गर्भवस्था का तीसरा महीना
प्रेग्नेंसी का समय बढ़ने के साथ- साथ गर्भवती महिला की परेशानियां भी बढ़ने लगती है। साथ ही इस दौरान गर्भ में पल रहे शिशु का विकास कितना हो गया है इसे जानने के लिए भी उत्सुक रहती है। प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में कुछ शारीरिक परेशानियां भी बढ़ सकती हैं जैसे की गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण, HCG हॉर्मोन का उत्पादन तेजी से होने के कारण बार बार यूरिन आने की समस्या, मॉर्निंग सिकनेस, ज्यादा थकान व् कमजोरी का अनुभव होना, नींद अधिक आना, हार्मोनल बदलाव के कारण, पाचन क्रिया धीमी होने के कारण कब्ज़ की समस्या का बढ़ना, पैरों में ऐंठन व् दर्द महसूस होना, पेट व् कमर में दर्द रहना, बार-बार खाने की इच्छा होना या भूख में कमी, मूड स्विंग्स आदि। ऐसे में गर्भवती महिला को अपनी ज्यादा केयर करनी चाहिए ताकि शिशु के विकास में किसी भी तरह की कमी न आए। साथ ही इस महीने में आप चाहे तो डॉक्टर की मदद से शिशु के दिल की धड़कन को भी सुन सकती है।
गर्भावस्था के तीसरे महीने में शिशु का विकास
इस महीने में शिशु का आकार लगभग एक बड़े नींबू के जितना हो जाता है। साथ ही शिशु के लगभग सभी अंग बन जाते हैं जैसे की हाथ, पैर, उंगलियां, अंगूठे, सिर, दांतों का विकास, किडनी, आँखे आदि, लेकिन अभी शिशु की स्किन बहुत नाजुक, मुलायम, पतली होती है। इस समय शिशु की बॉडी में ब्लड फ्लो भी बेहतर तरीके से होने शुरू हो जाता है। इसके अलावा शिशु गर्भ में हिचकियाँ लेना, मुट्ठी खोलना व् बंद करने जैसी हरकतें भी कर सकता है।
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में शिशु का वजन
गर्भावस्था के तीसरे महीने में शिशु का वजन लगभग अठाइस (28) ग्राम तक हो जाता है। और इस समय शिशु की लम्बाई लगभग 2 से 3 इंच तक हो जाती है। ऐसे में गर्भवती महिला को अपने खान पान का खास ख्याल रखने की सलाह दी जाती है ताकि गर्भ में शिशु के विकास को तेजी से बढ़ने में मदद मिल सके।
गर्भावस्था के तीसरे महीने में क्या खाएं क्या नहीं
प्रेग्नेंट महिला को इस दौरान अपने खान पान पर ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है, क्योंकि इस समय गर्भ में शिशु के अंग विकसित हो चुके होते हैं, और अब उन्हें बेहतर शारीरिक विकास की जरूरत होती है। तो लीजिये आज हम आपको प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में गर्भवती महिला को अपनी डाइट में किन किन चीजों को शामिल करना चाहिए और किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या खाएं
आयरन व् फोलेट: गर्भावस्था के तीसरे महीने में शिशु के सिर का विकास सबसे ज्यादा होता है ऐसे में दिमाग के बेहतर विकास के लिए बॉडी में आयरन और ब्लड की मात्रा का पूरा होना बहुत जरुरी होता है ताकि शिशु के मस्तिष्क के विकास में किसी भी तरह की कमी न आए। ऐसे में महिला को हरी पत्तेदार सब्जियों, चुकंदर, अनार, संतरा, अंडे, ओटमील, आदि का भरपूर सेवन करना चाहिए।
डेयरी प्रोडक्ट्स: कैल्शियम व् प्रोटीन की मात्रा को बॉडी में भरपूर होने के कारण शिशु की मांसपेशियों और हड्डियों के बेहतर विकास में मदद मिलती है। ऐसे में महिला को डेयरी प्रोडक्ट्स यानी दूध व् दूध से बनी चीजों का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
विटामिन B6: प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में गर्भवती महिला को जी मिचलाने की समस्या अधिक हो सकती है ऐसे में इस परेशानी से बचने के लिए गर्भवती महिला को विटामिन B6 युक्त पदार्थ जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, अंडे आदि को अपनी डाइट में जरूर शामिल करना चाहिए।
तरल पदार्थ: बॉडी को हाइड्रेट रखने के लिए महिला को भरपूर मात्रा में पानी पीने के साथ नारियल पानी, ताजे फलों के रस का भरपूर सेवन करना चाहिए। क्योंकि इससे बॉडी में पानी की कमी को पूरा करने के साथ सभी जरुरी विटामिन्स भी बॉडी को मिलते हैं।
