प्रेगनेंसी के अंतिम दिनों में रखे यह सावधानियां, प्रेगनेंसी का नौवा महीना, प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में रखें इन बातों का ध्यान, प्रेगनेंसी के अंतिम चरण में रखें यह ध्यान, Tips for final stage of pregnancy
प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने महिला के शरीर में बहुत से उतार चढ़ाव आते हैं। लेकिन प्रेगनेंसी का पहला और आखिरी महीना महिला के लिए सबसे ज्यादा अहम होता है। इस दौरान महिला को अपना सबसे ज्यादा ध्यान रखना पड़ता है, क्योंकि शुरूआती दिनों में जहां गर्भपात का डर होता है वहीँ अंतिम दिनों में की गई लापरवाही गर्भ में पल रहे शिशु और महिला की सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव डाल सकती है, साथ ही ऑपरेशन होने की सम्भावना भी हो जाती है। इस दौरान महिला का वजन अधिक होने के कारण महिला को परेशानी हो सकती है लेकिन उसे अपना दुगुना ध्यान रखना चाहिए। तो आइये अब विस्तार से जानते हैं की प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में कौन कौन सी सावधानियां बरतनी चाहिए।
उठने, बैठने, चलने का ध्यान रखें
वजन अधिक हो जाने के कारण महिला को उठने बैठने में परेशानी हो सकती है, ऐसे में महिला को उठते बैठते समय सहारा लेना चाहिए। चलते समय ज्यादा तेजी नहीं करनी चाहिए, हाई हील्स नहीं पहननी चाहिए, ज्यादा सीढ़ियां नहीं चढ़नी चाहिए, आदि। क्योंकि ऐसा करने से गर्भ में शिशु को परेशानी का अनुभव होने के साथ महिला को भी थकावट हो सकती है।
खाने में न करें लापरवाही
वैसे तो प्रेगनेंसी का पूरा समय खान पान का अच्छे से ध्यान रखना चाहिए, लेकिन आखिरी महीने में शिशु का विकास तेजी से होता है, जिसके लिए पोषक तत्व भरपूर चाहिए होते हैं। साथ ही यदि महिला अपने खान पान का ध्यान न रखें तो महिला के शरीर में कमजोरी या अन्य कोई समस्या हो सकती है जिसके कारण नोर्मल डिलीवरी के चांस भी कम हो जाते हैं। इसीलिए शिशु के बेहतर विकास और महिला को स्वस्थ रहने के लिए प्रेगनेंसी के आखिरी दिनों में खान पान के साथ लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
शरीर पर ज्यादा जोर न डालें
प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में महिला का एक्टिव रहना जरुरी होता है, ताकि शिशु भी एक्टिव रह सके। लेकिन कुछ महिलाएं नोर्मल डिलीवरी के चक्कर में अपने शरीर पर जोर डालने लगती है, लेकिन आपको ऐसा नहीं करना चाहिए। क्योंकि यदि आप शरीर पर जोर डालती हैं तो इसके कारण शिशु को परेशानी हो सकती है, साथ ही आपको भी किसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए।
सोते समय रखें ध्यान
वजन बढ़ने के कारण प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में सोने में समस्या हो सकती है। ऐसे में आपको उल्टा होकर या सीधे होकर नहीं सोना चाहिए, क्योंकि उल्टा होकर सोने से जहां पेट पर जोर पड़ता है, वहीँ सीधे होकर सोने से ब्लड फ्लो अच्छे से नहीं हो पाता है। ऐसे में आपको करवट लेकर सोना चाहिए, खासकर बाईं तरफ करवट लेकर सोना चाहिए यह प्रेगनेंसी के दौरान सोने के लिए सबसे आरामदयाक पोजीशन होती है। और एक दिन में आठ से दस घंटे जरूर सोना चाहिए।
दर्द और प्राइवेट पार्ट से स्त्राव होने का ध्यान रखें
पेट में हल्का दर्द होना प्रेगनेंसी में आम बात होती है, लेकिन यदि आपको ऐसा लगे की पेट या पीठ में बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है। तो यह लेबर पेन का लक्षण हो सकता है, साथ ही यदि प्राइवेट पार्ट से यदि पानी जैसा अधिक स्त्राव हो या ब्लड के दाग लगे तो इसे भी इग्नोर नहीं करना चाहिए और जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। क्योंकि यह एक लक्षण होता है जो बताता है की अब नन्हा मेहमान आपके हाथों में आने वाला है।
डॉक्टर के संपर्क में रहें
प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में आपको डॉक्टर से लगातार संपर्क में रहना चाहिए, और अपनी डिलीवरी डेट का ध्यान रखना चाहिए। यदि डिलीवरी डेट से पहले कोई परेशानी हो या डिलीवरी डेट जाने के बाद भी आपको कुछ महसूस न हो तो ऐसे में आपको देरी न करते हुए डॉक्टर से राय लेनी चाहिए।
तो यह हैं कुछ खास टिप्स जिनका ध्यान आपको प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में जरूर रखना चाहिए। इसके अलावा आपको एक बैग भी तैयार करके रखना चाहिए जिसमे की डिलीवरी के बाद आपको हॉस्पिटल में किन किन चीजों की जरुरत है वो सामान उसमे हो। साथ ही कोई भी परेशानी होते ही देरी न करते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ताकि माँ और शिशु दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।