प्रेगनेंसी के नौ महीनों को तीन -तीन महीने की तीन तिमाहियों में बांटा गया है। पहली तिमाही महिला के जहां बहुत नाजुक होती है वहीँ दूसरी तिमाही में महिला की दिक्कतें थोड़ी कम हो जाती है लेकिन तीसरी तिमाही में महिला का वजन और बच्चे का विकास तेजी से होने के कारण महिला की दिक्कत थोड़ी बढ़ जाती है।
लेकिन यह भी सच है की महिला को प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने अपना अच्छे से ध्यान रखने की जरुरत होती है साथ ही महिला को इस बात का ध्यान रखना जरुरी होता है की महिला को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए। आज इस आर्टिकल में हम आपको गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के 3 से 6 महीने में क्या करना चाहिए क्या नहीं इसके बारे में बताने जा रहे हैं।
प्रेगनेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर में क्या करना चाहिए
गर्भावस्था की दूसरी तिमाही में महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए यह तो आप सभी जानते हैं और शायद प्रेग्नेंट महिला को राय भी देते हैं। लेकिन इस दौरान क्या करना चाहिए आइये उसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
खाने पीने का ध्यान रखें
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला को अपने खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि इस दौरान बच्चे के अंग बन चुके होते हैं और उनका विकास हो रहा होता है ऐसे में शिशु के विकास में कोई कमी नहीं हो साथ ही महिला की सेहत भी अच्छी रहे इसके लिए महिला को अपनी डाइट अच्छे से लेनी चाहिए। इसके अलावा महिला को हर दो घंटे में कुछ न कुछ खाते रहना चाहिए ताकि शरीर में पोषक तत्वों की कमी और एनर्जी को बरकरार रहने में मदद मिल सकें।
अपनी डाइट में बदलाव करें
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर सकती है जिनका सेवन महिला पहली तिमाही में नहीं कर सकती थी जैसे की अंडा, ड्राई फ्रूट्स, चिकन, आदि। क्योंकि यह सभी खाद्य पदार्थ माँ व् बच्चे दोनों के लिए बहुत ज्यादा हेल्दी होते हैं।
भरपूर नींद लें
गर्भवती महिला को अपनी नींद में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करनी चाहिए और भरपूर नींद लेनी चाहिए। क्योंकि भरपूर नींद लेने से गर्भवती महिला की शारीरिक परेशानियां को कम करने में मदद मिलती हैं, महिला स्ट्रेस फ्री रहती है साथ ही महिला को एक्टिव रहने में मदद मिलती है।
खुश रहें
गर्भवती महिला को खुश रहना चाहिए क्योकि खुश रहने से महिला को तनाव के कारण होने वाली दिक्कतों से बचे रहने में मदद मिलती है। इसके अलावा खुश रहने से गर्भ में शिशु के विकास पर भी अच्छा असर पड़ता है जिससे गर्भ में शिशु ज्यादा एक्टिव भी रहता है।
विटामिन्स का समय से सेवन करें
गर्भवती महिला को डॉक्टर्स द्वारा जिन विटामिन्स को लेने की सलाह दी गई है महिला को उन विटामिन्स का समय से सेवन करना चाहिए। इससे गर्भवती महिला के शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा को सही रहने में मदद मिलती है। जिसेस माँ व् बच्चे को पोषक तत्वों की कमी के कारण होने वाली समस्या से बचे रहने में मदद मिलती है।
डॉक्टर को समय से दिखाएं
प्रेग्नेंट महिला को डॉक्टर्स से अपने सभी चेकअप समय से करवाने चाहिए इससे महिला को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है साथ ही यदि कोई दिक्कत होती है तो उसका भी समय से पता चल जाता है और समय से ही उसका इलाज हो जाता है।
थोड़ा बहुत व्यायाम भी करें
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला को सारा दिन बेड़ पर रहकर आराम ही नहीं करना चाहिए बल्कि महिला को थोड़ी देर व्यायाम, योगासन, वाक आदि भी करना चाहिए। क्योंकि जितना महिला एक्टिव रहती है उतना ही गर्भ में शिशु को भी स्वस्थ रहने में मदद मिलती है।
आरामदायक कपडे पहनें
