हम सभी जानते है के पुरे भारत में लॉक डाउन की स्थिति है। किसी को भी बिना कारण घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है। जो के पूरी तरह सहीं भी कोरोना वायरस से बचने के लिए हम सभी को अपने घरो में रहना चाहिए। इस लॉक डाउन की स्तिथि देखते हुए ज्यादातर अस्पतालों में सिर्फ इमरजेंसी मरीज ही देखे जा रहे है। लेकिन एक प्रेग्नेंट महिला के लिए ऐसे में बहुत समस्या आ गयी है के वह डॉक्टर से कैसे मिले और कैसे अपने और होने वाली शिशु की सेहत के बारे में जाने।
मौजूदा स्थिति को देखते हुए बहुत से प्राइवेट हॉस्पिटल ने तो मरीजों का ऑनलाइन कंसल्टेशन भी शुरू कर दिया है। कई डॉक्टर फ़ोन पर ही अपने रोगी से बात कर रहे है। अगर आपके साथ भी कुछ ऐसी ही स्थिति आ गयी है तो पहले अपने डॉक्टर से फोन पर बात करें। अपनी प्रोब्लेम्स डॉक्टर से फोन पर या ऑनलाइन एप्प के माध्यम से बताये। किसी कारणवंश यदि आपके पास अपने डॉक्टर का फोन नम्बर नहीं है तो हॉस्पिटल फ़ोन करके बात करें, वहा से मदद लें।
इस समय में सभी लोगों की तरह प्रेग्नेंट महिला का भी घर से बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है। जहां तक हो सके डॉक्टर से घर से कंसल्ट करने की कोशिश करें। परन्तु फिर भी आप अपने डॉक्टर से बात करने में असमर्थ है गर्भावस्था के दौरान ली जाने वाली दवाइयाँ भी खत्म हो रही है तो बिना देर किये अपने डॉक्टर का अपॉइंटमेंट ले। और समय पर जाकर अपने डॉक्टर से जरूर मिले। यदि आपको रास्ते में कोई सुरक्षाकर्मी रोकते है तो उन्हें अपने मैडिकल पेपर्स दिखाएँ। उन्हें अपना अपॉइंटमेंट पेपर दिखाए ऐसे में सुरक्षाकर्मी आपको हॉस्पिटल जान की अनुमति देंगे और साथ ही आपकी मदद भी करेंगे।
डॉक्टर से मिलने पर उन्हें अपनी प्रोब्लेम्स विस्तार में बताये और मौजूदा हालात को देखते हुए थोड़े लम्बे समय की दवाइयाँ लिखवायें। कहने का मतलब यह है के अगर पहले आप डॉक्टर से हर 15 दिनों के अंतराल पर मिलते थे और डॉक्टर आपको हर 15 दिन की दवाइयों लेने की लिए लिखते थे लेकिन अब कम से कम एक महीने की एक साथ दवाइयां लिखवायें। जिससे की आपको जल्दी जल्दी घर से बाहर ना निकलना पड़े। इसके अतिरिक्त यदि कोई समस्या आये तो उसके लिए अपने डॉक्टर का भी फोन नंबर लेकर रख लें। और अपने डॉक्टर से भी खुल कर सारी बात कर लें।
इन सभी बातो के अलावा घर से बाहर निकलते हुए पूरी सावधानी बरते। अपने बालों, मुँह और हाथों को अच्छे से ढक कर जाए। अपने साथ रुमाल के स्थान पर पेपर टिश्यू का पैकेट रखें। जरुरत पड़ने पर टिश्यू का इस्तेमाल कर उसे डस्टबिन में फेंक दे। घर पर वापस आते ही नहाये और कपड़े भी बदलें।