कार्बोहाइड्रेट: गर्भवती महिला को इस दौरान थकान व् कमजोरी अधिक महसूस हो सकती है ऐसे में बॉडी में ऊर्जा की मात्रा को पर्याप्त बनाए रखने के लिए महिला को कार्बोहाइड्रेट युक्त पदार्थ जैसे की आलू, चावल, आटे की ब्रेड आदि का सेवन भरपूर मात्रा में करना चाहिए।
गर्भवस्था के तीसरे महीने में क्या नहीं खाएं
अधपका मीट व् कच्चे अंडे: अधपका मीट नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसके कारण पेट सम्बन्धी समस्या होने के साथ गर्भपात होने का भी खतरा रहता है। साथ ही कच्चे अंडो के सेवन से भी परहेज करना चाहिए क्योंकि यह भी महिला के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
जंक फ़ूड: बाहर का खाना, मसालेदार व् तेलीय भोजन, कटे पड़े फल, स्ट्रीट फ़ूड, चाइनीज़ खाना आदि के सेवन से बचना चाहिए क्योंकि यह गर्भवती महिला के साथ गर्भ में शिशु के लिए भी नुकसानदायक हो सकते हैं।
डिब्बाबंद आहार: डिब्बाबंद आहार ज्यादा दिन चल सके इसके लिए इसमें कुछ अलग तरह के केमिकल मिलाएं जाते हैं जो गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। ऐसे में महिला को इन्हे सेवन से भी परहेज रखना चाहिए।
सी फूड : प्रेग्नेंट महिला को सी फूड नहीं खाना चाहिए क्योंकि इसमें मर्करी की मात्रा अधिक होती है जो की भ्रूण के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
नशा: शराब, तम्बाकू, धूम्रपान से भी इस दौरान महिला को परहेज रखना चाहिए। क्योंकि इससे गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक व् मानसिक विकास में कमी आ सकती है।
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या करे क्या नहीं
गर्भावस्था की पहली तिमाही बहुत ही ज्यादा मुश्किलों से भरी होने साथ बहुत ही नाजुक भी होती है। क्योंकि इस दौरान बरती गई लापरवाही के कारण महिला का गर्भपात हो सकता है। ऐसे में महिला को हर छोटी छोटी बात का ध्यान रखना बहुत जरुरी होता है। ताकि महिला के स्वास्थ्य और गर्भ में शिशु को किसी भी तरह का नुकसान न पहुंचें। तो लीजिये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में गर्भवती महिला को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या करना चाहिए
- डॉक्टर से चेकअप करवाने जरूर जाएँ। जिसमे वजन व् ब्लड प्रैशर की जांच करवाना सबसे जरुरी होता है।
- डॉक्टर द्वारा बताई गई सभी दवाइयों का सेवन समय से करें।
- प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में डॉक्टर अल्ट्रासॉउन्ड के लिए भी बोल सकते हैं, तो अपना स्कैन भी समय से करवाएं।
- खान पान का ध्यान रखे, नींद भरपूर लें, जितना हो सके बॉडी को आराम दें, तनाव न लें, और कोई भी असहज लक्षण महसूस होने पर एक बार डॉक्टर से राय जरूर लें।
- तनाव की समस्या से बचने के लिए आप मैडिटेशन कर सकते हैं क्योंकि इससे आपको आराम भी महसूस होता है।
प्रेगनेंसी के तीसरे महीने में क्या नहीं करें
- इस समय गर्भपात होने के चांस बहुत ज्यादा होते हैं ऐसे में महिला को यात्रा करने से बचना चाहिए।
- खाने में लापरवाही न करें।
- वजन के बढ़ने के डर से डाइटिंग न करें।
- तनाव से बचें।
- शारीरिक श्रम अधिक न करें।
- आराम करने से परहेज न करें।
- जितना हो सके बेड रेस्ट करें।
- ज्यादा चहलकदमी न करें।
तो यह हैं प्रेगनेंसी के तीसरे महीने से जुडी सम्पूर्ण जानकारी ऐसे में गर्भवती महिला को इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए। और किसी भी तरह की लापरवाही करने से बचना चाहिए ताकि गर्भ में पल रहे शिशु के बेहतर शारीरिक व् मानसिक विकास में मदद मिलने के साथ गर्भवती महिला के स्वास्थ्य को बेहतर रहने में भी मदद मिल सके।
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