प्रेगनेंसी के चौथे महीने और उसके बाद धीरे धीरे महिला का पेट बाहर की तरफ आने लगता है। ऐसे में महिला को ज्यादा टाइट कपडे नहीं पहनने चाहिए। क्योंकि इसकी वजह से महिला के पेट पर दबाव बढ़ सकता है। जिसकी वजह से महिला को परेशानी हो सकती है ऐसे में महिला को थोड़े खुले और आरामदायक कपडे पहनने चाहिए। जिससे महिला को दिक्कत नहीं हो साथ ही महिला को ज्यादा ऊँचे जूते चप्पल आदि भी नहीं पहनने चाहिए।
नए एक्सपीरियंस का अनुभव करें
प्रेगनेंसी की दूसरी तिमाही में महिला के गर्भ में पल रहा शिशु हलचल शुरू करने लगता है ऐसे में महिला को प्रेगनेंसी के दौरान इस समय अपने नए एक्सपीरियंस का अनुभव करना चाहिए और इन पलों को एन्जॉय करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के दूसरे ट्राइमेस्टर में क्या नहीं करना चाहिए
गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दूसरे महीने में कुछ ऐसे काम भी हैं जो नहीं करने चाहिए क्योंकि उन्हें करने से माँ व् बच्चे को नुकसान पहुँचने का खतरा रहता है। तो आइये अब जानते हैं की वो काम कौन से हैं।
भारी सामान नहीं उठाएं
प्रेग्नेंट महिला को भारी सामान नहीं उठाना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से महिला को ब्लीडिंग, पेट दर्द, कमर दर्द आदि की समस्या होने का खतरा बढ़ जाता है।
उठते बैठने में लापरवाही नहीं करें
महिला को उठने, बैठने, लेटने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए जैसे की ज्यादा तेजी से या झटके से उठना या बैठना नहीं चाहिए। क्योंकि ऐसा करने से माँ व् बच्चे दोनों को दिक्कत हो सकती है।
नशे का सेवन नहीं करें
प्रेग्नेंट महिला को किसी भी तरह के नशे का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि गर्भवती महिले के नशे के सेवन करने से गर्भ में पल रहे शिशु के शारीरिक व् मानसिक विकास में कमी आ सकती है।
पेट के बल नहीं सोएं
गर्भवती महिला को पेट के बल नहीं सोना चाहिए क्योंकि पेट के बल सोने से गर्भ में शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही महिला को पेट में दर्द जैसी समस्या का सामना भी करना पड़ सकता है।
ज्यादा टाइट कपड़ें नहीं पहने
प्रेग्नेंट महिला को ज्यादा टाइट कपडे नहीं पहनने चाहिए क्योंकि इसके कारण पेट पर दबाव पड़ सकता है जिसकी वजह से गर्भ में शिशु असहज महसूस कर सकता है।
पैर लटकाकर नहीं बैठें
गर्भवती महिला को लम्बे समय तक पैर लटकाकर नहीं बैठने चाहिए क्योंकि इसकी वजह से ब्लड फ्लो में दिक्कत आ सकती है जिसकी वजह से महिला को पैरों में सूजन की समस्या हो सकती है इसके अलावा महिला को लम्बे समय तक एक ही जगह पर खड़े रहकर भी काम नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से भी महिला को यह दिक्कत हो सकती है।
पेट के बल कोई काम नहीं करें
प्रेग्नेंट महिला को पेट के बल भी कोई काम नहीं करना चाहिए क्योंकि इसकी वजह से गर्भ में शिशु को परेशानी होने का खतरा बढ़ जाता है।
ट्रैवेलिंग से बचें
गर्भावस्था के दौरान महिला को ट्रैवेलिंग से भी बचना चाहिए क्योंकि इसके कारण महिला को कमर दर्द, पैरों में दर्द, थकान, कमजोरी जैसी समस्या होने के साथ झटका आदि लगने की वजह से भी दिक्कत होने का खतरा हो सकता है। जिससे माँ व् बच्चे दोनों को दिक्कत हो सकती है।
खाने पीने में लापरवाही नहीं करें
प्रेग्नेंट महिला को खाने पीने में भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए क्योंकि यदि प्रेग्नेंट महिला अपने खाने पीने का ध्यान नहीं रखती है तो इसकी वजह से माँ व् बच्चा दोनों को ही सेहत सम्बन्धी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। खाने के साथ महिला को दिन भर में पानी का भी भरपूर सेवन करना चाहिए क्योंकि पानी की कमी के कारण भी माँ व् बच्चे दोनों को दिक्कतें अधिक हो सकती है।
तो यदि आप भी माँ बनने वाली है और आपकी प्रेगनेंसी का दूसरी ट्राइमेस्टर चल रहा है तो आपको भी इन टिप्स को जरूर फॉलो करना चाहिए ताकि माँ व् बच्चे दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सकें।