गर्भावस्था का नौवां महीना लगते ही महिला को डिलीवरी को लेकर मन में डर होने के साथ आने वाले बच्चे को लेकर मन में उत्साह भी बढ़ जाता है। क्योंकि नौवें महीने लगने के बाद कभी भी डिलीवरी हो सकती है। ऐसे में महिला के लिए जरुरी होता है की महिला अपना अच्छे से ध्यान रखें ताकि डिलीवरी में कोई दिक्कत नहीं आये साथ ही महिला को स्वस्थ रहने में भी मदद मिल सकें। लेकिन इस दौरान महिला का वजन बढ़ने के कारण महिला को थोड़ी दिक्कतें भी हो सकती है लेकिन फिर भी महिला को कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए।
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में कौन कौन सी दिक्कतें आ सकती है?
- महिला का वजन बढ़ने के कारण महिला को उठने, बैठने चलने, लेटने आदि में दिक्कत हो सकती है।
- प्रेगनेंसी के नौवें महीने में पैरों पर दबाव ज्यादा बढ़ने के कारण महिला को पैरों में सूजन व् दर्द की समस्या अधिक हो सकती है।
- बच्चे का वजन बढ़ने के कारण पेट के निचले हिस्से पर दबाव भी बढ़ जाता है ऐसे में महिला को थोड़ी थोड़ी देर में यूरिन पास करने की इच्छा हो सकती है।
- कुछ महिलाओं को इस दौरान कब्ज़ व् पाचन सम्बन्धी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
- नौवें महीने में महिला को डिलीवरी के बारे में सोच सोच कर थोड़ा स्ट्रेस भी हो सकता है।
- इस दौरान शिशु अपने जन्म लेने की सही पोजीशन में आ चूका होता है जिसकी वजह से शिशु की हलचल में कमी आ सकती है ऐसे में महिला थोड़ा घबरा भी सकती है लेकिन इसमें कोई घबराने की बात नहीं होती है।
प्रेग्नेंट महिला को नौवें महीने में किन -किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
गर्भवती महिला को नौवें महीने में कुछ बातों का खास ध्यान रखना चाहिए ताकि माँ व् बच्चे दोनों को कोई दिक्कत नहीं हो और महिला की डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिल सकें।
डिलीवरी बैग पैक कर लें
सबसे पहले तो महिला को हॉस्पिटल लेकर जाने वाला बैग पहले से ही तैयार कर लेना चाहिए जिसमे आपके सारे जरुरी कागज़, महिला व् बच्चे के लिए सभी जरुरी सामान आदि हो। ताकि जैसे ही आपको लेबर पेन शुरू हो तो आपको कुछ इक्कठा नहीं करना पड़े बस आप जल्द से जल्द हॉस्पिटल पहुँच जाएँ।
स्ट्रेस नहीं लें
अधिकतर महिलाएं खासकर जिन महिलाओं की पहली डिलीवरी होती है या फिर प्रेगनेंसी में दिक्कतें अधिक होती है और डिलीवरी के समय के पास आने पर बहुत ज्यादा तनाव में आ जाती है। महिलाओं को ऐसे में बिल्कुल भी स्ट्रेस नहीं लेना चाहिए बल्कि रिलैक्स रहना चाहिए क्योंकि तनाव से डिलीवरी में दिक्कतें बढ़ती है वहीँ महिला के शांत रहने से डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलती है।
पानी भरपूर पीएं
महिला को नौवें महीने शरीर में पानी की कमी बिल्कुल नहीं होने देनी चाहिए क्योंकि पानी की कमी के कारण महिला और शिशु दोनों की दिक्कतें बढ़ सकती है। ऐसे में महिला को आठ दस गिलास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।
जल्दबाज़ी नहीं करें
प्रेगनेंसी का नौवां महीना बहुत ही ज्यादा ध्यान रखने वाला होता है ऐसे में महिला को किसी भी काम में जल्दबाज़ी नहीं करनी चाहिए। जैसे की महिला को अचानक से या तेजी से उठना, बैठना नहीं चाहिए बल्कि किसी चीज का सहारा लेकर आराम से उठना बैठना चाहिए। ज्यादा तेजी से चलना नहीं चाहिए, किसी भी काम को करने में तेजी नहीं करनी चाहिए, आदि। क्योंकि ऐसा करने से गर्भ में पल रहे शिशु को दिक्कत महसूस हो सकती है।
पेट पर दबाव नहीं डालना चाहिए
