गर्भावस्था में पानी
प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को पोषक तत्वों से भरपूर आहार का सेवन करने के साथ भरपूर मात्रा में तरल पदार्थ जैसे की पानी, जूस, नारियल पानी, दूध आदि का सेवन करने की सलाह दी जाती है। क्योंकि जितना गर्भवती महिला के लिए आहार जरुरी होता है उतना ही बॉडी में पानी की मात्रा का पूरा होना भी जरुरी होता है। साथ ही बॉडी के हाइड्रेट रहने के कारण गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान बहुत सी परेशानियों से निजात मिलने के साथ गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर विकास में भी मदद मिलती है। इसीलिए डॉक्टर्स भी प्रेग्नेंट महिला को दिन में आठ से दस गिलास पानी का सेवन करने के साथ जूस, दूध पीने की सलाह भी देते हैं।
प्रेगनेंसी में पानी कम पीने से होने वाले नुकसान
हर गर्भवती महिला चाहती है की उसके गर्भ में पल रहे शिशु को किसी भी तरह की समस्या न हो और साथ ही उसके विकास में भी किसी भी तरह की कमी न आए। ऐसे में जरुरी है की महिला खाने के साथ बॉडी को हाइड्रेट रखें क्योंकि गर्भवती महिला के शरीर में होने वाली पानी की कमी के कारण गर्भवती महिला को बहुत सी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। तो आइये अब विस्तार से की प्रेगनेंसी के दौरान बॉडी में पानी की कमी के कारण कौन कौन सी परेशानी हो सकती है।
सिर दर्द व् चक्कर
पानी की कमी बॉडी में होने के कारण आपको बहुत ज्यादा थकावट का अनुभव हो सकता है। जिसके कारण सिर में दर्द चक्कर जैसी परेशानी का सामना भी महिला को करना पड़ सकता है। इसके अलावा पानी की कमी के कारण बॉडी के अन्य पार्ट्स में भी दर्द की समस्या हो सकती है।
कब्ज़
प्रेगनेंसी के दौरान कब्ज़ की समस्या होना आम बात होती है लेकिन यदि बॉडी में पानी की कमी हो जाती है तो आपकी यह परेशानी बढ़ सकती है। क्योंकि पानी की कमी के कारण बॉडी से विषैले पदार्थ बाहर नहीं निकल पाते हैं, और पेट के अच्छे से साफ़ न होने के कारण पाचन क्रिया भी धीमी पड़ने लगती है जिसके कारण कब्ज़ जैसी परेशानी अधिक हो सकती है।
इन्फेक्शन
बॉडी में पानी की कमी होने के कारण प्रेग्नेंट महिला को यूरिन अधिक नहीं आता है। जिसके कारण विषैले पदार्थ बॉडी से निकलने की बजाय बॉडी में ही एकत्रित होने लगते हैं। और यूरिन इन्फेक्शन या किसी अन्य इन्फेक्शन होने का खतरा बना रहता है।
ऊर्जा में कमी
गर्भवती महिला यदि भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करती है तो इससे बॉडी में ऊर्जा को भरपूर रखने में मदद मिलती है। लेकिन यदि गर्भवती महिला पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में नहीं करती है तो इसके कारण बॉडी में एनर्जी की कमी हो सकती है, जिसके कारण शरीर के अन्य अंगो में दर्द की समस्या भी हो सकती है।
सूजन
शरीर में पानी की कमी के कारण गर्भवती महिला को सूजन जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है। और अंगो में सूजन के साथ दर्द का अहसास भी हो सकता है।
गर्भपात
प्रेग्नेंट महिला यदि भरपूर मात्रा में पानी का सेवन नहीं करती है तो इसके कारण गर्भपात जैसी परेशानी का सामना भी महिला को करना पड़ सकता है। क्योंकि पानी की कमी के कारण गर्भनाल जिससे की भ्रूण के विकास के लिए पोषक तत्व, ऑक्सीजन, ब्लड आदि पहुंचाया जाता है वह सूखने लगती है। और शिशु को पर्याप्त पोषण न मिलने के कारण महिला को गर्भपात का खतरा रहता है। इसके अलावा गर्भवती महिला की बॉडी में से ज्यादा हीट निकलती है और पानी की कमी के कारण बॉडी का तापमान बढ़ सकता है जिसके कारण भी महिला को गर्भपात जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
शिशु की मूवमेंट कम
शरीर में पानी की कमी के कारण एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा में भी कमी आ सकती है। और एमनियोटिक फ्लूड की मदद से ही शिशु गर्भ में हलचल करता है, ऐसे में यदि एमनियोटिक फ्लूड की मात्रा में कमी होती है तो इससे शिशु की हलचल गर्भ में कम महसूस हो सकती है।
शिशु का विकास
पानी की कमी के कारण गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में भी कमी आ सकती है। क्योंकि गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी होने के कारण गर्भनाल सूखने लगती है। और शिशु तक पर्याप्त पोषण नहीं पहुँचता है जिसके कारण शिशु के विकास में कमी आ सकती है।
डिलीवरी
गर्भवती महिला के शरीर में पानी की कमी होने के कारण महिला को मांसपेशियों में खिंचाव का अनुभव होने के कारण समय से पहले डिलीवरी होने के चांस भी बढ़ जाते हैं।
तो यह हैं कुछ परेशानियां जो गर्भवती महिला को पानी का सेवन कम करने से हो सकती है। ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान इन परेशानियों से बचे रहने के लिए और गर्भ में शिशु के बेहतर विकास के लिए पानी का सेवन पर्याप्त मात्रा में करना चाहिए। और दिन में कम से कम आठ से दस गिलास पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।