बाहर की और निकल सकता है ऐसे में महिला को बिल्कुल भी पेट के बल काम नहीं करना चाहिए। जैसे की रसोई में काम करते समय महिला शेल्फ के साथ सटकर काम करती है तो महिला को ऐसे कामों को करने से बचना चाहिए। क्योंकि पेट के बल काम करने से पेट पर दबाव बढ़ता है जिसके कारण माँ और बच्चे दोनों को दिक्कत हो सकती है।
कैफीन का सेवन नहीं करें
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला को कैफीन युक्त चीजों का सेवन करने से भी बचना चाहिए। क्योंकि कैफीन का सेवन करने से गर्भवती महिला को तरह तरह की दिक्कतें हो सकती हैं। जैसे की महिला को पाचन क्रिया से सम्बंधित परेशानी बढ़ सकती है, शिशु के विकास में रूकावट आ सकती है, चक्कर घबराहट आदि महसूस हो सकता है, आदि।
नशे से दूरी रखें
किसी भी तरह का नशा हो चाहे वो धूम्रपान हो, अल्कोहल हो उन सभी से गर्भवती महिला को दूरी रखनी चाहिए साथ ही जहां कोई इन चीजों का सेवन कर रहा हो उस जगह पर भी प्रेग्नेंट महिला को नहीं जाना चाहिए। क्योंकि यह माँ और बच्चे दोनों के लिए नुकसानदायक होता है।
ट्रैवेलिंग से बचें
गर्भावस्था की तीसरी तिमाही में वजन बढ़ने के कारण महिला को वैसे भी उठने बैठने में दिक्कत होती है। ऐसे में महिला यदि ट्रैवेलिंग करती है तो इससे महिला के साथ शिशु को दिक्कत होने का खतरा भी होता है। इसीलिए गर्भवती महिला को जितना हो सके ट्रैवेलिंग करने से बचना चाहिए।
तनाव से बचें और खुश रहें
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला को अपने आप को पॉजिटिव रखना चाहिए, अच्छा सोचना चाहिए, खुश रहना चाहिए, बिल्कुल भी टेंशन नहीं लेनी चाहिए। यदि महिला इन बातों का ध्यान रखती है तो इससे माँ और बच्चे दोनों को फायदा मिलता है।
बच्चे की हलचल का ध्यान रखें
गर्भावस्था के आठवें से नौवें महीने में महिला को शिशु की हलचल का भी खास ध्यान रखना चाहिए की शिशु गर्भ में कितनी देर तक हलचल कर रहा है। और यदि कभी आपको लम्बे समय तक शिशु की हलचल महसूस नहीं हो तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
प्रसव की जानकारी इक्कठी करें
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान प्रसव की जानकारी इक्कठे करते रहना चाहिए क्योंकि जितना महिला के पास प्रसव की जानकारी होती है उतना ही महिला को प्रसव को आसान बनाने में मदद मिलती है। या फिर महिला के मन में प्रसव को लेकर यदि कुछ सवाल होते हैं तो उनके बारे में भी महिला को डॉक्टर से जरूर पूछना चाहिए।
झुककर काम करने से बचें
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला को ऐसा कोई भी काम करने से बचना चाहिए जैसे की बाथरूम साफ़ करना, पोछा लगाना, कपडे धोना, आदि। जिसमे महिला को झुकना पड़े क्योंकि इसके कारण पेट पर दबाव पड़ सकता है। जिसके कारण महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
ज्यादा चलना फिरना बंद करें
गर्भवती महिला के लिए थोड़ा बहुत चलना फिरना अच्छी बात होती है लेकिन महिला को ज्यादा चलने फिरने व् भागदौड़ करने से बचना चाहिए। क्योंकि इनके कारण महिला को शारीरिक परेशानियां जैसे की सूजन, जोड़ो में दर्द आदि हो सकता है।
पहनावा सही रखें
इस दौरान महिला को ज्यादा टाइट, चुभने वाले कपडे नहीं पहनने चाहिए साथ ही महिला को ज्यादा ऊँचे जूते चप्पल नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि इनके कारण महिला और बच्चे को दिक्कत होने का खतरा रहता है।
अपना रूटीन चेकअप समय से करवाएं
गर्भवस्था की तीसरी तिमाही में महिला के जितने टेस्ट होते हैं, स्कैन होते हैं, रूटीन चेकअप होते हैं उन्हें महिला को समय से करवाना चाहिए। ताकि महिला को प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो।
पीठ के बल नहीं सोएं
गर्भवती महिला को इस दौरान पीठ के बल नहीं सोना चाहिए क्योंकि पीठ के बल सोने से गर्भाशय का सारा भार पीठ पर आ जाता है जिसके वजह से महिला को कमर दर्द की समस्या अधिक हो सकती है। साथ ही सिर से लेकर पैरों तक ब्लड फ्लो सही नहीं होने के कारण महिला को सूजन जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
डिलीवरी बैग तैयार रखें
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में महिला को डिलीवरी बैग भी तैयार कर लेना चाहिए जिसमे प्रसव के समय हॉस्पिटल में जिन जिन चीजों की जरुरत पड़ सकती है उन्हें रखना चाहिए। ताकि जैसे ही हॉस्पिटल जाना पड़े तो महिला को कोई दिक्कत नहो बल्कि बस महिला बैग उठायें और आराम से बिना किसी टेंशन के चली जाये।
प्रसव का कोई भी लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर के पास जाएँ
प्रेगनेंसी की तीसरी तिमाही में कभी भी महिला को शरीर में प्रसव का कोई भी लक्षण महसूस हो रहा है जैसे की एमनियोटिक बैग फटने के कारण पानी निकल रहा है, ब्लीडिंग हो रही है, पेट या कमर में तेज दर्द हो रहा है, पेल्विक एरिया पर ज्यादा दबाव महसूस हो रहा है तो महिला को इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। और जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से मिलना चाहिए ताकि डिलीवरी में किसी भी तरह की कम्प्लीकेशन नहीं आये।
तो यह हैं कुछ सावधानियां जो प्रेगनेंसी के तीसरे ट्राइमेस्टर में महिला को बरतनी चाहिए। यदि महिला इन बातों का ध्यान रखती है तो इससे गर्भवती महिला को शिशु को स्वस्थ रहने, परेशानियों से बचें रहने और डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलती है।
Precautions during third trimester of pregnancy