प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में दर्द होने पर क्या करें, लेबर पेन होने पर अपनाएँ यह टिप्स, प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में ध्यान रखें यह बातें, गर्भवती महिला को पेट में अधिक दर्द होने पर क्या करना चाहिए
प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने किसी भी गर्भवती महिला के लिए बहुत अहम होते हैं। लेकिन पहले और आखिरी चरण में गर्भवती महिला को अपना और ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि शुरुआत में जहां थोड़ी सी लापरवाही गर्भपात की समस्या खड़ी कर सकती है। वहीँ प्रेगनेंसी के आखिरी चरण में की गई गलतियां समय से पहले डिलीवरी की नौबत ला सकती है। इसीलिए महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए। लेकिन कई बार प्रेगनेंसी के अंतिम महीने में होने वाले पेट दर्द को लेकर महिला परेशान हो जाती है। क्योंकि पेट में दर्द होने के कारण उन्हें ऐसा महसूस हो सकता है की कहीं डिलीवरी तो नहीं होने वाली है।
लेकिन आपको यह पता होना चाहिए की यदि लेबर पेन होता भी है तो दर्द होते ही डिलीवरी नहीं हो जाती है। इसीलिए घबराने की बजाय आपको शांति से काम लेना चाहिए, ताकि गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को ही किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े। साथ ही लेबर पेन एक दम से शुरू नहीं हो जाता है, जो आपको किसी तरह की परेशानी हो। तो लीजिये आज हम आपको ऐसे ही कुछ टिप्स बताने जा रहे हैं की जिनसे आपको यह पता चलेगा की यदि प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में दर्द होने पर आप क्या क्या कर सकते हैं, लेकिन उससे पहले जानते हैं की लेबर पेन होने पर कैसा महसूस होता है।
लेबर पेन होने पर कैसा महसूस होता है
प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में लेबर पेन हर महिला को एक जैसा हो यह कह पाना थोड़ा मुश्किल होता है। क्योंकि कुछ महिलाओं को एक दम से तेज दर्द शुरू हो जाता है, तो कुछ महिलाओं को शुरुआत में हल्का दर्द होता है और फिर ठीक हो जाता है, और फिर दुबारा से दर्द होने लग जाता है। इस तरह के दर्द हो फाल्स लेबर पेन कहते हैं। ऐसे में जब आपको लेबर पेन होता है तो पेट या कमर के निचले हिस्से में अधिक दर्द महसूस होता है। साथ ही हो सकता है दर्द के साथ प्राइवेट पार्ट से गाढ़ा चिपचिपा पदार्थ या हल्का रक्तस्त्राव भी हो। ऐसे में जितना जल्दी हो सके आपको डॉक्टर को सपर्क करना चाहिए।
प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में दर्द होने पर क्या करें
सबसे पहले तो प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में आपको एक बात का ध्यान रखना चाहिए की आपको एक बैग पैक करके रखना चाहिए, ताकि जब भी आपको लेबर पेन हो तो आप तनाव में न आएं और अपना सामान उठाकर समय से हॉस्पिटल में चले जाएँ। उसके अलावा दर्द होने पर आपको क्या क्या करना चाहिए आइये जानते हैं।
तनाव न लें
जिन महिलाओं की पहली प्रेगनेंसी होती है, हो सकता है नौवें महीने में होने वाले दर्द के कारण उन्हें समझ न आये की यह फाल्स पेन है या रियल, जिसके कारण महिला हो सकता है तनाव ले लें। लेकिन महिला को तनाव नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे उसकी परेशानी बढ़ सकती है। और तनाव लेने की जगह महिला को जानना चाहिए की लेबर पेन जब होता है तो कैसा महसूस होता है, इससे महिला को दर्द होने पर अहसास हो जायेगा की कई घबराने की बात तो नहीं है। लेबर पेन के बारे में जानकारी के लिए डॉक्टर्स, इंटरनेट, घर के बड़े बुजुर्ग आदि बेहतर तरीके से महिला को बता सकते है।
डरें नहीं
प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में आते आते महिला का वजन पूरी तरह बढ़ जाता है, साथ ही गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण मांसपेशियों में भी खिंचाव अधिक होने लग जाता ऐसे में पेट में हल्का फुल्का दर्द होना आम बात होती है। और ऐसा होने पर महिला को डरना नहीं चाहिए। बल्कि जितना हो सके दर्द से आराम के लिए अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, लेकिन यदि तेज महसूस हो तो जितना जल्दी हो सके बिना डर और घबराहट के हॉस्पिटल जाना चाहिए।
लेबर के लक्षण का ध्यान रखें
प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में लेबर पेन कब शुरू हो जाए इस बात के बारे में पूरी तरह से कह पाना मुश्किल होता है। ऐसे में लेबर पेन कैसे शुरू होता है, लेबर पेन होने पर कैसा महसूस होता है, इसके बारे में महिला को अच्छे से जानकारी इक्कठा करनी चाहिए यदि महिला और दर्द का अहसास हो तो महिला जान पाए की लेबर पेन शुरू हुआ है या नहीं।
डॉक्टर से बात करें
यदि आप दर्द रुक रुक कर बढ़ रहा है तो ऐसे में आपको तुरंत डॉक्टर से बात करनी चाहिए, और डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। ताकि डॉक्टर आपको अच्छे से राय दें, और यदि आपका हॉस्पिटल जाने का समय आ गया है तो आप समय से बिना किसी परेशानी के हॉस्पिटल पहुँच जाएँ।
वॉक करें
यदि आप हल्के फुल्के दर्द का अहसास हो रहा है तो आपको वॉक करनी चाहिए, इससे यदि लेबर पेन होगा तो दर्द बढ़ जायेगा, नहीं तो आपको आराम आ जायेगा। और यदि दर्द कम न हो तो आपको जितना जल्दी हो सके डॉक्टर के पास पहुँच जाना चाहिए।
लेबर को आसान बनाएं
गर्भवती महिला यदि प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में दर्द का अहसास होने पर यदि तनाव लेती है, जल्दबाज़ी में कोई गलती करती है तो इसके कारण महिला को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में महिला को लेबर को आसान बनाने की कोशिश करनी चाहिए, जैसे की दर्द होने पर नीचे की तरफ पुश करने की कोशिश करनी चाहिए जिससे जितना जल्दी हो सके आसानी से डिलीवरी हो जाए।
प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में डॉक्टर से कब बात करें
- यदि आपको पेट में बहुत अधिक दर्द का अहसास हो।
- प्राइवेट पार्ट से रक्तस्त्राव होने पर।
- यदि आपको प्राइवेट पार्ट से यूरिन की तरह सफ़ेद, गाढ़ा, चिपचिपा पदार्थ निकलता हुआ महसूस हो।
- डॉक्टर की देय तिथि के बाद भी यदि आपको लेबर के लक्षण बॉडी में न देखे दे तो भी आपको डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका आपको प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में दर्द का अहसास होने पर ध्यान रखना चाहिए, और बिलकुल भी घबराना चाहिए क्योंकि हो सकता है की घबराहट और जल्दी में आप किसी तरह की लापरवाही कर दें, जिससे डिलीवरी के दौरान आपको परेशानी का सामना करना पड़े।