प्रेग्नेंट महिला को इस दौरान कोई भी ऐसा काम नहीं करना चाहिए जिससे की महिला के पेट पर दबाव पड़े। क्योंकि इसकी वजह से गर्भ में शिशु को दिक्कत महसूस हो सकती है।
नोर्मल डिलीवरी के लिए शरीर पर जोर नहीं डालें
बहुत सी महिलाएं यही चाहती हैं की वो सामान्य प्रसव से शिशु को जन्म दें। और इसके लिए वो नौवें महीने में शरीर पर कई बार जोर भी डालने लगती है जैसे की पोछा लगाना शुरू कर देती हैं लेकिन महिला को ऐसा करने से बचना चाहिए। क्योंकि ऐसा करने की वजह से आपको या शिशु को नुकसान पहुँचने का खतरा रहता है।
खाना पीना अच्छा रखें
नौवें महीने में महिला को अपने ख़ान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेनी चाहिए ताकि डिलीवरी के समय महिला के शरीर में आयरन की कमी नहीं हो, महिला को डिलीवरी के लिए एनर्जी मिल सकें, आदि। लेकिन साथ ही ध्यान रखें की महिला ऐसी डाइट नहीं लें जिसे खाने से महिला को पेट सम्बन्धी परेशानी अधिक हो।
इन चीजों का सेवन नहीं करें
ज्यादा चाय कॉफ़ी, नशीले पदार्थ, कच्चा मास व् अंडा, जंक फ़ूड, ज्यादा तेल मसाले आहार, बासी खाना, डिब्बाबंद आहार आदि का सेवन महिला को प्रेगनेंसी के नौवें महीने में नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से महिला की सेहत सम्बन्धी परेशानियां बढ़ सकती है।
थोड़ा वाक जरूर करें
नौवें महीने में महिला को थोड़ी देर सुबह शाम चहलकदमी जरूर करनी चाहिए ताकि शरीर में ब्लड फ्लो को बेहतर होने में मदद मिल सकें। इसके अलावा वाक करने से महिला के शरीर की अन्य प्रक्रियाओं को भी सही तरीके से काम करने में मदद मिलती है।
अकेली नहीं रहें
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में महिला को अकेले नहीं रहना चाहिए बल्कि घर वालों के साथ रहना चाहिए क्योंकि इससे महिला का तनाव कम होता है साथ ही यदि डिलीवरी का समय पास हो तो आपको तुरंत ही डॉक्टर के पास पहुंचा दिया जाता है।
नेगेटिव नहीं सोचें
डिलीवरी को लेकर यदि आपके मन में में कोई डर है तो आपको उस डर को दूर करना चाहिए और नेगेटिव बिल्कुल भी नहीं सोचना चाहिए क्योंकि यदि आप पॉजिटिव रहती हैं। तो इससे आपको अपनी डिलीवरी को आसान बनाने में मदद मिलती है।
आराम करना नहीं भूलें
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में थोड़ा काम करने के बाद ही महिला को थकावट महसूस हो सकती है ऐसे में महिला इस बात का ध्यान रखें की अपने शरीर को ज्यादा थकाएं नहीं बल्कि ज्यादा से ज्यादा आराम करें। ताकि महिला को रिलैक्स व् ऊर्जा से भरपूर रहने में मदद मिल सकें। साथ ही यदि महिला को इस दौरान बेहतर नींद लेने के लिए प्रेगनेंसी पिल्लो का इस्तेमाल करना चाहिए।
प्रसव की जानकारी इक्कठी करें
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में महिला को प्रसव से जुडी साड़ी जानकारी इक्कठी कर लेनी चाहिए ताकि महिला को प्रसव के लक्षणों को समझने में आसानी हो। जिससे महिला को जैसे ही लेबर पेन शुरू हो तो बिना देरी किये आप तुरंत डॉक्टर तक पहुँच जाएँ।
सम्बन्ध बनाने से बचें
प्रेगनेंसी के नौवें महीने में महिला को अपने पार्टनर के साथ सम्बन्ध बनाने से भी बचना चाहिए क्योंकि इस दौरान महिला का पेट पूरी तरह बाहर होता है ऐसे में थोड़ी सी चूक गंभीर समस्या खड़ी कर सकती है।
तो यह हैं कुछ बातें जिनका ध्यान गर्भवती महिला को नौवें महीने में जरूर रखना चाहिए ताकि महिला व् शिशु को स्वस्थ रहने में मदद मिल सकें। इसके अलावा गर्भवती महिला को शरीर में कुछ भी असहज महसूस हो तो आपको एक बार डॉक्टर से बात जरूर करनी चाहिए।
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