Pregnancy and Urination

गर्भवस्था में अक्सर कुछ महिलाओं को बार बार पेशाब आता है। कुछ महिलाओं को दिन रात दोनों समय में बार बार बाथरूम जाने की आवश्यकता पड़ती है। प्रेगनेंसी में शुरूआती तीन महीनों में बार बार यूरिनेशन की समस्या साधारण माना जाता है। उसके बाद इस समस्या में कुछ दिनों के लिए आप आराम महसूस करेंगे। पर यह आराम ज्यादा दिनों के लिए नहीं होता है। गर्भावस्था के आखिरी के तीन महीनों में जब गर्भाशय का आकर बढ़ने लगता है। भूर्ण का विकास अच्छे से होने लगता है तब भी बार बार पेशाब आने के समस्या आ जाती है।

बताया जाता के जब बॉडी में ब्लड की मात्रा बढ़ जाती है। इस एक्स्ट्रा ब्लड फ्लो के लिए किडनी को ज्यादा फ्लूइड पैदा करना पड़ता है, और वही एक्स्ट्रा फ्लूइड हमारे ब्लैडर में आकर इकट्ठा हो जाता है जिस कारण हमे बार बार पेशाब आने लगता है। इसके अलावा गर्भावस्था में एच सी जी हार्मोन्स बढ़ने से भी बार बार यूरिनेशन की समस्या होने लगती है। जब हमारा गर्भाशय का आकर बढ़ जाता है तो ब्लैडर में यूरिन के लिए बहुत कम जगह बचती है इस कारण में भी हर थोड़ी देर में हमें पेशाब आने लगता है।

इन सभी कारणों के अतिरिक्त हर महिला के मेडिकल कंडीशन अलग होती है। और हर गर्भवती महिला की गर्भावस्था की प्रक्रिया भी दूसरी महिलाओं से अलग होती है। ऐसा जरुरी नहीं के हर गर्भवती महिला को शुरआती दिनों में बार बार यूरिनेशन की प्रॉब्लम हो ही। गर्भवस्था में शुरूआती महीनों और आखिरी के महीनों में अगर बार बार पेशाब ना आये तो इसका मतलब ये नहीं कुछ चिंता की बात है। फिर भी अगर आप को गर्भावस्था के दौरान किसी भी चीज को लेकर कुछ सवाल हो तो अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें। प्रेगनेंसी में किसी भी बात स्ट्रेस ना लें।

इसके अलावा बार बार पेशाब कर के आने के बाद भी आपको ऐसा लगे की अभी भी आपका ब्लैडर फूल है। या फिर यूरिनेशन करते समय किसी तरह की कोई परेशानी हो तो अपने डॉक्टर से जरूर मिले। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है।

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