प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में क्या नहीं खाएं, गर्भावस्था का आठवां नौवां महीना महिला के लिए बहुत ज्यादा अहम होता है। क्योंकि इस समय शिशु का विकास तेजी से होने के साथ महिला के शरीर में बहुत से बदलाव भी हो सकते हैं। साथ ही शिशु के जन्म लेने का समय जैसे जैसे करीब आ रहा होता है वैसे वैसे महिला भावनात्मक रूप से भी बदलाव महसूस कर सकती है। प्रेगनेंसी में आठवें नौवें महीने में महिला को बार बार यूरिन पास करने की इच्छा, स्तनों में रिसाव, शिशु की हलचल में बढ़ोतरी, कब्ज़ की समस्या का बढ़ना जैसे लक्षण बॉडी में महसूस हो सकते हैं।
ऐसे में महिला या शिशु को प्रेगनेंसी के आखिरी समय में अपना बहुत ज्यादा ध्यान देने की जरुरत होती है। और यह ध्यान केवल महिला को अपने द्वारा किये जाने वाले काम में ही नहीं देना है। बल्कि महिला को अपने खान पान में भी सावधानी बरतनी है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन प्रेग्नेंट महिला को आठवें नौवें महीने में नहीं करना चाहिए। क्योंकि उन खाद्य पदार्थों का सेवन करने से महिला को ही नहीं बल्कि शिशु को भी नुकसान पहुँच सकता है।
प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में न लें कैफीन
- प्रेगनेंसी के आठवें नौवें महीने में महिला को अधिक मात्रा में कैफीन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- जैसे की चाय, कॉफ़ी, चॉकलेट आदि के सेवन से परहेज करना चाहिए।
- क्योंकि कैफीन का सेवन अधिक करने से गर्भ में पल रहे शिशु के वजन में कमी, शिशु को जन्म दोष, समय से पहले ही डिलीवरी होने की समस्या हो सकती है।
- यदि आप चाय पीना ही चाहती है तो एक दिन में एक या दो कप ही पीएं, और यह भी नहीं है की एक बार में ही गिलास भरकर बैठ जाएँ।
- खाली पेट चाय कॉफ़ी का सेवन बिल्कुल भी न करें।
कृत्रिम मिठास
- बाहर से खाई जाने वाली मीठी मिठाइयों व् अन्य मीठी चीजों से भी परहेज करना चाहिए।
- क्योंकि इस तरह की चीजों को मीठा करने के लिए केमिकल यानी कृत्रिम शुगर का इस्तेमाल किया जा सकता है।
- जो महिला व् शिशु दोनों को नुकसान पहुंचा सकता है।
- ऐसे में यदि आपका मीठा खाने का मन करता है तो फल, फलों का रस, खीर या अन्य किसी मीठी चीज को घर में बनाकर ही उसका सेवन करें।
प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में नहीं खाएं जंक फ़ूड
- प्रेगनेंसी के आठवें नौवें महीने में वजन बढ़ने के कारण पाचन क्रिया धीमी पड़ सकती है।
- ऐसे में यदि आप जंक फ़ूड का भी सेवन करते हैं तो इसके कारण आपकी पाचन क्रिया पर बुरा असर पड़ सकता है।
- जिसके कारण कब्ज़, डायरिया, सीने में जलन, पेट में दर्द, खट्टी डकार जैसी परेशानियां हो सकती है।
सी फ़ूड
- समुंद्री भोजन जैसे की मछली का सेवन करने से भी गर्भवती महिला को परहेज करना चाहिए।
- खासकर जिन मछलियों में मर्करी की मात्रा की अधिकता होती है उनका सेवन तो बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि मर्करी आपके पेट में पल रहे बच्चे को बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा सकती है।
- जिसके कारण शिशु को जन्म दोष, शिशु के जन्म के समय वजन में कमी जैसी परेशानियां हो सकती है।
प्रेगनेंसी के अंतिम महीनों में नहीं खाएं कच्चा मास
- अच्छे से न पके हुए या कच्चे मास का सेवन भी गर्भवती महिला को आठवें नौवें महीने में नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि इसमें मौजूद बैक्टेरिया माँ के पेट में पल रहे बच्चे पर बुरा असर डाल सकता है।
- जिसके कारण शिशु को जन्म दोष होने का खतरा हो सकता है।
कच्चे अंडे
- कच्चे अंडो का सेवन भी प्रेग्नेंट महिला को आठवें नौवें महीने में नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि कच्चे अण्डों में मौजूद लिस्टेरिया, साल्मोनेला बैक्टेरिया शिशु के विकास को प्रभावित कर सकते हैं।
- जिससे शिशु के वजन में कमी, महिला या शिशु को इन्फेक्शन, समय पूर्व प्रसव जैसी परेशानियां हो सकती है।
नशीली चीजें
- प्रेग्नेंट महिला को आठवें नौवें महीने में नशीली चीजें जैसे की शराब, तम्बाकू, धूम्रपान आदि का सेवन करने से भी बचना चाहिए।
- क्योंकि इसका बुरा प्रभाव शिशु के शारीरिक व् मानसिक विकास पर पड़ सकता है।
- साथ ही इसके कारण शिशु को जन्म दोष होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
गैर पॉश्चयरकृत दूध
- गर्भवती महिला को गैर पॉश्चयरकृत दूध व् उससे बनी चीजों का सेवन भी नहीं करना चाहिए।
- क्योंकि इसमें लिस्टेरिया नामक बैक्टेरिया मौजूद होता है।
- जो गर्भवती महिला व् शिशु दोनों को सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।
तो यह हैं कुछ आहार जिनका सेवन करने से प्रेग्नेंट महिला को आठवें नौवें महीने में बचना चाहिए। ताकि महिला व् शिशु दोनों को स्वस्थ रहने में मदद मिल सके और डिलीवरी के दौरान किसी भी तरह की परेशानी हो।